jeevan ka sootr
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खान अब्दुल गफ्रफार खाँ (सीमान्त गांधी) के मुहल्ले में एक मौलवी साहब रहते थे। सारा मुहल्ला उन्हें पीर की तरह पूजता था। एक दिन मौलवी साहब ने अपनी बकरी खाँ साहब को देते हुए कहा, “इसे खूँटे से बाँध दो।” बकरी पूरी शैतान की खाला थी। सीधी तरह से माननेवाली न थी। उछलकर भाग गयी और इधर खाँ साहब के हाथ से रस्सी छूट गयी, किन्तु खाँ साहब भी कम न थे, उन्होंने उचककर उसके पैरों को पकड़ लिया।

यह दृश्य मौलवी साहब देख रहे थे_ बोले, “बेटा ! यही है जीवन का वास्तविक सूत्र। जड़ पकड़ लेने पर पूरा पेड़ अपना हो जाता है। अतः हमें किसी भी बात की जड़ को पकड़ना चाहिए, तभी हम उसे आत्मसात् कर सकते हैं।”

ये कहानी ‘ अनमोल प्रेरक प्रसंग’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंAnmol Prerak Prasang(अनमोल प्रेरक प्रसंग)