मेरे पतिदेव चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। मार्च के महीने में बहुत व्यस्त रहते हैं, क्योंकि सभी कंपनियों के एकाउंट्स वगैरह फाइनल होते हैं। एक शाम अचानक मेरी सहेली घर आ गई। लेकिन पतिदेव रात नौ बजे तक भी घर नहीं आए, तो खाना खाते हुए मेरी सहेली ने पूछा, ‘जीजू कहां बिजी रह गए। मैं भी अपनी कॉलेज वाली भाषा में एकदम से बोली, ‘अरे, अभी तो ये फिगर्स से खेलने में बिजी होंगे। मेरा मतलब एकाउंट फिगर्स यानी नंबर्स से था। मेरे सास-ससुर वहीं बैठे थे। मेरी सहेली ने भी छूटते ही कहा, ‘वो तेरे बजाय दूसरी फिगर्स से खेल रहे हैं और तू चैन से बैठी है। यह सुन मेरे सास-ससुर दबी हंसी हंसने लगे और मैं शर्म से लाल हो गई।

 

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