बुलाने की तो बहुत कोशिश की लाडो ने, मगर वह ना जाने क्यों एक मील का पत्थर बनकर अपने धुंधला पड़ते ही पुनः अपने अटल रूप में उसके ऐन सामने आकर उसे चिढ़ाने लगती। उसके साथ भी नहीं रहा जा रहा था, क्योंकि उसमें लाडो का कोई दोष नहीं था, वह सवयं ही लाडो से […]
Author Archives: डॉ. रजनी कुमारी
Posted inलघु कहानी - Short Stories in Hindi, हिंदी कहानियाँ
मेरे दादाजी मेरे मार्गदर्शक………….
Short Story: हर किसी के जीवन में एक मार्गदर्शक होना बहुत ही आवश्यक होता है बिना मार्गदर्शन के जीवन पथ पर चलना बहुत ही कठिन हो जाता है, इसीलिए जीवन को आसान बनाने के लिए हमें एक मार्गदर्शक चुनना ही होता है और मेरे मार्गदर्शक मेरे दादाजी थे। जिनके वजह से हम लोग का बचपन […]
