बालकनी गार्डनिंग के बारे में जानिए
बालकनी गार्डनिंग ने लोगों को कम स्पेस में भी बाग़वानी करने को काफ़ी हद तक सम्भव बनाया है। इससे ना सिर्फ़ आपके बाग़वानी करने का शौक़ पूरा होता है बल्कि घर भी काफ़ी सुंदर और आकर्षक दिखता है।
Balcony Gardening Tips: शहरी जीवन में बाग़वानी एक पैशन बन गया है। कम जगह होने के बावजूद हर कोई इसे करना चाहता है। जिसकी वजह से बालकनी गार्डनिंग का चलन बढ़ा है। बालकनी गार्डनिंग ने लोगों को कम स्पेस में भी बाग़वानी करने को काफ़ी हद तक सम्भव बनाया है। इससे ना सिर्फ़ आपके बाग़वानी करने का शौक़ पूरा होता है बल्कि घर भी काफ़ी सुंदर और आकर्षक दिखता है। लेकिन हर चीज़ के दो पहलू होते हैं, यह बाग़वानी जहां आपके मन को सकून देता है वहीं इसे करने के दौरान कई तरह की समस्याएँ भी होती हैं।
इसमें वाटर ड्रेनेज से लेकर सीधी धूप नहीं आने जैसी कई परेशानियां हैं, जो आपके पौधों व बालकनी दोनों के लिए समस्या की वजह बन सकते हैं। लेकिन घबराने वाली बात नहीं है, थोड़ी सी जानकारी से आपको इस तरह की समस्या से निजात मिल सकती है। इस लेख में हम आपको बालकनी गार्डनिंग से जुड़ी कुछ समस्याएं व उनके समाधान के बारे में बता रहे हैं।
बालकनी का गार्डन हो ऐसा

अगर आपकी बालकनी दक्षिण या पश्चिम दिशा में है, तो दिन के अधिकांश सूर्य की सीधी रोशनी पड़ती है। कई बार हमें लगता है कि अधिक धूप पौधों के लिए अच्छा है, लेेकिन ऐसा नहीं होता। यह अधिक धूप पौधों पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है, जिससे आपके पौधे खराब हो सकते हैं। आजकल के समय में ज़्यादातर इनडोर पौधे लगाए जाते हैं, जिनको कम पानी और कम धूप की ज़रूरत पड़ती है। इसलिए इनको ऐसी जगह पर रखें जहां पर कम धूप पड़े और बालकनी में रखे प्लांट्स की पर्याप्त केयर करें।
गर्मी के दिनों में शाम को या फिर सुबह के समय पानी दें। सर्दी के दिनों में दो-तीन दिन छोड़कर पौधे को पानी दे सकते हैं। हर दिन उनको अपने ऑब्ज़र्वेशन में रखे और देखते रहें कि वह किस तरह से ग्रो करते हैं। अगर कोई पत्ती पीली पद रही या सुख रही है तो उसे ट्रिम करें और सूखे हुए हिस्से को हटा दें। आजकल सेल्फ वॉटरिंग गमले आते हैं, इनका प्रयोग करें और अच्छा होगा कि प्लास्टिक की जगह मिट्टी के पॉट का प्रयोग करें, आपके प्लांट को लम्बे समय तक ठंडा रखने में मदद करते हैं। पौधों पर सीधी धूप नहीं पड़े इसके लिए आप रेलिंग पर लटकने वाले पौधे या फिर बेलें लगा सकते हैं। यह आपकी बालकनी का शोभा बढ़ाने के साथ-साथ आपके पौधे को सुरक्षित रखेगी। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो बाज़ार से एग्रो कवर ख़रीदकर लाएँ, ये काफ़ी बजट फ़्रेंड्ली और अच्छे होते हैं।
बालकनी में पानी और ड्रेनेज की समस्या

बालकनी में पानी और ड्रेनेज की समस्या हर गार्ड्निंग करने वाले को कभी ना कभी फ़ेस करनी ही पड़ती है और कभी ना कभी आपने भी किया होगा। इससे बचने का सबसे आसान तरीक यह है कि गमलों के नीचे एक तश्तरी रख दें। नहीं तो बाज़ार में कई तरह के सेल्फ वाटरिंग कंटेनर्स मौजूद हैं। यह ड्रेनेज की समस्या से आपको बचाने के साथ-साथ पलांट्स के लिए भी काफ़ी अच्छे होते हैं। एक विकल्प यह भी है कि पौधो में एक साथ पानी देने की बजाय पॉट को दो या तीन चरणों में पानी दें। पानी जब बर्तन के नीचे से निकलने लगे उससे पहले ही पानी देना बंद कर दें। पानी की आवश्यकता को कम करने और मिट्टी में नमी को बनाए रखने के लिए आप मल्चिंग भी कर सकते हैं।
स्पेस कम होना

शहरी जीवन में आमतौर पर लोग बालकनी या फिर टैरेस गार्डनिंग करना पसंद करते हैं। ऐसे में बालकनी अगर बड़ी हो तो भी स्पेस की समस्या रहती है। ऐसे में लोग अपने मनपसंद तरीक़े से बाग़वानी नहीं कर पाते हैं। लेकिन अगर आप इस समस्या से बचाना और अच्छी तरह से गार्डनिंग करना चाहते हैं तो ऐसे में सबसे अच्छा तरीका हाइड्रोफ़ॉनिक और वर्टिकल गार्डेन का है। यह बाग़वानी के वह तरीक़े हैं जो बेहद ही कम स्पेस लेते हैं और रख रखाव के साथ देखने में भी अच्छे लगते हैं। इतना ही नहीं आप अपनी बालकनी में स्टैक प्लांटर्स, वर्टिकल वॉल प्लांटर्स, रेलिंग प्लांटर्स और हैंगिंग बास्केट्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
