Panchdhatu Vastu Upay: नए घर का निर्माण एक महत्वपूर्ण जीवन घटना है। इस अवसर पर हम सभी चाहते हैं कि हमारा घर सुख-समृद्धि और सकारात्मकता से भरा रहे। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में नए घर के निर्माण के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख मिलता है।
नया घर बनवाना एक रोमांचक अनुभव होता है। घर बनवाते समय हम सभी चाहते हैं कि हमारा घर सुख-समृद्धि और सकारात्मकता से भरा रहे। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में नए घर के निर्माण के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में नए घर का संबंध सकारात्मकता से बताया गया है। माना जाता है कि जब हम नए घर में प्रवेश करते हैं, तो हमारे जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
घर की नींव में पंचधातु रखने का महत्व
पंचधातु, सोना, चांदी, तांबा, पीतल और लोहा, इन पांच धातुओं को मिलाकर बनाया जाता है। हिंदू धर्म में सोना, चांदी, तांबा, पीतल और लोहा – ये पांच धातुएं शुभता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं। इन धातुओं को घर की नींव में रखने से कई लाभ होते हैं। पंचधातु घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। पंचधातु ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है। पंचधातु घर में वित्तीय लाभ और स्थिरता लाता है। पंचधातु घर में मानसिक शांति और सद्भाव लाता है।
इन धातुओं का संबंध ग्रहों और देवी-देवताओं से भी है। सोना शुद्धता, समृद्धि और लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। चांदी को चंद्रमा का प्रतीक, शीतलता, शांति और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। तांबा को सूर्य का प्रतीक, शुद्धता, ऊर्जा और आरोग्य का कारक माना जाता है। पीतल को बृहस्पति का प्रतीक, ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य कारक माना जाता है। लोहा को शनि का प्रतीक, शक्त, स्थिरता और दृढ़ता का प्रतीक है।
पंचधातु कैसे रखें
पंचधातु को घर की नींव के चारों कोनों में या केंद्र में रखा जा सकता है। धातुओं को एक साथ बांधकर या थैली में रखकर रखा जा सकता है। पंचधातु रखने से पहले किसी शुभ मुहूर्त का चयन करना चाहिए।