हीमोफीलिया रोग से जुड़ी ये बाते जानना है बेहद जरूरी, जानें क्या हैं लक्षण और उपचार: World Haemophilia Day
World Haemophilia Day 2023

World Haemophilia Day: शरीर पर कोई कट लग जाने पर या फिर चोट लग जाने पर अगर खून बहना बंद न हो यानी खून का थक्का नहीं जमें तो इस स्थिति को हीमोफीलिया कहा जाता है। हीमोफीलिया एक ब्लीडिंग डिसऑर्डर है। यह एक आनुवंशिक रोग है। इस रोग में शरीर में खून के थक्के जमने की प्रिक्रिया या तो बहुत धीरे हो जाती है या फिर उसका प्रोसेस स्लो हो जाता है। ऐसे में इस रोग से पीड़ित लोगों को बहुत ही सावधानी रखनी होती है।

जानिए इस रोग से जुड़े कुछ फैक्ट्स

World Haemophilia Day
World Hemophilia Day is celebrated every year on 17 April.

हर साल 17 अप्रैल का वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने का उद्देश्य हीमोफीलिया के प्रति लोगों को जागरूक करना है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल की जयंती पर इसे ये तारीख चुनी गई है। हर साल इस खास दिन की एक थीम होती है। साल 2023 में यह थीम रखी गई है ‘सभी के लिए पहुंचः देखभाल के वैश्विक मानक के रूप में रक्तस्राव की रोकथाम।’ हीमोफीलिया एक ऐसा रोग है जिसके विषय में लोगों को अभी भी कम ही जानकारी है। इससे जुड़े कई फैक्ट्स लोगों को आज भी नहीं पता है। विशेषज्ञों के अनुसार हीमोफीलिया महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक होता है। भारत में जन्मे प्रत्येक पांच हजार पुरुषों में से एक इस गंभीर रोग से ग्रसित होता है।

हीमोफीलिया के कारण

भारत में प्रतिवर्ष करीब 1300 बच्चे हीमोफीलिया रोग से पीड़ित होते हैं।
Every year about 1300 children in India suffer from hemophilia disease.

भारत में प्रतिवर्ष करीब 1300 बच्चे इस जन्मजात रोग से पीड़ित होते हैं। दरअसल, हमारे ब्लड में ऐसे प्रोटीन मौजूद होते हैं, जो रक्तस्त्राव को रोकते हैं। इन्हीं की मदद से खून के थक्के जमते हैं। इन्हें क्लॉटिंग फैक्टर कहते हैं, जब शरीर में क्लाॅटिंग फैक्टर आठ कम होता है तो हीमोफीलिया ए होता है। वहीं जब क्लाॅटिंग फैक्टर नौ कम होता है तो शख्स हीमोफीलिया बी से पीड़ित होता है।  वैसे तो हीमोफीलिया एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है। लेकिन फिर भी यह कई कारकों के कारण होता है। इसमें से सबसे प्रमुख है फैमिली हिस्ट्री। इस स्थित को एक्वायर्ड हीमोफीलिया कहते हैं। इसी के साथ कई बार गर्भावस्था में कैंसर होने के कारण भी गर्भस्थ शिशु इस रोग से पीड़ित हो सकता है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस और दवाओं के रिएक्शन के कारण भी यह रोग हो सकता है।  

ये लक्षण समय रहते पहचानें

हीमोफीलिया रोग के कई लक्षण होते हैं, जिन्हें समय पर जानना जरूरी होता है।
There are many symptoms of hemophilia disease, which are important to know on time.

हीमोफीलिया रोग के कई लक्षण होते हैं, जिन्हें समय पर जानना जरूरी होता है। इन लक्षणों को पहचानकर आप इस रोग के खतरे को कंट्रोल कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस खतरनाक रोग के लक्षण सिर्फ पुरुषों में ही नजर आते हैं। वहीं महिलाएं इसकी वाहक होती हैं। बच्चों में इस रोग के लक्षण बहुत कम उम्र से दिखने लगते हैं। ऐसे बच्चों को अक्सर ज्वाइंट पेन होता है। कभी-कभी पेट या ब्रेन में रक्तस्त्राव की आशंका रहती है। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षणों को जानना जरूरी है।

1. यूरिन में ब्लड आना

2. नाक से ब्लड बहना  

3. मसूड़ों में ब्लीडिंग होना

4. बॉडी के ज्वाॅइंट्स में सूजन और दर्द होना

5. कोई चोट या कट लगने पर ब्लड क्लॉटिंग न होना

6. बाॅडी पर जगह-जगह नील पड़ना

संभव है हीमोफीलिया का उपचार

ऐसा नहीं है कि इस गंभीर रोग का उपचार संभव नहीं है। इसका उपचार हीमोफीलिया के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर है। अनुपस्थित क्लॉटिंग फैक्टर को रिप्लेस करके हीमोफीलिया का उपचार संभव है। इससे  रक्त का थक्का बनने का प्रोसेस नॉर्मल हो जाता है। इसके लिए आर्टिफिशियल तौर पर क्लॉटिंग फैक्टर को बॉडी में इंजेक्ट किया जाता है। राहत की बात यह है कि यह तकनीक विश्व के अधिकांश देशों में प्रचलित है।