पसंदीदा शहर:-पटना—गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Pasandida Sehar

Hindi Kahani: मेरा पसंदीदा शहर पटना है क्योंकि यही मेरा जन्मस्थान है। मेरा बचपन यहीं बीता और इस जगह से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं। जैसा कि हर किसी को अपने जन्मस्थल और उसकी मिट्टी से लगाव होता है मुझे भी अपने शहर पटना से बहुत लगाव है। लेकिन कुछ पारिवारिक कारणों से मुझे यह शहर छोड़ना पड़ा और किसी अन्य शहर जाना पड़ा फिर आगे की पढ़ाई वहीं पूरी हुई और फिर अपने शहर से दूरी बढ़ गई। काफ़ी व्यस्तता के कारण कई सालों तक जाने का मौका भी नहीं मिला। अब तो किसी खा़स मौकों पर ही जाना होता है और वहां जाते ही एक अलग ही गर्व महसूस होता है और सारी बीती यादें फिर से तरोताज़ा हो जाती हैं और मुझे मेरे बचपन में ले जाती हैं जो बहुत ही बेफिक्र हुआ करता था। मुझे यहां के गांधी मैदान से खा़स लगाव है जो कि एक ऐतिहासिक स्थल है और यहां से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं। जब कभी भी घूमने जाते तो गांधी मैदान ज़रूर जाते थे। पटना शहर इसलिए भी मेरे लिए ख़ास महत्व रखता है क्योंकि वहां घूमने फिरने के बहुत सारे विकल्प हैं जैसे- चिड़ियाघर हो या म्यूज़ियम , तारामंडल हो या फिर गोलघर।इन सारी जगहों से बहुत सारी जानकारियां हासिल हुईं और खा़सकर म्यूज़ियम जहां कई चीजें जो ऐतिहासिक हैं उन्हें करीब से जानने और देखने को मिलता है। मेरे ख़्याल से सुकून का एहसास है मेरा ये शहर।जब कभी फ़ुरसत मिली तो मैं अपने शहर जाना ज़रूर चाहूंगी और वहां बिताए पलों को और अच्छी यादों को अपने ज़ेहन में बसाना चाहूंगी। आख़िर में मैं हर भारतीय से यही कहना चाहूंगी कि मेरे इस शहर ‘पटना’ बिहार में एक बार ज़रूर आएं और इस शहर की संस्कृति, खान-पान, धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों से ख़ुद को रू-ब-रू कराएं।

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