Kumbha Sankranti 2024: देशभर में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया गया था। इसके बाद से ही सभी को कुंभ संक्रांति का इंतजार है। फरवरी के महीने में कुंभ संक्रांति मनाई जाती है। जब सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं, तब कुंभ संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है की कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और भगवान सूर्य को तर्पण देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसी के साथ चलिए जानते हैं, कुंभ संक्रांति कब मनाई जाएगी, इसका क्या महत्व है साथ ही साथ इसकी पूजा विधि भी क्या है।
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कब है साल 2024 की कुंभ संक्रांति
साल 2024 में कुंभ संक्रांति 14 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिनेश सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, लेकिन कुंभ राशि में 14 फरवरी को प्रवेश करेंगे इसलिए कुंभ संक्रांति 14 फरवरी को मनाई जाएगी।कुंभ संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा-पाठ दान-पुण्य आदि का विशेष महत्व होता है।
कुंभ संक्रांति का शुभ मुहूर्त क्या है
14 फरवरी को कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी। प्रातः काल का मुहूर्त सुबह 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 54 मिनट तक चलेगा।
जानें, कुंभ संक्रांति की पूजा विधि
कुंभ संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। सूर्य देव को जल, फूल, धूप, दीप, आदि अर्पित करें। सूर्य देव की आरती करें और उन्हें प्रार्थना करें कि वे आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करें। इस दिन मंदिर में जाकर दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता। इस दिन भगवान सूर्य के 108 नामों का जाप करना चाहिए। इसके अलावा आप सूर्य चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। जिससे जीवन में सम्मान, तरक्की, यश में वृद्धि होती है।
कुम्भ संक्रांति का महत्व
कुम्भ संक्रांति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं। कुंभ राशि को देवताओं का घर माना जाता है। इसलिए इस दिन सूर्य देव के कुंभ राशि में प्रवेश करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कुम्भ संक्रांति के दिन स्नान-ध्यान, पूजा-पाठ, दान-पुण्य आदि करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि कुम्भ संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कुम्भ संक्रांति के दिन किए जाने वाले कार्य
- गंगा स्नान
- सूर्य देव की पूजा
- दान-पुण्य
- भगवान विष्णु की पूजा
- ब्रह्मचर्य का पालन
- सत्य बोलना
- मांस, मदिरा, और व्यसनों का त्याग