जैविक खेती के लाभ और चुनौतियाँ
जैविक खेती की तरफ़ लोगों का झुकाव बढ़ रहा है लेकिन अभी भी सही जानकारी का बहुत ज़्यादा अभाव है और बाज़ार में उपलब्ध जैविक सामग्री बहुत ही महंगी है।
Organic Gardening: वर्तमान में जो स्थिति है उसे देखते हुए हर इंसान का ध्यान अपनी सेहत और स्वास्थ्य की तरफ़ है। यह स्वास्थ्य और सेहत हमें सिर्फ़ शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है। इसलिए, हर आदमी के सामने एक सवाल उठता है कि हम खा क्या रहे हैं? बढ़ते खाद और कीटनाशकों के प्रयोग ने सिर्फ़ पर्यावरण को ही नहीं बल्कि हमारे स्वास्थ्य और मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी प्रभावित किया है। यही वजह है कि जैविक खेती की तरफ़ लोगों का झुकाव बढ़ रहा है लेकिन अभी भी सही जानकारी का बहुत ज़्यादा अभाव है और बाज़ार में उपलब्ध जैविक सामग्री बहुत ही महंगी है। इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताने का प्रयास करेंगे की ऑर्गेनिक गार्डनिंग के सही तरीके और उपाय कौन से हैं।
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मिट्टी तैयार करना
ऑर्गेनिक गार्डनिंग के लिए सबसे पहला स्टेप होता है बाग़वानी के लिए मिट्टी को तैयार करना। मिट्टी तैयार करने से तात्पर्य ऐसी मिट्टी से है जिसमें सभी तरह के पोषक तत्व मौजूद हो। वह मिट्टी जो आपके नए जैविक उद्यान से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त लाने में सहायक हो। यह मिट्टी वातानुकूलित और सही पैदावार देने में सहयक हो। मिट्टी में जितने ज़्यादा पोषक तत्व होंगे उतना ही ज़्यादा पौधों को भी मिलेगा। स्वस्थ मिट्टी उत्पादक पौधों के ग्रोथ में मदद करती है। इसलिए हमेशा अच्छी मिट्टी तैयार करना चाहिए।
अच्छी खाद बनाना
रासायनिक खादों का प्रयोग करने की बजाय हमें अपने सभी बगीचों के लिए जैविक खाद तैयार करना चाहिए। यह खाद बनाना बहुत ही आसान और किफ़ायती होता है जिसे कोई भी अपने घर पर बना सकता है। यह खाद पूरी तरह से पोषक तत्वों से भरपूर होती है और पौधों के विकास में बहुत ज़्यादा सहयक होती है। इस खाद के प्रयोग से मिट्टी का संरक्षण होता है, पानी का संरक्षण होता है, खरपतवार की समस्या भी दूर होती है। जैविक खाद बनाने का मतलब कचरे को काले सोने में बदलने जैसा है।
सही पौधों का चयन
बाग़वानी के लिए सही मिट्टी के चयन और खाद तैयार करने के बाद पौधों के चयन की बारी आती है। हमें हमेशा मिट्टी और वातावरण के अनुकूल पौधे का चुनाव करना चाहिए। ऐसे पौधे चुनना चाहिए जो प्रकाश, जल निकासी और मिट्टी की गुणवत्ता को ख़ुदमें सही तरीक़े से समायोजित कर सकें। साथ ही साथ यह भी देखना चाहिए कि ये पौधे पहले से स्वस्थ्य हो। यह पौधे जितने मज़बूत और स्वस्थ्य होंगे उतने ही बीमारियों और कीड़ों से दूर होंगे। हर तरह के संक्रमण की स्थिति से बचेंगे और उस पर अच्छे फूल और फल लगेंगे।
बेड बनाकर करें बुआई
कई बार हम पौधे से पौधा तैयार करते हैं, कई बार हम बीज से भी पौधे तैयार करते हैं। ऐसे में हमें यह देखना चाहिए की जिन पौधों को हम तैयार कर रहें हैं उन्हें बेड बनकर तैयार करें। ताकि उनकी निराई गुड़ाई में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो और आसानी से उनमें पंप रहे खरपतवार को बाहर निकाला जा सके। इस तरह से बीज डालने से खाद की मात्रा भी उचित पड़ती है, किसी तरह की बर्बादी नहीं होती है। दो नालियों के बीच पर्याप्त जगह होने से अच्छी तरह से हवा और पानी की निकासी होती है।
समय पर दें पानी
किसी भी पौधे के लिए पानी एक बहुत बड़ा कारक होता है। इसलिए, पौधों को पानी देने का एक सही और संतुलित मात्रा होनी चाहिए। यह पानी ना तो अधिक हो और ना ही कम। पौधों को पानी देने ला सबसे अच्छा समय सुबह का माना जाता है और वाष्पीकरण कम होने के कारण पूरे दिन मिट्टी में नमी बनी रहती है पर पानी जमा नहीं हो पाता। पानी जमा नहीं होता है तो रोगों से क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम हो जाती है।