Laddu Gopal Seva: भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को ‘लड्डू गोपाल’ कहा जाता है। कई लोग अपने घर पर लड्डू गोपाल की छोटी सी मूर्ति लाकर इसकी स्थापना करते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और सेवा करते हैं। मान्यता है कि घर पर लड्डू गोपाल रखने, इनकी पूजा करने और सेवा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है और इससे घर पर सुख-शांति व खुशहाली बनी रहती है। कोई भी व्यक्ति अपने घर पर लड्डू गोपाल की मूर्ति लाकर इसकी स्थापना और सेवा कर सकता है। लेकिन लड्डू गोपाल की सेवा करने के कुछ नियम होते हैं। अगर आपके घर पर भी लड्डू गोपाल स्थापित हैं या आप लड्डू गोपाल को अपने घर लाना चाहते हैं तो इन नियमों को जरूर जान लें।
लड्डू गोपाल की सेवा

अगर आप अपने घर पर लड्डू गोपाल को ला रहे हैं तो उनकी सेवा आपको एक नन्हे बालक की तरह करनी होती है। लड्डू गोपाल को जिस घर में स्थापित किया जाता है, अन्य सदस्यों की तरह ही वह उनका भी घर हो जाता है। इसलिए जब आप लड्डू गोपाल को अपने घर लाएं तो घर के बाकी सदस्यों की तरह उनके स्नान, श्रृंगार, खान-पान, पसंदीदा खिलौने यहां तक कि नहाने, सोने और उठने आदि का भी ख्याल रखना चाहिए। आपको लड्डू गोपाल की हर आवश्यकता से जुड़ी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जैसे कि सुबह के नाश्ता के रूप में उन्हें भोग लगाएं, दोपहर में उनका भोजन, संध्या काल में पूजा कर उन्हें फिर से रात्रि भोजन कराएं, सुलाने से पहले उन्हें कोई लोरी सुनाएं या थपकी लगाएं, उनकी प्रिय चीज उन्हें भोग स्वरूप अर्पित करें, मौसम अनुसार उन्हें सर्द या गर्म कपड़े पहनाएं आदि। कई लोग तो लड्डू गोपाल का जन्मदिन भी मानते हैं, उन्हें घूमाने के लिए कभी-कभार बाहर भी लेकर जाते हैं और उनके पसंदीदा खिलौने भी लेकर आते हैं।
लड्डू गोपाल की दैनिक सेवा नियम

प्रात:काल सेवा:- लड्डू गोपाल को सुबह नींद से जगाएं। इसके लिए घंटी बजाएं, जय कन्हैया लाल की कहें या श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी का जाप कर सकते हैं। लड्डू गोपाल को उठाने के बाद उन्हें स्नान कराएं। ठंड के मौसम में उन्हें हल्के गुनगुने पानी से स्नान कराएं और फिर मौसम अनुसार सूती या ऊनी वस्त्र पहनाएं। इसके बाद चंदल का तिलक लगाकर फूल और मोरमंख से लड्डू गोपाल का श्रृंगार करें।
भोग लगाएं:- स्नानदि के बाद जैसे घर के सभी लोग नाश्ता करते हैं, ठीक उसी तरह स्नान और श्रृंगार के बाद लड्डू गोपाल को भी भोग लगाएं। नाश्ते के रूप में उन्हें आप सुबह माखन, मिश्री, दूध या फल आदि का भोग लगा सकते हैं। भोग लगाते समय “नैवेद्यं गृह्यतां देव त्वया भक्त्या निवेदितम्।” मंत्र पढ़ें। इसके बाद दीप जलाएं, घंटी बजाएं और आरती करें।
दोपहर सेवा:- दोपहर के समय भी लड्डू गोपाल को सात्विक भोजन का भोग लगाएं। इस समय आप खिचड़ी, पूड़ी-सब्जी, दाल-चावल, फल और जल आदि अर्पित करें। दोपहर भोजन के बाद लड्डू गोपाल को आराम कराएं।
संध्या काल सेवा:- संध्या के समय उन्हें फिर से जगाएं और वस्त्र बदलकर फूल-माला पहनाएं। शाम के समय लड्डू गोपाल को फल,दूध, माखन-मिश्री, हलवा आदि का हल्का भोग लगाएं और फिर धूप-दीप जलाकर आरती-भजन गाएं।
रात्रि सेवा:- संध्या के बाद रात के समय भी लड्डू गोपाल को हल्के भोजन का भोग लगाएं। सुलाने के उन्हें झूले पर सुलाएं। शयन आरती गाएं या हल्के हाथों से प्यार से थपथपाएं। फिर लड्डू गोपाल को मुलायम वस्त्र से ढककर सुला दें।
लड्डू गोपाल की सेवा करने के लाभ

लड्डू गोपाल की सेवा करने के अनेकों लाभ हैं। जिस घर पर लड्डू गोपाल की सेवा की जाती है और बच्चों को भी इसमें शामिल किया जाता है, वहां बच्चों में संस्कार और भक्तिभाव विकसित होता है। निसंतान दंपती यदि लड्डू गोपाल की सेवा करे तो उन्हें संतान सुख प्राप्त होता है। घर पर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। मानसिक शांति और पारिवारिक सौहार्द बढ़ता है। आर्थिक सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
