Chhath-Puja
Chhath-Puja

Chhath Puja Rules: जी हां, नहाय-खाय के साथ छठ के चार दिनों के महापर्व की शुरूआत आज से हो चुकी है। ये व्रत महिलाएं सुहाग और संतान के कल्याण के लिए रखती हैं, जिसमें छठ माता की उपासना और कठिन व्रत रखा जाता है। ऐसे में इस व्रत के लिए कुछ विशेष नियम और परम्परा भी बनाए गए हैं। चलिए आपको छठ व्रत के इन नियमों के बारे में बताते हैं।

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साफ-सफाई के साथ बनाएं प्रसाद

Nahay Khai and Kharni food are prepared during Chhath Vrat

छठ व्रत के दौरान नहाय खाय और खरनी का भोजन तैयार किया जाता है। इसके साथ ही चढ़ाने के लिए ठेकुए और चावले के आटे के लड्डू भी तैयार किया जाता है। ये सारे प्रसाद बेहद साफ-सफाई से तैयार करना चाहिए। यहां तक कि नहाय-खाय और खरनी के लिए तो अलग से मिट्टी के चूलहे पर भोजन तैयार किया जाता है। इसलिए ये सार प्रसाद बनाने वक्त साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।

मन, कर्म और वचन से सात्विकता बनाए रखें

जी हां, छठ के व्रत के दौरान मन, कर्म और वचन से सात्विकता बनाए रखें। मन में किसी के प्रति कोई दुर्भाव ना रखें। ना ही किसी तरह का कोई हिंसक कर्म करें। इसके अलावा व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें।

सूर्य को अर्घ्य देते समय बरतें सावधानी

Chhath Puja Rules
There is a special importance of offering Arghya to the setting sun and rising sun during Chhath fast

छठ व्रत में अस्त होते और उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में सूर्य को अर्घ्य देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जैसे कि चांदी, स्टील, शीशा या प्लास्टिक से बने बर्तनों से अर्घ्य नहीं देना चाहिए, बल्कि इसके लिए तांबे या पीतल के लोटे का ही इस्तेमाल करना चाहिए।