Hindi kids story aesop ki kahani

Hindi kids story: एक थी बिल्ली, बड़ी ही चतुर – चालाक । वह चूहों को पकड़ने के लिए तरह-तरह की तरकीबें आजमाती थी. पर चहे इतने होशियार थे कि अक्सर उसके फंदे में आने से बच जाते थे ।

एक दिन बिल्ली ने सोचा, ‘अब मुझे कोई चाल चलनी चाहिए जिससे चूहे खुद-ब-खुद मेरे पास आएँ ।’ उसने खूब दिमाग लगाया। तब उसे एक तरकीब सूझ गई ।

एक दिन बिल्ली को एक फटा हुआ तकिए का गिलाफ मिल गया। बस उसने योजना बना ली। उसने उस गिलाफ में अपना मुँह घुसाया और उसे गले में टाँगकर एक कीली से उलटी लटक गई, ताकि चूहे समझें कि वह मर चुकी है।

चूहों ने जब बिल्ली को इस तरह बेजान होकर लटकते देखा और उसकी गरदन तकिए के गिलाफ से बाहर निकली देखी, तो चकरा गए। वे उसके आस-पास घूमते हुए चौकन्नी नजरों से देखने लगे, पर बिल्ली में सचमुच कोई हरकत नहीं थी । तब चूहों ने सोचा, “ वाकई बिल्ली तो मर चुकी है। अब उसके पास जाने में कोई खतरा नहीं है । ”

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वे बिल्ली के पास जाने ही वाले थे कि तभी एक बूढ़े चूहे ने यह सारा माजरा देखा। उसने उन चूहों को सावधान करते हुए कहा, “सुनो भाई सुनो, मैंने अपने लंबे जीवन में तरह-तरह के विचित्र दृश्य देखे हैं, पर ऐसा अजीबो-गरीब दृश्य तो आज तक नहीं देखा कि कोई बिल्ली तकिए में मुँह घुसाकर मरी हो । यह तो इसने कोई नया ही स्वाँग किया है । ”

इस पर चूहे चौकन्ने होकर पीछे सरक आए । बूढ़े चूहे ने व्यंग्य से हँसते हुए बिल्ली से कहा, “बिल्ली मौसी, अब तुम लटकी रहो जितनी देर चाहो, पर तुम्हारी चालाकी हम भाँप गए हैं इसलिए यहाँ से जा रहे हैं । ”

बिल्ली ने देखा कि उसकी पोल खुल गई है, तो वह भी तकिए से मुँह निकालकर झट भाग खड़ी हुई ।

सीखः चौकन्ने होकर दुश्मन की हर चाल पर नजर रखनी चाहिए।

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