Apsakuni Kaisi Meri Maa
Apsakuni Kaisi Meri Maa

Short Story in Hindi: आज रेखा बेटे की शादी की रस्में को चलते देख बहुत मायूस थी, तब उसके अंदर धुंधला सा याद था जब भी वह शुभ कार्य करती तो सब उसे दूर करते थे।

इसी कारण सभी रस्में रेखा की ननद ,जेठानी, और चाची सास कर रही थी। तभी उसका बेटा अजय बोला -जब मेरी मां टीका नहीं करेगी, तब तक मैं कोई रस्में नहीं करुंगा । इतना सुनते ही सब कहने लगे, तेरी माँ विधवा है,अपशकुनी है।

तब बेटा बोला – मेरी मां अपशकुनी नहीं हो सकती । क्योंकि पापा के न रहने पर मेरी मां ने मेरे जीवन को संवारा है,उन्हीं के कारण मैं इतना सफल हूं। बेटा के कहते ही रेखा के चेहरे पर मुस्कुराहट से चमक उठा और उसने सभी रस्में निभाई।

उसके बेटे की शादी भी बिना रुकावट से हुई ।तब बेटा ने कहा- देखा ..मेरी मां से मुझे कितना आशीष मिला, सब काम अच्छे से हो गया।ऐसी ही बहारें में मेरे जीवन में आती रहेंगी।