बच्चे के झूठ बोलने की होतीं हैं ये ख़ास वजह
इस नाजुक सी उम्र में बच्चे को ये एहसास नहीं होता की वो गलत कर रहा हैं या सही पर हमारे बार बार प्यार और दुलार से समझाने के बाद वो समझने लगेगा क्या गलत हैं और क्या सही। उसकी झूठ बोलने की आदत छुड़ाने के साथ साथ उसे ये भी समझाएं की सच बोलना क्यों जरुरी हैं।
Parenting Tips: झूठ बोलना एक तरह की खराब आदत है जिस से न सिर्फ आपके पारिवारिक रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है बल्कि आपके वर्क प्लेस पर भी आपकी बातों की अहमियत कम होने लगती है। शायद इसीलिए कहा जाता है जब बचपन में आपका बच्चा पहली बार झूठ बोले तो उसे डरा धमकाकर नहीं प्यार से समझाएं। सबसे पहले वो वजह तलाशने की कोशिश करें जिसकी वजह से आपका बच्चा आपसे झूठ बोल रहा है। बच्चों के झूठ बहुत ही प्यारे और मासूमियत भरे लगते हैं। ऐसे में कई बार हम उनकी इस आदत को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और उनकी प्यारी बातों पर खूब खिलखिलाते हैं। उस वक़्त हम ये नहीं समझ पाते हैं की ऐसा करके हम बच्चों को इस आदत का आदि बना रहे हैं।
चाहे बच्चा कितना भी छोटा क्यों ना हो उसे सच बोलने की अहमियत समझाएं। आपके बार बार प्यार से समझाने पर उसे समझ आ जाएगा की झूठ बोलना गलत आदत हैं। इस नाजुक सी उम्र में बच्चे को ये एहसास नहीं होता की वो गलत कर रहा हैं या सही पर हमारे बार बार प्यार और दुलार से समझाने के बाद वो समझने लगेगा क्या गलत हैं और क्या सही। उसकी झूठ बोलने की आदत छुड़ाने के साथ साथ उसे ये भी समझाएं की सच बोलना क्यों जरुरी हैं।
आइये जानते हैं बच्चों के झूठ बोलने के पीछे क्या क्या वजह हो सकतीं हैं।
काल्पनिक कहानियां बनाना

बच्चों को कहानियाँ सुनना बहुत पसंद होता है। पेड़,पौंधों,फूलों,फलों और तरह तरह की कहानियाँ सुनकर बच्चे उसी दुनिया में खो जाते हैं। वो अपनी एक काल्पनिक दुनिया बना लेतें हैं। अपनी कल्पनाओं में खोकर बच्चे कई तरह की कहानियां अपने ही मन में बना लेते हैं। और समय आने पर उन कहानियों को सच्चाई से जोड़ कर किस्से बना लेते हैं। इस तरह के प्यारे झूठ पर भी बच्चों को दुलार से समझा कर सच बोलने की आदत डलवाएं।
गलतियाँ छिपाना

छोटी छोटी सी गलतियां छिपाने के लिए बच्चे झूठ का सहारा ले लेते हैं। गलती से कोई चीज टूट जाना, पानी फ़ैल जाना, या माता पिता के कुछ मना करने के बावजूद उस काम को करने पर किसी तरह का नुक़सान हो जाना। ये बहुत मामूली सी अनजाने में की गयी गलतियां होती हैं। हमें बच्चों को समझाते रहना चाहिए चाहे उनसे कितनी ही बड़ी गलती हो जाएँ हम उनके साथ हैं। गलतियाँ छिपाने से अच्छा हैं माता पिता से उसे शेयर करना ताकि अगली बार ऐसी गलती ना हो। इस तरह के प्यार भरे आश्वासन से बच्चे सच बोलना शुरू कर देंगे उनके मन से हर तरह का डर निकल जाएगा।
ज्यादा अनुशासन में रखना/ज्यादा प्यार जताना

बच्चों पर ना तो ज्यादा अनुशासन का दबाव बनाना चाहिए ना ही उन्हें पूरी तरह से अकेला कर देना चाहिए। बच्चों को ये एहसास हमेशा होना चाहिए की वो माता पिता की नज़रों से भले ही दूर रहें या पास उनकी हर एक गतिविधि का अंदाजा उन्हें अच्छी तरह रहता हैं। ना ज्यादा लाड प्यार दिखा कर उन्हें बिगाड़ें। इस तरह बच्चे झूठ बोलना बंद कर देंगे और आपको सब सच बताना शुरू कर देंगे।
