Balcony Gardening: आज के समय में जब घर के अंदर बहुत कम जगह है तो हरियाली के लिए बाहर ही कोशिश करनी होगी। यहां बाहर से मतलब बालकनी से है। बालकनी में भी यदि अअपने हरियाली उगा ली तो यह न सिर्फ मानसिक सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि आपके घर की खूबसूरती भी बढ़ा देता है। चाहे खाने के लिए हरी धनिया हो या दिन को रोशन करने के लिए रंग-बिरंगे फूल या बस शांति के साथ आप हरियाली के बीच बैठना चाहती हों,, बालकनी में बागवानी करना एक बेहतरीन चीज है। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ की जरूरत नहीं पड़ेगी, बस थोड़ी क्रिएटिविटी और देखभाल की जरूरत पड़ेगी। आइए आज इस आर्टिकल में जानते हैं कि किन 9 स्टेप्स की मदद से आप अपनी बालकनी में गार्डन बना सकती हैं।
बालकनी में धूप
इस बात से शुरू करें कि आपकी बालकनी में कितनी धूप आती है। क्या धूप पूरे दिन रहती है या कुछ समय के लिए आती है या बिल्कुल नहीं आती है? ज्यादातर पौधों को 4-6 घंटे की सीधी धूप की जरूरत पड़ती है। अगर आपकी बालकनी में छाया ज्यादा रहती है, तो फ़र्न या पुदीना जैसे पौधे सही रहेंगे।
अपने स्पेस पर दें ध्यान
कुछ भी खरीदने से पहले अपनी बालकनी की जगह पर गौर करें और ध्यान दें कि यह कितनी बड़ी है। क्या वहां आप सेरेमिक पॉट या नम मिट्टी से भरे लकड़ी के प्लांटर्स का इस्तेमाल कर सकती हैं? कहने का मतलब है कि आपप वहां कितना वजन रख सकती हैं। क्योंकि सुरक्षा का ध्यान रखना सबसे पहला काम होना चाहिए।
चुनें सही कंटेनर

गमले की इतनी वेरायटी बाजार में मौजूद है कि आप कन्फ्यूज़ हो जाएंगी। लेकिन अगर आप बजट फ़्रेंडली बालकनी गार्डन तैयार करना चाहती हैं, तो मिट्टी के बर्तनों से लेकर रीसाइकिल की गई बाल्टियों तक में पौधे लगाए जा सकते हैं। बस ध्यान यह रखना है कि उसमें अच्छी जल निकासी हो। वर्टिकल प्लांटर्स, रेलिंग बॉक्स और हैंगिंग पॉट्स जैसी अलग अलग चीजें चुनकर आप बालकनी में स्पेस बचा सकती हैं।
समझदारी से चुनें अपने पौधे
शुरुआत में तुलसी, धनिया और अजवायन जैसे पौधे लगाना सही रहेगा क्योंकि इसमें कम मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है। अगर आप फूल वाला पौधा चाहती हैं, तो मैरीगोल्ड या पेटुनिया सही रहेंगे। पालक या लेट्यूस जैसी पत्तेदार सब्जियां भी कंटेनर में अच्छी तरह उगती हैं।
अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी

मिट्टी को लेकर बिल्कुल भी कंजूसी नहीं करना चाहिए। हल्के, अच्छी जल निकासी वाले पॉटिंग मिक्स खरीदें। सादे बगीचे की मिट्टी का इस्तेमाल न करें, यह बहुत मोटी हो सकती है, जिसकी वजह से कंटेनर से ठीक से पानी नहीं निकल सकता है।
डालें कम्पोस्ट या ऑर्गैनिक फर्टिलाइजर
गमलों में पौधों को एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। हर दो हफ़्ते में कम्पोस्ट या ऑर्गैनिक फर्टिलाइजर डालने की सलाह दी जाती है। केले के छिलके और इस्तेमाल की गई चाय की पत्तियां भी अच्छी और नैचुरल बूस्टर हैं।
स्मार्ट तरीके से दें पानी

कंटेनर में लगे पौधे जमीन में लगे पौधों की तुलना में जल्दी सूख जाते हैं। मिट्टी में अपनी उंगली डालकर यह जांच करें कि यदि ऊपर से मिट्टी सूखी है, तो पानी देने का समय आ गया है। वाष्पीकरण को रोकने के लिए सुबह या शाम को पानी देने की सलाह दी जाती है।
क्रिएटिव बनें
विजुअल लेयर के लिए खड़ी सीढ़ियां, लकड़ी के टोकरे या लटकती टोकरियों का इस्तेमाल करें। आसान देखभाल के लिए एक जैसे पानी और धूप की जरूरत वाले पौधों को एक साथ लगाएं।
सावधान रहें कीटों से
पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करना सही रहता है। पत्तियों पर ध्यान दें, यदि आपको छेद या रंगहीनता दिखाई दे, तो बारीकी से निरीक्षण करें।
