Hindi Story: अपने तो अपने होते हैं चाहे वो अपना घर हो, घर के सदस्य हो, या मेरा अपना समाज हो ,या अपना शहर। इससे हमारा एक खास जुड़ाव होता है। आइए आपको मिलवाते हैं हम अपने शहर मिथिला की धड़कन दरभंगा से…….।
अपनी प्राचीन संस्कृति और बौद्धिक परंपरा के लिए यह शहर विख्यात रहा है ऐतिहासिक रूप से इसमें दरभंगा राज का शासन था और यह मिथिला क्षेत्र की राजधानी बन गई।
दरभंगा के कुछ प्रसिद्ध प्रमुख स्थान जिनकी ख्याति दूर-दूर तक विख्यात हैं वो है:-
दरभंगा राज किला जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। अहिल्या स्थान जिसकी ख्याति दूर-दूर तक विख्यात है। यहां पर स्वयं श्री राम अहिल्या माता का उद्धार किए थे।
श्यामा मंदिर दरभंगा महाराज के चिता पर स्थापित मां काली की प्रतिमा, शाही मस्जिद किलाघाट दरभंगा, चंद्रधारी संग्रहालय, महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह संग्रहालय, जिसमें बहुत अद्भुत वस्तुओं को सुरक्षित संग्रहित किया गया है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , संस्कृत विश्वविद्यालय इसकेे अलावा पर्यटन के हिसाब से और भी देखने योग्य जगहें हैं हमारे दरभंगा शहर में।
यह जिला आम और मखाना के उत्पादन के लिए काफी प्रसिद्ध है। आम को लेकर मैं कहीं भी रहूं आज भी अपने शहर दरभंगा को बहुत मिस करती हूं। आम फलों का राजा और मुझे बेहद प्रिय है। भोजन में दही चुरा विभिन्न प्रकार के तरुआ के साथ—साथ तिलकोर के तरूआ चटनी काफी प्रसिद्ध है।
इसके अलावा यहां के बोल हैं अनमोल हमारी मधुर मैथिली भाषा। दरभंगा शहर की जितनी तारीफ की जाए हर क्षेत्र में उतनी कम क्योंकि स्वयं हमारे प्रभु श्री राम इस मिथिला धरती पर दामाद बनकर आए थे। दरभंगा शहर मिथिला की धड़कन उसकी तारीफ में और हम क्या कह सकते हैं। मेरे दिल और दिमाग में तो मेरा अपना शहर बसा ही है। कभी आप भी आइए हमारे शहर दरभंगा मिलिए इसकी खूबसूरती से…….।
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