jab birbal ne kahani sunaee story in Hindi
jab birbal ne kahani sunaee story in Hindi

jab birbal ne kahani sunaee story in Hindi : बादशाह अकबर को कहानी सुनना बहुत पसंद था। रोज रात को कहानी सुने बिना उन्हें नींद नहीं आती थी।

कहानी सुनाने के लिए किसी-न-किसी दरबारी को महल में बुलाया जाता था। प्रत्येक व्यक्ति को बिल्कुल नई कहानी सुनानी पड़ती थी।

एक रात बीरबल की बारी आई। उन्होंने सोचा कि हर बार नई कहानी कहाँ से लाई जाए। बादशाह की यह आदत छुड़ानी पड़ेगी।

बीरबल रात में अकबर के कक्ष में पहुँचे। बादशाह उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘आओ बीरबल, आज हमको कोई नई और लंबी कहानी सुनाओ। आज हम बहुत बेचैन हैं।’

बीरबल आराम से बैठ गए और कहानी सुनाने लगे, ‘हुजूर, एक गाँव में एक मालदार किसान रहता था। एक बार उसने मिस्त्रियों को बुलाया और उन्हें एक बड़ा कोठार बनाने की आज्ञा दी।

वह चाहता था कि कोठार सब तरफ से बंद हो। उसमें कहीं से भी हवा न जा सके। उसमें खिड़की-दरवाजे भी न हों। इस बार जब फसल काटी गई तो किसान ने सारा गेहूँ कोठार में भरवा दिया।

किंतु एक समस्या पैदा हो गई। मिस्त्री की गलती से कोठार की एक दीवार में एक छोटा-सा छेद छूट गया। एक गौरैया आई, वह कोठार में घुसी और गेहूँ का एक दाना लेकर फुर्र से उड़ गई।’

अकबर ने पूछा, ‘फिर क्या हुआ?’

बीरबल ने आगे बताया, ‘फिर एक गौरैया आई, कोठार के अंदर गई और गेहूँ का एक दाना चोंच में दबाकर उड़ गई।’

‘फिर?’

‘फिर एक और गौरैया आई, कोठार के अंदर गई और एक दाना लेकर उड़ गई।’

इस प्रकार बीरबल ने पचास गौरैयों का किस्सा सुना डाला कि कैसे वे अंदर गईं और अपनी चोंच में गेहूँ का एक दाना लेकर उड़ गईं।

अकबर ने बीरबल को रोकते हुए कहा, ‘अब बहुत सारी गौरैया दाना लेकर उड़ चुकीं। आगे की बात बताओ।’

‘जहाँपनाह, वहाँ तो हजारों गौरैया थीं। मैंने तो अभी सिर्फ पचास का हाल सुनाया है। जब तक सारा कोठार खाली न हो जाएगा, कहानी इसी प्रकार चलती रहेगी। हो सकता है, इसको खाली होने में कई महीने लग जाएँ। कई साल भी लग सकते हैं।’

अकबर ने बीरबल को रोका, ‘बस, बस बीरबल! बंद करो यह कहानी। हमें नींद आ रही है।’

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