गृहलक्ष्मी की कहानियां - देर से डालने की आदत
Stories of Grihalakshmi

गृहलक्ष्मी की कहानियां – मैं, मेरे पति और हमारे पड़ोस के भाई साहब व भाभी जी एक शाम ताश खेल रहे थे। मेरे पार्टनर भाई साहब थे और पति की पार्टनर भाभी जी थीं। सीप का खेल था। मेरे पति हर बार पत्ता डालने में काफी देर लगा देते थे, जिससे बाकी सब बोर हो जाते। इसी बात से खीझकर भाभी जी ने मुझ से कहा, संगीता, पवन तो बहुत देर में डालता है। अनायास ही मेरे मुंह से भी निकल गया, हां भाभी जी, पता है, इनकी तो देर से ही डालने की आदत है। मेरी इस बात पर सभी ठहाका लगाकर हंसने लगे और जब मुझे अपनी बात का दूसरा मतलब समझ में आया तो मैं वाकई शर्म से लाल हो गई।

 

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