Standing for Long: हर स्कूल में असेंबली के दौरान बच्चों को काफ़ी देर तक खड़ा रहना होता है। कई बार हम देखते हैं कि इस दौरान कुछ बच्चे गिरकर बेहोश हो जाते हैं। हालाँकि, थोड़ी देर में बच्चे को होश आ जाता है। ऐसा दरअसल इसलिए होता है कि देर तक खड़े रहने से ब्लड का फ्लो प्रभावित हो जाता है। इससे शरीर में ब्लड कम पहुँचता है। कई बार यह मौत का भी कारण बन सकता है। जानते हैं कि आख़िर क्यों है ज्यादा देर तक खड़े रहना नुक़सानदायक।
क्या होता है ज्यादा देर तक खड़े रहने से

जब हम एक ही जगह पर एक ही पोजीशन में बहुत देर तक खड़े रहते हैं तो पैरों का मूवमेंट नहीं होने से हमारा ब्लड ऊपर से नीचे की और बहने लगता है। इस कारण सारा ब्लड ब्रेन से नीचे पैरों की तरफ़ चला जाता है और हमारे मस्तिष्क में खून की कमी हो जाती है। कई बार इस वजह से व्यक्ति गिरकर बेहोश हो जाता है। जब वो नीचे गिर जाता है तो फिर से उसका ब्लड फ्लो सही हो जाता है और उसको होश आ जाता है। लेकिन अगर आप उसको गिरने से रोक देते हैं और उसी पोजीशन में पकड़े रहते हैं तो इससे उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
मूवमेंट होना ज़रूरी है
हम देखते हैं जो बच्चे चंचल होते हैं और असेंबली के दौरान भी इधर-उधर देखते रहते हैं, हिलते-डुलते रहते हैं उन्हें कभी भी कोई समस्या नहीं होती है। क्योंकि वो थोड़ी-थोड़ी देर में पैरों को इधर-पैर हिलाते रहते हैं। इससे पैर की काफ मसल्स रक्त को ऊपर की और धकेलती रहती हैं। जिससे ब्लड का फ्लो नीचे से ऊपर की और होता रहता है। मूवमेंट नहीं होने से वेरीकोज वेंस और डीप वेन थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
ज्यादा देर तक खड़े रहने से हो सकती हैं ये समस्याएं
सूजन
अगर आप लंबे समय तक हमेशा खड़े रहते हैं, तो इससे शरीर के निचले हिस्से में खून जमा हो सकता है और इससे पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है। सूजन बढ़ जाने की वजह से पैरों में दर्द भी होने लगता है।
थकान
लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों की मांसपेशियों में थकान होने लगती है।
घुटनों में दर्द
कई बार लंबे समय तक खड़े रहने के कारण घुटनों और जोड़ों में दर्द हो सकता है। ऐसे लोगों को जिन्हें आर्थराइटिस या जोड़ों की परेशानी है, उन्हें खड़े रहने से बचना चाहिए।
रीढ़ में दर्द
अक्सर लंबे समय तक खड़े रहने से रीढ़ की हड्डी में दर्द होने लगता है। इससे पोस्चर खराब हो जाता है।
क्या करना सही है
दरअसल, ज्यादा देर तक बैठने से भी हार्ट और ब्लड फ्लो की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बैठने और खड़े रहने दोनों ही पोजीशन में बैलैंस बनाए रखना जरूरी होता है। देर तक खड़े रहने की जगह जब भी मौका मिले, तो कुछ देर के लिए बैठ जाएं। बीच-बीच में वॉक करते रहना भी अच्छा है। अगर खड़े रहना पड़े तो बीच-बीच में पैर ज़रूर आगे-पीछे करते रहें।
