Ashadha Purnima 2025
Ashadha Purnima 2025

Ashadha Purnima 2025: आषाढ़ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को सबसे उत्तम और शुभ दिन माना जाता है। इसे आषाढ़ी पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह दिन आध्यात्म की दृष्टि से काफी शुभ माना जाता है। इस दिन किए स्नान, दान, पूजा और उपाय से घर पर सुख-समृद्धि आती है। साथ ही आषाढ़ पूर्णिमा की रात चंद्रमा की शीतलता और किरणों से वातावरण भी सकारात्मक हो जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा होती है। यह दिन गुरु द्वारा मिले ज्ञान के लिए उन्हें सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का होता है।

इसी के साथ आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना भी की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने, सूर्य देव को अर्घ्य देने, दान-पुण्य करने और दीपदान करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का जन्म भी हुआ था। इसलिए इस दिन वेद व्यास जी की जयंती भी मनाई जाती है। शास्त्रों में आषाढ़ पूर्णिमा के लिए कुछ विशेष कार्यों को बताया गया है। इन कार्यों को करने से धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर पर सुख-संपदा का हमेशा के लिए वास हो जाता है।

आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई को

Ashadha Purnima 2025 on 10 july
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बता दें कि, इस साल आषाढ़ पूर्णिमा गुरुवार 10 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई देर रात 1 बजकर 36 मिनट पर आरंभ हो जाएगी और 11 जुलाई को देर रात 2 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी। सूर्योदय की तिथि के अनुसार 10 जुलाई को ही आषाढ़ी पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।

मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा पर करें ये काम

Ashadha Purnima 2025 upay
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करें दीपदान:- आषाढ़ पूर्णिमा पर संध्याकाल में दीपदान करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन संध्या में गंगा घाट के किनारे दीपदान करना चाहिए। यदि गंगा घाट पर दीपदान करना संभव न हो तो आप किसी भी नदी, तालाब और झील आदि के आसपास भी दीपदान कर सकते हैं।

तोरण और रंगोली बनाएं:- आषाढ़ पूर्णिमा के दिन घर मुख्य द्वार के द्वार पर तोरण लगाएं और फूलों से सजाएं। साथ ही आप रंगोली भी बना सकते हैं। साथ ही द्वार पर एक घी का दीप भी जलाएं। इन कामों से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर पर वास करती हैं।

peepla puja
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करें पीपल वृक्ष की पूजा:- अगर आप किसी कारण आषाढ़ महीने में किसी तरह से पूजा-पाठ नहीं कर पाएं तो आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ जरूर करें। इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा भी करनी चाहिए। आषाढ़ पूर्णिमा पर पीपल वृक्ष में जल और दूध अर्पित करना शुभ होता है।

करें ये काम:- आषाढ़ पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए केसर वाली खीर बनाकर भोग लगाएं। साथ ही 11 कौड़ियों पर हल्दी लगाकर मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित कर दें। पूजा के बाद कौड़ियों को धन रखने वाले स्थान में रख दें। इस उपाय में धन की कमी नहीं होती।

मेरा नाम पलक सिंह है। मैं एक महिला पत्रकार हूं। मैं पिछले पांच सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैं लाइव इंडिया और सिर्फ न्यूज जैसे संस्थानों में लेखन का काम कर चुकी हूं और वर्तमान में गृहलक्ष्मी से जुड़ी हुई हूं। मुझे...