Breast Milk: आपने अक्सर बड़े-बूढ़ों को ये कहते सुना होगा कि मां के खानपान का असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है। यदि मां पौष्टिक आहार लेगी तो बच्चे को पर्याप्त पोषण मिलता रहेगा, साथ ही जरूरी है कि मां इस बात का भी ध्यान रखे कि मां के दूध से बच्चे का पेट भर रहा है या नहीं!
बच्चे को 6 महीने से पहले केवल मां के दूध पर ही गुजारा करना होता है। मां के दूध से ही उसे हर तरह का पोषण मिलता है। मां का दूध ही उसके लिए हर तरह के आहार का स्रोत होता है। इसलिए मां को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका दूध बच्चे को पूरी तरह से संतुष्ट कर पा रहा है या बच्चा भूखा ही रहता है।
इसके अलावा मां का दूध पौष्टिक हो इस बात की भी पुष्टि करनी चाहिए। इसके लिए मां का खुद स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होता है। मां का दूध पौष्टिक बने इसके लिए जरूरी है मां खुद पौष्टिक आहार का सेवन कर रही हो। इससे बच्चे और मां दोनों की इम्यूनिटी को लाभ मिलता है। मां का दूध पौष्टिक हो और सही मात्रा में आए इसके लिए मां को एक्सरसाइज करनी चाहिए जो ब्रेस्ट के लिए लाभदायक हो। साथ ही मां को संतुलित आहार लेने के साथ-साथ सप्लीमेंट्स का भी सेवन करना चाहिए।
ब्रेस्ट के लिए एक्सरसाइज

ब्रेस्ट मसाज करें: महिला को बच्चे को दूध पिलाने से पहले और बाद में ब्रेस्ट की किसी अच्छे तेल के साथ मालिश करनी चाहिए ताकि ब्रेस्ट पूरी तरह से खाली हो जाए और नलिकाएं भी साफ हो जाएं। इससे ब्रेस्ट मिल्क में फैट की मात्रा जमा होने में मदद मिलेगी जो बच्चे के लिए हेल्दी होता है।
सूर्य नमस्कार करें: इस आसन को करने से आपके शरीर को काफी लाभ मिलते हैं और आपका ब्रेस्ट मिल्क भी ज्यादा आने लगता है। इससे आपको पूरा दिन उर्जा महसूस होती रहेगी जिस कारण आप घर के कामों में और बच्चे को संभालने में ज्यादा थकेंगी भी नहीं।
चेस्ट एक्सरसाइज: बहुत सी चेस्ट एक्सरसाइज जैसे- पुश-अप और डंबल प्रेसेज आदि आपकी प्रेगनेंसी के बाद स्तनों को सही शेप में लाने में मदद करेंगी। ध्यान रहे कि स्तनों में मालिश धीरे-धीरे करें। मालिश के अलावा दूध बढ़ाने वाली एक्सरसाइज भी करनी शुरू कर सकती हैं।
ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल: अगर आप काफी व्यस्त रहती हैं या फिर हर समय बच्चे को अपनी ब्रेस्ट से लिपटा हुआ नहीं देखना चाहती हैं तो ब्रेस्ट पंप आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। यह कामकाजी महिला के लिए एक काफी अच्छा यंत्र होता है। इसका प्रयोग करके आप अपने दूध को एक अलग बर्तन में निकाल कर रख सकती हैं और कुछ समय के लिए इस दूध को स्टोर भी करके रखा जा सकता है ताकि जब बच्चे को भूख लगे तब उसे अचानक से यह दूध पिलाया जा सके और वह अपनी मां के बिना ज्यादा परेशान न हो। इससे लाभ यह मिलेगा कि जब मां बच्चे के आसपास नहीं होगी तब भी वह मां का वही पौष्टिक दूध पी सकेगा, इससे उसकी मां और उसके बीच के रिश्ते में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा मां को बच्चे के लिए अलग से दूध निकाल कर रखने और बाहर से दूध लेने की चिंता नहीं होगी।
सप्लीमेंट्स का प्रयोग: अगर आप खाने में ज्यादा पौष्टिक चीजों का सेवन नहीं करती हैं या फिर आपको ज्यादा संतुलित आहार खाने की आदत नहीं है लेकिन आप नहीं चाहती हैं कि आपके बच्चे को भी आपकी इन कमियों का हरजाना उठाना पड़े तो आपको सप्लीमेंट्स का सेवन करना होगा। सप्लीमेंट्स का सेवन वह मां अक्सर करती हैं जो बच्चे के लिए पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क का प्रोडक्शन नहीं कर पाती हैं और जिन्हें लगता है कि उनके दूध में बच्चे के लिए पौष्टिक तत्वों की कमी है।
आपको सबसे पहले अपने शरीर की जरूरतों को ध्यान में रख कर ही सप्लीमेंट खरीदना होगा। कौन सा सप्लीमेंट आपके लिए सर्वोत्तम रहने वाला है इसके बारे में अपने डॉक्टर से राय जरूर ले लें। कुछ सप्लीमेंट्स ओवर द काउंटर भी उपलब्ध होते हैं, जिनमें मेथी, मिल्क थिस्टल, ब्लेस्ड थिसल, सौंफ, काले बीज आदि मिले हुए होते हैं पर भी उपलब्ध होती है लेकिन इनका प्रयोग आपको डॉक्टर की राय लेकर ही करना चाहिए। यह सप्लीमेंट्स आपके प्रो लैक्टिन के स्तर को बढ़ा देते हैं जिस कारण आपके शरीर में ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन ज्यादा होने लगता है। इससे बच्चे के लिए पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क आने लगेगा और आपको इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
पौष्टिक भोजन

बच्चे को पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए जरूरी है कि मां खुद पौष्टिक आहार का सेवन कर रही हो। इससे मां को अपने शरीर के लिए तो लाभ मिलेगा ही साथ में उसके बच्चे को भी इसके कई सारे लाभ मिलेंगे। इसलिए मां को एक संतुलित आहार का ही सेवन करना चाहिए। इस समय आपको बाहर का जंक और ऑयली फूड तो बिल्कुल ही बंद कर देना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा आपके शरीर के लिए लाभदायक फल और सब्जियों का सेवन आपको करना चाहिए। इन चीजों के सेवन से आपके शरीर में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की पूर्ति होगी, ताकि आपके बच्चे को भी विकास में मदद मिल सके।
एक संतुलित आहार में प्रोटीन, कार्ब और फैट की मात्रा बराबर होती है, जिससे आपके शरीर की सारी पौष्टिक जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसलिए आपको लग सकता है कि ऐसा खाना बोरिंग हो लेकिन आप रोजाना बदल-बदल कर ऑप्शन ट्राई कर सकती हैं लेकिन प्रेगनेंसी के बाद कुछ महीनों तक इसी तरह का खाना खाना आपके और बच्चे के लिए फायदेमंद होगा। तो यह थे कुछ टिप्स जिनका प्रयोग करके आपका ब्रेस्ट मिल्क बढ़ सकता है और साथ ही बच्चे को भी पूरी मात्रा में पौष्टिक आहार मिल सकता है।