जानें प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक और फर्टिलिटी को बेहतर बनाने के तरीके
आजकल के लाइफस्टाइल के कारण और कपल्स में मेडिकल दिक्कतों के चलते कई महिला इस खुशी का अनुभव नहीं कर पाती हैं।
Women Fertility Tips: किसी भी महिला के लिए मां बनना सबसे अहम और खुशनुमा एहसास होता है। लेकिन आजकल के लाइफस्टाइल के कारण और कपल्स में मेडिकल दिक्कतों के चलते कई महिला इस खुशी का अनुभव नहीं कर पाती हैं। भारत में तेजी से प्रजनन दर घट रहा है जो कि शहरों में अधिक है। करियर बनाने की होड़ में या शादी में देरी के चलते लोग सही समय पर पैरेंट बनने का प्लान नहीं कर पाते और नतीजा तरह-तरह की परेशानी होती है। वहीं ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं है कि उनकी बायोलॉजिकल क्लॉक कैसे काम कर रहा है। परिणाम प्रेगनेंसी में कई तरह की समस्या का सामना उन्हें करना पड़ता है। ऐसे में प्रेगनेंसी से जुड़ी सारी जानकारी जान लेना जरूरी है।
आपकी यह आदतें है पैरेंट बनने में रूकावट

महिलाओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कई कारकों में कुछ सामान्य है जिसमें आयु, धूम्रपान, मोटापा, तनाव जैसी परेशानियां हो सकती है। बढ़ती उम्र आपके शरीर में कई तरह के बदलाव लाते हैं। कामकाजी महिलाएं जब अपने करियर बनाने में लग जाती है, तो उनका ध्यान मां बनने पर नहीं रह पाता है। डॉक्टरों के अनुसार 32 साल उम्र के बाद गर्भधारण करने में देरी से महिलाओं में बांझपन की शिकायत हो जाती है। क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव होते हैं जिसमें एक प्रमुख है अंडों की गुणवत्ता और मात्रा पर प्रभाव पड़ना।
पुरुषों की शारीरिक स्थिति भी है जिम्मेदार

मां बनने का सुख पाने से आपको धूम्रपान करने की लत भी रोकती है।कई महिलाओं और पुरुषों में धूम्रपान की आदत उन्हें माता पिता बनने से रोकती है। जानकारी के मुताबिक जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके शरीर में लगभग 7,000 रसायन होते हैं, जो कि महिलाओं में ओव्युलेशन में समस्या लाता है। इसके अलावा अनियमित मासिक धर्म, प्रजनन अंगों को नुकसान आदि समस्या का भी कारण बनता है। वहीं पुरुषों में धूम्रपान उनके शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा पर प्रभाव डालता है। गर्भधारण के लिए सिर्फ महिलाओं की नहीं बल्कि पुरुषों की शारीरिक स्थिति जिम्मेदार होती है। रिपोर्ट्स के अनुसार आज पुरुष बांझपन प्रतिशत बढ़ा है।
शरीर का बढ़ता वजन कई तरह की बीमारियों को न्योता देता है। वहीं जब बात गर्भधारण की हो तो आपके शरीर का मोटापा इसमें बड़ी रुकावट बन जाता है। महिलाओं के साथ ही जिन पुरुषों का वजन बढ़ जाता है उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम होने की संभावना बढ़ जाती है।
इन सब समस्याओं के अलावा आपका तनाव भी आपको पैरेंट नहीं बनने देगा। तनाव आज हर किसी के जीवन का हिस्सा है, लेकिन इसे कम करना बेहद जरूरी है तभी आप माता-पिता बनने का सूख उठा सकते हैं। पुरुषों में तनाव से ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन और टेस्टोस्टेरोन कम होता है, जिससे शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
समस्या का समाधान

गर्भधारण के लिए आपको बस कुछ आदतों में बदलाव लाना है और कुछ अच्छी आदतों को अपनाना है। रिसर्च में पाया गया है कि हर दिन की खराब आदतों के कारण ही लोग माता-पिता नहीं बन पा रहे। बुरी आदतों की जगह स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम, तनाव कम करना, शराब- धूम्रपान को छोड़ देना, यह सब आपको स्वस्थ बनाएगा है। व्यायाम और मानसिक तनाव को कम करता है जिससे प्रजनन क्षमता बढ़ती