गैस की समस्या को कम करेंगे ये फूड: Foods for Reduce Acidity
Foods for Reduce Acidity

Foods for Reduce Acidity: आंत में सूजन आम तौर पर हमारे अत्यधिक अम्लीय शरीर के कारण होती है, जिसका कारण हमारी गलत खान-पान की आदतें (कैफीन, शराब, प्रोसेस्ड फूड आइटम्स, शुगर, रिफाइंड आटा और बहुत अधिक एनिमल प्रोडक्ट जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ) प्रदूषण और तनाव है। मोटापा, धूम्रपान, शराब, क्रॉनिक स्ट्रेस और पोषण संबंधी कमी के साथ-साथ विटामिन बी6, विटामिन बी12 और विटामिन डी की कमी भी इसका कारण बन सकती है। इसलिए इस प्रक्रिया को उलटने के लिए इन कमियों को दूर करना, तनाव को कम करना, नियमित रूप से व्यायाम करना, अच्छी नींद लेना और सबसे महत्वपूर्ण रूप से अल्कलाइजिंग डाइट का पालन करना और प्लेट फूड्स को खाना है, जो इंफ्लमेशन और ब्लोटिंग को कम करने में मदद करते हैं।

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करें ये उपाय

कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर और एंटी-इंफ्लमेटरी फूड्स को अपनी ग्रॉसरी लिस्ट में शामिल करके आप इंफ्लमेशन को आसानी से कम कर सकते हैं।
इसका पहला अचूक नियम है संतुलित आहार खाना। किसी एक मैक्रोन्यूट्रिएंट- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट या वसा का अधिक सेवन सूजन या इंफ्लमेशन का कारण बन सकता है।
फाइबर से भरपूर आहार (फल, सब्जियां, साबुत अनाज) खाएं। शोध से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि जो लोग हाई फाइबर वाला आहार लेते हैं, उनके रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) का स्तर कम होता है। सीआरपी सूजन का एक मार्कर है। हाई फाइबर फूड गट में गुड बैक्टीरिया को भी पोषण देते हैं, जो पूरे शरीर में सूजन के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। वास्तव में अपने आहार में प्लांट बेस्ड फूड आइटम्स को शामिल करने से शरीर को विटामिन, मिनरल्स, कैंंसर से लड़ने वाले फाइटोकेमिकल्स, एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइबर की आपूर्ति करने में मदद मिलती है, जिससे पुरानी सूजन को प्रभावी ढंग से रोकने में मदद मिलती है।

चुस्की लेते हुए रखें ध्यान

Foods for Reduce Acidity
Kavita Devgan Nutritionist and ‘Don’t Diet!

ग्रीन और ब्लैक टी दोनों तरह की चाय में बहुत शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, क्योंकि इनमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो सूजन को कम रखने में प्रभावी होते हैं। चाहे ग्रीन हो या ब्लैक टी को अपने रोजमर्रा के पेय मेनू का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएं।
अल्काइजिंग फूड पर ध्यान दें। इस सूची में बैंगन सबसे ऊपर है। यह वास्तव में हमारे द्वारा खाए जाने वाले सभी अम्लीय खाद्य पदार्थों के लिए एक परफेक्ट एंटी-डॉट के रूप में काम करता है। इतना ही नहीं, यह बहुत सारे एंटी-ऑक्सीडेंट भी प्रदान करता है, विशेष रूप से एंथोसायनिन, जो बहुत मदद करता है।

अपनी शुगर को करें स्विच

जितना संभव हो रिफाइंड शुगर और आर्टिफिशियल स्वीटनर से पूरी तरह बचें। वास्तव में, मेपल सिरप का सेवन करना अच्छा विचार है क्योंकि एक शोध से इसमें इनुलिन की उपस्थिति का पता चला है। यह एक प्रकार का कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट (प्राकृतिक आहार फाइबर) जो प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करता है और उसे प्रोत्साहित करने का काम करता है, जिससे आंत में अच्छे जीवाणुओं का विकास होता है।

हर्ब्स को करें शामिल

एंटी-इंफ्लेमेटरी हर्ब्स और मसाले जैसे- हल्दी, अदरक और दालचीनी शामिल करें। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-कैंसर गुण होते हैं। अदरक में बहुत शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड होते हैं जिन्हें जिंजरोल्स कहा जाता है और दालचीनी में पॉलीफेनोल्स एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है। इसलिए इन मसालों को अपने आहार में शामिल करें।

फूड फैट्स का करें सेवन

पर्याप्त मात्रा में ओमेगा-3 का सेवन करें क्योंकि यह गुड फैट शरीर में उत्पन्न होने वाले सूजन संबंधी रसायनों के उत्पादन को दबाने में मदद करता है। हालांकि, ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन कम करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जो सूजन को बढ़ावा देता है। मुख्य रूप से आप रिफाइंड ऑयल में कम खाना पकाएं और मीट और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम करें।