मेरे दादाजी मेरे मार्गदर्शक………….
Mere Dadaji Mere Margdarshak

Short Story: हर किसी के जीवन में एक मार्गदर्शक होना बहुत ही आवश्यक होता है बिना मार्गदर्शन के जीवन पथ पर चलना बहुत ही कठिन हो जाता है, इसीलिए जीवन को आसान बनाने के लिए हमें एक मार्गदर्शक चुनना ही होता है और मेरे मार्गदर्शक मेरे दादाजी थे। जिनके वजह से हम लोग का बचपन काफी आनंदमय रहा । हमारे बचपन को देखकर मेरे दादाजी अपना बुढ़ापा भूल जाते थे और हमलोगो के साथ बचपना दिखाते हुए जिंदगी का आनंद लेने लगते थे । लेकिन दुख की बात तो यह है कि वो अब इस दुनिया में नहीं है काश ! …अभी भी वो हमारे साथ होते,
तो हमारे जीवन में चार चांद लग जाते।
वो हमें हमारे जीवन के सही रास्ते पर चलने का तरीका से रूबरू कराते थे। उनका कहना था था कि जीवन की पथ पर आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले हमे अपने व्यवहार में विनम्रता लानी पड़ती है, विनम्रता एक ऐसी गुण है जिससे हम बड़े से बड़े इंसानों का दिल जीत सकते हैं। तथा वो कहते थे कि हमें अपने कार्यों को समय के अनुसार पूरा करने चाहिए। अपने कार्य और परिस्थितियों से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
विपरीत परिस्थिति हर किसी के जीवन में आती है और जो उससे लड़ना जानता है अपने आप पर विजय प्राप्त लेता है, और जो इससे पीछे हट जाता है उनका जीवन मृत्यु के समान हो जाता है। शायद उन्हीं के इन प्रेरणादाई बातों से और हमारे राम जी का आशीर्वाद से मैं निरंतर प्रयास करती रही सच में उनके यह मार्गदर्शन मेरे लिए आशीर्वाद रहा जिससे मैं एक शिक्षिका बन पाई हूं। और मैं अभी भी निरंतर प्रयास कर ही रही हूं मुझे उनके आशीर्वाद और आप लोगों का प्यार पर पूर्ण विश्वास है कि मैं अपने जीवन पथ पर बहुत आगे तक जाऊंगी।

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