मैं एक बैंक में कार्यरत हूं। महिला कर्मचारी के तौर पर मैं अकेली हूं। हमारे बैंक का चपरासी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, परंतु टूटी-फूटी अंग्रेजी खूब बोलता था। उसकी बातों पर हम सभी हमेशा हंसते रहते थे। एक दिन उसने आकर मुझसे कहा, ‘मैडम, मुझे दो-चार दिनों की छुट्टी चाहिए। मैंने पूछा क्या बात है, छुट्टी क्यों चाहिए? उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया, ‘मैडम, मेरी पत्नी प्रेगनेंट होने वाली है और इसके लिए मेरा रहना बहुत जरूरी है। मैं भौंचक्की हो कर उसे देखने लगी। सारे कर्मचारी मंद-मंद मुस्कुराते हुए उसकी बात सुन रहे थे। फिर मैंने पूछा, ‘प्रेगनेंट होने वाली है। मैं कुछ समझ नहीं रही थी कि वह क्या कहना चाह रहा है? उसने फिर कहा, ‘हां मैडम और अगर मैं नहीं रहूंगा तो कैसे होगा? तभी एक कर्मचारी ने हंसते हुए कहा, ‘अरे मैडम, इसकी पत्नी को बच्चा होने वाला है और डिलीवरी होने वाली है। इतना सुनना था कि सारे कर्मचारी ठहाका मार कर हंस पड़े और इतने लोगों के बीच मेरा शर्म से बुरा हाल हो गया।