Overview: गर्दन और सिर में रहता है दर्द, कहीं पनप तो नहीं रही ब्लॉकेज की समस्या
गर्दन और सिर में दर्द ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है, जो कैरोटिड धमनी रोग के कारण होता है। यह स्थिति स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती है।
Carotid Artery Disease: गर्दन या सिर में बार-बार होने वाला दर्द सामान्य थकान या तनाव का परिणाम होता है, लेकिन कई बार यह शरीर में गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है। विशेष रूप से, तब जब यह दर्द गर्दन या मस्तिष्क की ब्लड वैसल्स में ब्लॉकेज के कारण होता है, तो ये स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। ब्लड वैसल्स में रुकावट स्ट्रोक का कारण बन सकती है, जो मृत्यु और अक्षमता को बढ़ावा दे सकती है। हाल ही में ये समस्या अभिनेता व डायरेक्टर राकेश रौशन को डिटेक्ट हुई थी जिसकी उन्होंने कुछ दिन पहले ही सर्जरी करवाई है। आखिर ये समस्या कब और कैसे बढ़ती है साथ ही इसका सही उपचार क्या है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है कैरोटिड आर्टरीज

कैरोटिड आर्टरीज गर्दन और सिर के दोनों तरफ मौजूद दो प्रमुख ब्लड वैसल्स हैं, जो मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाती हैं। जब इन आर्टरीज में फैट या प्लाक जमा हो जाता है, तो इसे कैरोटिड आर्टरीज डिजीज कहा जाता है। यह ब्लॉकेज मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क तक रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है, जिसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क क्षति, अक्षमता या मृत्यु हो सकती है।
ब्लॉकेज के कारण
कैरोटिड आर्टरीज में ब्लॉकेज का निर्माण धीरे-धीरे होता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं, जिसमें आर्टरीज की दीवारों पर प्लाक जमा हो जाता है। प्लाक में कैल्शियम, कोलेस्ट्रॉल और रेशेदार ऊतक शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है, जब ब्लड वैसल्स क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ब्लॉकेज के प्रमुख कारणों में शामिल हैं-
– उच्च कोलेस्ट्रॉल
– उच्च रक्तचाप
– धूम्रपान
– मधुमेह
– शारीरिक व्यायाम की कमी
– अस्वास्थ्यकर आहार
– मोटापा
– पारिवारिक इतिहास
ब्लॉकेज के लक्षण
कई बार ब्लॉकेज के लक्षण स्पष्ट नहीं होते और लोग तब तक कुछ महसूस नहीं करते, जब तक स्थिति गंभीर न हो जाए। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
– चेहरे या अंगों में सुन्नता या कमजोरी
– चक्कर आना या संतुलन खोना
– भ्रम या दिशाहीनता
– एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी
– बोलने या समझने में कठिनाई
– गंभीर सिरदर्द
ब्लॉकेज का कैसे लगाएं पता

45 वर्ष की आयु के बाद नियमित स्क्रीनिंग लाइफ सेविंग हो सकती है। चिकित्सक अक्सर हृदय और मस्तिष्क की सेहत के लिए वार्षिक जांच की सलाह देते हैं। अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे टेस्ट ब्लॉकेज का पता लगाने में मदद करते हैं। ये टेस्ट आर्टरीज में प्लाक की मौजूदगी और ब्लड फ्लो की स्थिति को दर्शाते हैं।
ब्लॉकेज का सही उपचार
ब्लॉकेज का उपचार उसकी गंभीरता और स्थान पर निर्भर करता है। उपचार का मुख्य लक्ष्य ब्लड फ्लो को बहाल करना और भविष्य में स्ट्रोक को रोकना है।
– जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना और वजन नियंत्रण।
– दवाएं: रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त के थक्कों को नियंत्रित करने के लिए दवाएं।
– सर्जरी: गंभीर मामलों में, प्लाक को हटाने और स्टंट लगाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
– गर्दन और सिर में दर्द को हल्के में न लें। यह कैरोटिड धमनी रोग या ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है, जो स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
– समय पर स्क्रीनिंग और विशेषज्ञ की सलाह इस खतरे को कम कर सकती है।
– किसी भी छोटे लक्षण को गंभीरता से लें। साथ ही समय पर दवाईयां लें।
– यदि आप या आपके प्रियजन को उपरोक्त लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
