राजधानी दिल्ली के अलावा देशभर में 24 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थान मथुरा से लेकर साउथ तक जन्माष्टमी काफी खास अंदाज में मनाई जाती है। तो आज हम बात करेंगे  उन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जहां श्री कृष्ण के जन्मदिन को मनाने के लिए दूर-दूर से लोग आते है और हजारों की संख्या में एकत्रित हो कर एक साथ खूब धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। आपको बता दें श्री कृष्ण को चाहने वाले केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले निवासी भी हैं, जोकि इस खास पर्व पर एक साथ एकत्रित हो कर खुशी के साथ झूमते हैं। 
 
1.मथुरा, वृंदावन  
मथुरा और वृंदावन में भगवान कृष्ण और देवी राधा से जुड़े कई धार्मिक स्थल हैं, जहां त्योहार के मौके पर अक्सर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

 यूं तो यहां बहुत मंदिर है, जिनमें कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। लेकिन प्रेम मंदिर, ISKCON मंदिर और गोवर्धन मंदिर, जयपुर मंदिर समेत कई ऐसे पवित्र स्थान है, जहां आप अपनी यादगार जन्माष्टमी मना सकते हैं।

 
2.द्वारका, गुजरात 
यह वह स्थान है, जहां कृष्ण ने अपने माता-पिता को रिहा करने के लिए अपने मामा की हत्या कर दी थी। यहां के मंदिरों में रात होते ही उत्सव, नृत्य और मिठाई के आदान-प्रदान के साथ शुरू होता है।

द्वारका में ऐसे बहुत मंदिर हैं, जिन्हें इस त्योहार के दौरान सजाया जाता है जिसे देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। 

 
3.मुंबई, महाराष्ट्र  
अगर आपको दही आंडी देखनी है तो मुंबई जा कर आप कृष्ण जन्माष्टमी का लुफ्त उठा सकते हैं।

इस परंपरा में रंग-बिरंगे कपड़े पहने युवक यानी गोविंदा दही की हांडी तक पहुंचने के लिए मानवीय पिरामिड बनाते हैं और हवा में लटकती हांडी को तोड़ते हैं। यह देखना आपके लिए काफी यादगार दृश्य रहेगा। 

 
4.पुरी, उड़ीसा
उड़ीसा के पुरी में जन्माष्टमी त्योहार की धूम दो हफ्ते पहले ही शुरू हो जाती है। यहां बड़ी तादाद में कल्चरल प्रोग्राम्स का आयोजन किया जाता है।

इन दो सप्ताह में लगातार श्रीकृष्ण की झांकी निकाली जाती है। आप श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पुरी जाएंगे तो यह अनुभव कभी भूल नहीं पाएंगे। 

 
5.गुरुवायुर मंदिर, केरल
केरल के इस मंदिर को दूसरा द्वारका माना जाता है। यह एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ है। इस मंदिर भगवान कृष्ण के बालरूप की पूजा होती है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि देवगुरु बृहस्पति और वायुदेव ने इस मंदिर की स्थापना की थी।

 

इसलिए इस मंदिर का नाम गुरुवायु मंदिर रखा गया है। इस मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।