Vitamin D Deficiency Reason
Vitamin D Deficiency Reason

Vitamin D Deficiency Reason: विटामिन D को ‘सनशाइन विटामिन’ कहा जाता है क्योंकि यह सूरज की रोशनी से नैचुरली शरीर में बनता है। यह हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और मूड को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। आजकल बहुत से लोग विटामिन D की कमी के कारण थकान, हड्डियों में दर्द और लो एनर्जी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

अक्सर देखा गया है कि लोग रोज़ाना विटामिन D सप्लीमेंट्स लेते हैं, फिर भी उन्हें इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता। सवाल उठता है – आख़िर रोज़ विटामिन D लेने के बावजूद इसका असर क्यों नहीं होता? इसका जवाब एक नहीं बल्कि कई कारणों में छिपा है, जैसे शरीर में सही अवशोषण न होना, गलत समय पर लेना, या अन्य पोषक तत्वों की कमी।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि किन कारणों से विटामिन D लेने के बाद भी लाभ नहीं मिलता और इससे कैसे बचा जा सकता है। यदि आप भी विटामिन D की कमी से परेशान हैं और हर रोज़ सप्लीमेंट्स लेने के बाद भी कोई सुधार महसूस नहीं कर रहे, तो ये जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।

गलत समय पर सेवन करना

विटामिन D को सही समय पर लेना बेहद ज़रूरी है क्योंकि इसका अवशोषण शरीर में तभी बेहतर होता है। आमतौर पर इसे सुबह या दोपहर के समय भोजन के साथ लेना फायदेमंद होता है, खासकर उस भोजन के साथ जिसमें फैट हो। विटामिन D एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, जिसका मतलब है कि यह वसा के साथ मिलकर ही शरीर में अच्छी तरह से घुलता और काम करता है। अगर आप इसे खाली पेट या बिना फैट वाले खाने के साथ ले रहे हैं, तो इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता। इसलिए जरूरी है कि सप्लीमेंट्स लेते समय ध्यान रखें कि आप उन्हें सही समय और सही तरीके से ले रहे हैं, तभी इसका असर दिखाई देगा।

कमज़ोर पाचन तंत्र

विटामिन D का अवशोषण पाचन तंत्र पर भी निर्भर करता है। अगर आपका डाइजेशन सही नहीं है या आप किसी गैस्ट्रिक समस्या से जूझ रहे हैं जैसे IBS, सीलिएक डिज़ीज़ या लिवर से जुड़ी समस्या, तो विटामिन D का पूरा फायदा मिलना मुश्किल हो सकता है। वसा के पाचन में दिक्कत होने पर विटामिन D भी शरीर में अच्छे से नहीं घुल पाता। इस स्थिति में केवल सप्लीमेंट लेना ही काफी नहीं होता, बल्कि अपने डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाना भी जरूरी होता है। फाइबर युक्त भोजन, प्रोबायोटिक्स और पर्याप्त पानी पीने से पाचन में सुधार हो सकता है, जिससे विटामिन D का प्रभाव भी बेहतर दिखेगा।

धूप से दूरी बना लेना नुकसानदायक

भले ही आप सप्लीमेंट्स ले रहे हों, लेकिन नेचुरल सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन D कहीं ज्यादा प्रभावशाली होता है। बहुत से लोग सुबह से शाम तक घर या ऑफिस में रहते हैं और शरीर को धूप में जाने का मौका ही नहीं देते। विटामिन D को शरीर खुद बनाता है जब त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती हैं। रोजाना 15-20 मिनट धूप में रहना, खासकर सुबह 10 बजे से पहले, आपके शरीर को नैचुरल विटामिन D देने में मदद करता है। सिर्फ सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहने के बजाय थोड़ी सी धूप लेना आपकी सेहत के लिए कहीं ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी

विटामिन D अकेले काम नहीं करता। इसे एक्टिव होने और असर दिखाने के लिए मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन K2 जैसे पोषक तत्वों की भी ज़रूरत होती है। अगर ये सारे पोषक तत्व सही मात्रा में शरीर में नहीं हैं, तो विटामिन D भी अपना असर नहीं दिखा पाएगा। इसलिए सिर्फ विटामिन D की गोली लेना काफी नही है। आपको संतुलित आहार लेना होगा जिसमें हरी सब्जियां, नट्स, दालें और दूध जैसी चीजें हों, ताकि शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलें। शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा कम है, तो विटामिन D लेने के बावजूद उसका असर सीमित हो जाता है। मैग्नीशियम की कमी थकान, मांसपेशियों में ऐंठन और स्लीप डिस ऑर्डर जैसे लक्षणों से भी जुड़ी हो सकती है। इसीलिए अगर आप नियमित रूप से विटामिन D ले रहे हैं और फिर भी फायदे नहीं दिख रहे, तो एक बार अपने मैग्नीशियम लेवल की जांच जरूर करवाएं और ज़रूरत हो तो डॉक्टर की सलाह से उसका भी सेवन करें।

मेरा नाम दिव्या गोयल है। मैंने अर्थशास्त्र (Economics) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से हूं। लेखन मेरे लिए सिर्फ एक अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का एक ज़रिया है।मुझे महिला सशक्तिकरण, पारिवारिक...