Basic Etiquettes for Fasting
Basic Etiquettes for Fasting

Basic Etiquettes for Fasting: हम लोग बहुत खुशकिस्मत लोग हैं कि विभन्न संस्कृतियों के लोग हमारे आस-पास रहते हैं। बहुत लोग सावन में, नवरात्रों में व्रत रखते हैं तो कुछ लोग सप्ताह में एक दो दिन का उपवास रख लेते हैं। यह सच है कि चाहे रोजा हो या व्रत यह सिर्फ आस्था की बात है आप यह रख रहे हैं या नहीं यह आपका व्यक्तिगत मामला है। लेकिन अगर आपके आस- पास कुछ लोग व्रत या रोेजे से होते हें तो कुछ बेसिक एटिकेट्स को जानना आपके लिए बहुत जरुरी है।

भूख तो नहीं लग रही

इस समय रमजान चल रहे हैं। बहुत से लोग आपके आस-पास रोजा रख रहे होंगे। लेकिन प्लीज उनसे यह सवाल न करें कि आपको रोजा तो नहीं लग रहा? जाहिर है कि भूख प्यास तो हर इंसान को लगती है ऐसे में यह सवाल न ही पूछा जाए तो बेहतर है। वहीं अगर आप सच में कंसर्न हैं तो कह सकते हैं कि आपकी बड़ी हिम्मत की बात है कि आपने रोजा रखा है। वैसे भी अब तो शहर का मौसम काफी बेहतर है। बस शाम तो यों ही हो जाएगी।

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खाते समय रखें ध्यान

अगर आपके ऑफिस में लोग व्रत रखे होते हें तो कोशिश करें कि वो चीजें उनके आस-पास न खाएं जो उनकी पसंद की हों और वो खा नहीं सकते हों। हम यह नहीं कह रहे कि आप भी उनके साथ व्रत या रोजा रखने लग जाएं या खाना-पीना छोड़ दें। बस थोड़ी सी एहतियात की बात है अगर आप वो करेंगे तो उन्हें अच्छा लगेगा।

बिना नमक का खाना

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हिंदू धर्म में सावन के व्रत होते हैं जो कि पूरे महीने चलते हैं। इसमें बहुत से लोग पूरे एक महीने बिना नमक का खाना खाते हैं। हालांकि इस तरह के व्रत में बहुत से हेल्थ इशूज भी होते हैं। लेकिन जब इंसान इस प्रोसेस में है तो बजाए यह पूछने की बिना नमक का खाना कोई कैसे खा सकता है? आप कुछ सेजेशन भी दे सकते हैं कि जैसे- पालक का परांठा बना लों। इससे नमक के नहीं होने क पता नहीं चलेगा। या फिर धनिए की चटनी में टमाटर का खटास ज्यादा कर लो, अच्छा लगेगा।