प्यार भरे रिश्ते में जलन स्वाभाविक है। हालांकि यह तब समस्या का रूप धारण कर लेती है जब यह आपके रिलेशनशिप पर हावी होने लगे। कभी कभी एक दूसरे को लेकर हल्की जलन आपस के प्रेम को गर्माहट देती है और आप एक दूसरे की अधिक परवाह करने लगते हैं लेकिन अगर आप छोटी छोटी बातों पर परेशान हो जाते हैं और अपने पार्टनर के साथ दुर्व्यवहार करने लगते हैं और दोड़ने की धमकियां देते हैं, तो यह आगे चलकर आपके रिलेशनशिप के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। अगर आप खुद को इस तरह के हालात से दूर रखना चाहते हैं तो इन खास टिप्स पर ज़रूर ध्यान दें।

 

असुरक्षा की भावना न आने दें

जलन प्यार से नहीं बल्कि असुरक्षा की भावना से जुड़ी हुई चीज है। यदि कोई जलन करता है, तो इसका अर्थ है कि उसका पार्टनर यह विश्वास दिलाना पाने में कामयाब नहीं हो पाया है कि उसकी जगह कोई और नहीं ले सकता। जलन असुरक्षा की निशानी है और यह समय के साथ और खराब स्वरूप ले सकती है। किसी भी रिश्ते में अगर असुरक्षा का एहसास होने लगे तो उस रिश्ते को टूटने में ज्यादा समय नहीं लगता। यह एहसास सबसे ज्यादा टीनेजर्स में देखा जाता है। अकसर लोग अपने पार्टनर की उनके दोस्तों के साथ नजदीकियों को पसंद नहीं करते। दिल ही दिल उनको अपने पार्टनर को लेकर असुरक्षा महसूस होने लगती हैण् जो रिश्ते में धोखे का एक कारण बनता हैण्शुरुआत में यह चीज प्यारी लगती है लेकिन आगे जाकर यह रिश्ते को कमजोर बनाती जाता है। ऐसे में अपने पार्टनी को असुरक्षित महसूस न होने दें।

 

एक दूसरे से प्रतियोगिता ना करें

इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि आप दोनों गाड़ी के दो पहिए हैं। ऐसे में दोनों में समान गुण भले ना हों लेकिन दोनों में एक दूसरे को बढ़ाने और प्रोत्साहित करने की संभावना  भरपूर है। उदाहरण के तौर पर अगर आपका पार्टनर अधिक पैसे कमाता हो तो हो सकता है कि आप घर बहुत ही अच्छी तरह चला रहे हों या आपमें बजट बनाने के कमाल के गुण हों। ऐसे में एक दूसरे की मदद करें ना कि एक दूसरे के प्रतियोगी बनने की कोशिश करें।

 

ब्लेम गेम से बचने की करें कोशिश

अगर आपको किसी तरह का शक है तो उसे बातचीत से हल करें। अगर आप आरोप प्रत्यारोपों से बातचीत शुरू करेंगे तो बात बिगड़ सकती है। आरोपों के बीच हो सकता है कि आपका साथी डिफेंसिव मोड में आ जाए और बात बनने की बजाए और घातक हो जाए।

 

अपनी भावनाओं को ईमानदारी से व्यक्त करें

यह सबसे बेहतर तरीकों में से एक है। आप अगर किसी तरह की भावनाओं का अपने अंदर जमा किए हुए हैं तो एक ईमानदार साथी की तरह अपने पार्टनर को अपनेपन से सारी बात बताएं। हर वो बात जो आपको परेशान कर रही है और आप जो नहीं चाहते है। इस दौरान अपने साथी की भावनाओं को समझते हुए हर बात बोलें।

 

सिर्फ देने की भावना रखो, बिना उम्मीदों के साथ

सब कुछ देते हुए और रिश्ते में बदले में कुछ भी नहीं लेने की उम्मीद करना एक मिथक है। एक  रिश्ते में सभी देने और लेने वाले हैं और यहां तक कि अगर आप अपने आप को देने वाले व्यक्ति मानते हैं, तो कम से कम आप यह उम्मीद तो करेंगे ही कि आपका पार्टनर इसकी वैल्यू करेगा। अपने पार्टनर को सबकुछ देते रहना। बड़े दिल रखने वाली बात जरूर है, लेकिन एक हेल्दी रिलेशन वह है, जहां आप अपने साथी को प्यार और समर्थन प्रदान करते हैं।

 

अच्छे रिश्ते में कभी लड़ाई नहीं होती

आप किसी रिश्ते में लड़ाई या झगड़े से कभी नहीं बच सकते। यदि आपको लगता है कि स्वस्थ, खुशहाल रिश्ते का मतलब है कि आपको और आपके साथी को कभी भी लड़ाई नहीं करनी चाहिए, तो आप गलतफहमी के शिकार हैं। यहां सवाल यह नहीं है कि कपल्स में कैसे लड़ाई होती है। असली सवाल यह है कि वे लड़ाई करते वक्त किन दायरों में रहते हैं।

 

शारीरिक परिवर्तन के प्रति सहनशील बनें 

इसमें कोई दोराय नहीं है कि शरीर की काया हमेशा एक.सी नहीं रहती है। ऐसे में अगर आपके पार्टनर पहले से थोड़े पतले या हेल्दी हो गए हैं, तो उस बदलाव को स्वीकार करें। इसके अलावा, जिनके साथ आपका रिश्ता है उनका रहन.सहन, नजरिया या फिर पसंद भी बदल सकती है। इनको भी सहर्ष स्वीकार करें।

 

सम्मान का भाव रखें 

हर रिश्ते में एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव जरूरी है। दोनों व्यक्ति अगर रिश्ते को सम्मान देंगे, तो रिश्ता और भी मजबूत हो सकता है। इससे दोनों में से किसी के दिल को ठेस पहुंचने की आशंका भी कम होती है। किसी को नीचा दिखाना व किसी के प्रति हीन भाव रखने से रिश्ता कमजोर होता है। इसी वजह से रिश्ते को सम्मान देना जरूरी है।

 

खुद के अंदर झांकें

कई बार ऐसा होता है कि जलन का जन्म हमारी खुद की सोच से होता है। आपके पार्टनर को शायद इसकी भनक भी नहीं रहतीण् आप इस बात को मानकर चलिए कि अगर आप खुद में एक सिक्योर इंसान हैं तो आपके अंदर कभी भी किसी को लेकर इनसिक्योरिटी नहीं रहेगी और अगर आ ही रही है तो हो सकता है कि इसकी वजह खुद आपकी अपनी सोच हो।

 

पुरानी बातों को मन में दबाए न रखें

अगर आप दोनों के बीच कुछ ऐसा हुआ है, जिसका आपको बुरा लगा है तो उस बात को मन में दबाए न रखें। इससे रिश्ता कमजोर होता है। अगर इस दौरान कोई बात मन में चुभ गई है, तो बेशक खुलकर उस बात का विरोध करें। इससे हो सकता है कुछ देर के लिए मनमुटाव होगा, लेकिन वो बात मन में चुभी नहीं रहेगी। पुरानी बातों को कुरेदने की आदत से भी रिश्ता कमजोर होता है। इसी वजह से जब जो बात बुरी लगे तभी बोलकर उसे खत्म कर दें।

 

 

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