Emotionally Independent Children
Emotionally Independent Children

Summary: इमोशनली स्ट्रॉन्ग बच्चे ही बनते हैं लाइफ में विनर

आज के दौर में बच्चों को सिर्फ इमोशनल होना नहीं, बल्कि इमोशनली इंडिपेंडेंट होना भी ज़रूरी है।

Emotionally Independent Children: हर दौर में कुछ ना कुछ अच्छी चीजें होती हैं और कुछ नेगेटिव पॉइंट्स भी होते हैं। इस समय की बात करें तो लोग आजकल बहुत स्ट्रेस में हैं। यहां तक कि हम अपने इमोशंस को भी ना सही तरह से एक्स्प्रेस कर पा रहे हैं और ना इन्हें मैनेज कर पा रहे हैं। हम सभी कितना भी खुद को प्रैक्टिकल क्यों ना मान लें। लेकिन यह सच है कि हम सभी इंसान हैं और हमारा इमोशनल होना लाजिमी बात है। लेकिन आज के इस भागा दौडी के युग में सिर्फ इमोशनल होने से काम नहीं चलने वाला आपको इमोशनली इंडिपेंडेंट होना भी जरुरी होता है। खासकर बच्चों के लिए यह बहुत जरुरी है। अगर आप भी कुछ टिप्स को फॉलो करेंगे तो अपने बच्चों को इमोशनली इंडिपेंडेंट बना सकते हैं।

क्या है इमोशनल इंडिपेंडेंस

इमोशनल तो हम सभी स्वाभाविक रुप से होते ही हैं लेकिन आपके लिए यह जानना नितांत आवाश्यक है कि इमोशनल इंडिपेंडेंस क्या है? अपने इमोशंस को अपने स्तर पर मैनेज कर लेना, अपनी खुशियों के लिए दूसरों पर निर्भर ना रहना, अपने निजी और प्रोफेशनल निर्णय आत्मविश्वास के साथ लेना, परिस्थतियों को समझकर अपने रिश्तों को मैनेज कर लेना ही इमोशनल इंडिपेंडेंस में शामिल होता है। इमोशनली इंडिपेंडेंट लोग आत्मविश्वासी और निडर होते हैं। यह कारण है कि यह लोग जीवन में जोखिम लेने से भी नहीं कतराते।

सबसे पहले बनाएं इंडिपेडेंट

स्वाभाविक सी बात है कि आप भी अपने बच्चे को इमोशनली इंडिपेडेंट बनाना चाहती हैं तो उसका सबसा पहला कदम यह है कि आपको उन्हें उनके कुछ कामों के लिए इंडिपेंडेंट बनाना होगा। बच्चे जब छोटे होते हैं तब उन्हें बेशक हमारी बहुत जरुरत होती हैं। हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहते, लेकिन एक उम्र के बाद आप उन्हें अपने काम करने का मौका दें। ऐसा नहीं है कि आप उन पर नजर ना रखें। उन्हें गलतियां करने दें। उन गलतियों से सीखने दें। यही चीजें आगे चलकर उनके अनुभव बनेंगी। वो जिम्मेदारी लेना सीखेंगे और अपने इमोशंस को मैनेज करना भी।

बनने दें इमोशनल फूल

A young boy sits quietly by a window with sheer curtains, gazing outside at the cloudy sky and raindrops on the glass, creating a mood of loneliness and reflection.
Lost in thoughts, watching the world through raindrops

जिस तरह से आपके अनुभवों ने आपको वह सिखाया और बनाया है जो आज आप हैं। अपने बच्चों को भी वैसा ही करने दें। अगर वो अपने रिश्ते में इमोशनली फूल बन रहे हैं तो ऐसा उनके साथ होने दें। हां अगर बहुत उनके साथ वो चीज बहुत ज्यादा हो रही है तो उन्हें आगाह करें। बच्चा खुद समझ जाएगा कि उसे इमोशन और रिलेशन को उसे किस तरह मैनेज करना है। इस मौके पर उन्हें बताएं कि इमोशनल होना बहुत अच्छी बात है लेकिन उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कोई उनकी इस फीलिंग का फायदा ना उठाए। अगर वो उदास होते हैं तो उन्हें उदास होने दें।

डायरी मेंटेन करवाएं

A young girl with red hair wearing a blue shirt sits at a table, deeply focused as she writes in a notebook with a pen.
Where creativity meets concentration.

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा इमोशनली मैच्योर हो तो उसे डायरी मेंटेन करने को कहें। अगर उसे कोई बात अच्छी लगती है या बुरी लगती है उसे बताएं कि वो इसे नोट करे। जब वो अपनी प्रॉबल्म लिखेगा तो उस परेशानी से उसे कैसे बाहर निकलना है यह बात वो खुद सीखेगा। यह डायरी उसकी जिंदगी की एक ऐसी टीचर बनेगी जहां वो जान पाएगा वो किस तरह अपने इमोशन को रेगुलेट कर सकता है।
बस जिंदगी में इन छोटी छोटी बातों को फॉलो करें। फिर देखिए आप और आपके बच्चों की जिंदगी कितनी खूबसूरत होगी।