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इस साल जन्माष्टमी 24 अगस्त को है और हर जगह कृ्ष्ण के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि श्री कृष्ण की कितनी पत्नियां और कितने पुत्र थे? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं। भगवान श्री कृष्ण की 8 पत्नियां थी और हर पत्नी से उन्हें 10 पुत्रों की प्राप्ती हुई थी। यानी की कुल मिला कर उनके 80 पुत्र थे। तो चलिए जानते हैं कृष्ण की 8 पत्नियों के बारे में-
1.रुक्मणी
महाभारत के अनुसार कृष्ण ने स्वयं रुक्मणि का हरण कर उनसे विवाह किया था। कृष्ण-रुक्मणि एक दूसरे से प्रेम करते थे और विवाह करना चाहते थे। वहीं विदर्भ के राजा भीष्मक अपनी पुत्री रुक्मणि का विवाह भी कृष्ण के ही साथ करवाना चाहते थे। लेकिन रुकमणी के पांच भाईयों में से एक भाई रुक्म को यह मंजूर नहीं था कि उसकी बहन का विवाह श्री कृष्ण से हो। इसी के चलते कृष्ण को रुक्मणि का हरण करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने उनसे शादी रचाई।
विवाह के बाद रुक्मणी के आठ पुत्र हुए थे. जिनके नाम- प्रद्युम्न, चारूदेष्ण, सुदेष्ण, चारूदेह, सुचारू, विचारू, चारू, चरूगुप्त, भद्रचारू, चारूचंद्र।
2.सत्यभामा
कृष्ण की दूसरी पत्नी सत्यभामा के पिता सत्राजीत थे, जो कि शक्तिसेन के नाम से भी जाने जाते हैं।
विवाह के बाद सत्यभामा के आठ पुत्र हुए और उनके नाम थे- भानु, सुभानु, स्वरभानु, प्रभानु, भानुमान, चंद्रभानु, वृहद्भानु, अतिभानु, श्रीभानु और प्रतिभानु।
3.जाम्बवंती
कृष्ण की पत्नी जाम्बवंती, निषाद राज जाम्बवन की पुत्री थी। विवाह के बाद जाम्बवंती के भी आठ पुत्रों को जन्म दिया।
जाम्बवंती के पुत्रों के नाम थे- साम्ब, सुमित्र, पुरूजित, शतजित, सहस्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ व क्रतु।
4.कालिंदी
कृष्ण की पत्नी कालिंदी, खांडव वन की रहने वाली थी। यही पर पांडवों का इंद्रप्रस्थ बना था।
कालिंदी के पुत्रों के नाम थे- श्रुत, कवि, वृष, वीर, सुबाहु, भद्र, शांति, दर्श, पूर्णमास एवं सोमक।
5.मित्रविंदा
मित्रविंदा, अवन्तिका की राजकुमारी थी। कहा जाता है एक दिन कृष्ण वन विहार के दौरान अर्जुन के साथ उज्जयिनी गए और वहां की राजकुमारी मित्रविन्दा को स्वयंवर से वर लाए।
मित्रविंदा के पुत्रों के नाम थे- वृक, हर्ष, अनिल, गृध, वर्धन, अन्नाद, महांश, पावन, वहिन और क्षुधि।
6.सत्या
कृष्ण की पत्नी सत्या राजा कौशल की पुत्री थी। सत्या को भी श्री कृष्ण ने स्वयंवर में से जीत कर अपनी पत्नी बनाया था।
विवाह के बाद सत्या के आठ बेटे हुए थे और उनके नाम थे- वीर, अश्वसेन, चंद्र, चित्रगु, वेगवान, वृष, आम, शंकु, वसु और कुंत।
7.लक्ष्मणा
भद्र देश की राजकुमारी लक्ष्मणा कृष्ण को चाहती थीं और वह कृष्ण से विवाह करना चाहती थी, लेकिन उनके वाले परिवार कृष्ण से विवाह के लिए राजी नहीं थे। तब लक्ष्मणा से विवाह करने के लिए श्री कृष्ण अकेले ही उनका हरण कर ले आए और उनसे विवाह रचा लिया। लक्ष्मणा, वृहत्सेना की पुत्री थी।
लक्ष्मणा के पुत्रों के नाम थे- प्रघोष, गात्रवान, सिंह, बल, प्रबल, ऊध्र्वग, महाशक्ति, सह, ओज एवं अपराजित।
8.भद्रा
कृष्ण की अंतिम पत्नी भद्रा केकय कन्या थी। भद्रा और उसके भाई कृष्ण से उसका विवाह करना चाहते थे। भद्रा की बुआ और भाईयों की इच्छा पूरी करने के लिए कृष्ण ने पूरे विधि-विधान से भद्रा के साथ विवाह किया था। भद्रा बेहद खूबसूरत थी।
भद्रा के आठ पुत्रों के नाम थे- संग्रामजित, वृहत्सेन, शूर, प्रहरण, अरिजित, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक।
आपको बता दें, कहा जाता है कि श्री कृष्ण की इन आठ पत्नियों के अलावा 16100 और पत्नियां थीं। अब आप यह सोच रहे होंगे कि यह कैसे सम्भव है? तो आपको बता दें श्री कृष्ण ने 16100 कन्याओं को नरकासुर राक्षस का वध कर मुक्त कराया था और अपने यहां आश्रय दी थी। इन सभी कन्याओं ने श्री कृष्ण को अपने पति स्वरुप मान लिया था।
तभी से यह कहा जाता है कि श्री कृष्ण की हजारों की संख्या में पत्नियां थी।