challenges parents face when raising a child
challenges parents face when raising a child Credit: Istock

Overview: टीनेज को भी हो सकता है ये 6 टाइप का माइग्रेन, जानें सही कारण और उपचार

माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो टीनेज में भी आम है। उपचार और घरेलू उपायों से इस समस्‍या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

Migraine In Teenage: टीनेज में बार-बार सिर दर्द होना, आंखों के आसपास की नसों में दर्द रहना और चक्‍कर जैसे लक्षण सामान्‍य नहीं हैं। ये लक्षण माइग्रेन का संकेत हो सकते हैं। माइग्रेन एक जटिल न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो आमतौर पर बड़ी उम्र के लोगों को होती है, लेकिन अब ये समस्‍या टीनेज में भी देखी जा सकती है। यह सामान्‍य से गंभीर सिरदर्द का कारण बनता है, जो कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। यह महीने में दो से चार बार ट्रिगर कर सकता है, जो टीनेजर्स की डेली रुटीन को प्रभावित कर सकता है। टीनेज में माइग्रेन कई प्रकार के हो सकते हैं जिसके बारे में जागरुक होना बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं माइग्रेन के प्रकार, कारण और उपचार के बारे में।

टीनेज में लड़कियां होती हैं अधिक शिकार

In teenage, girls tend to be more vulnerable
In teenage, girls tend to be more vulnerable

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार 15 से 19 वर्ष की आयु के लगभग 28% टीनेजर्स माइग्रेन का अनुभव करते हैं। यह समस्‍या लड़कियों में लड़कों की तुलना में अधिक आम है, जिसमें लड़कों में 8% और लड़कियों में 23% की दर से यह समस्या देखी जाती है। कई टीनेजर्स को यह पता ही नहीं होता कि वे माइग्रेन का सामना कर रहे हैं।

टीनेज में माइग्रेन के कारण

जेनेटिक : यदि माता-पिता या भाई-बहन को माइग्रेन है, तो टीनेज में इसका जोखिम बढ़ जाता है। 

ब्रेन मालफंक्‍शन : न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे सेरोटोनिन के स्तर में बदलाव दर्द का कारण बन सकते हैं। 

ब्‍लड वैसल्‍स में बदलाव: सिर और गर्दन की ब्‍लड वैसल्‍स का संकुचन और फिर विस्तार माइग्रेन का कारण बन सकता है। 

शरीर में बदलाव: तनाव, थकान, अनियमित नींद, लड़कियों में मासिक धर्म, तेज शोर, चमकदार रोशनी, आहार में बदलाव, अत्यधिक कैफीन, मौसम में बदलाव, कुछ दवाएं और गहन व्यायाम भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।

टीनेज में माइग्रेन के प्रकार

ऑरा के साथ माइग्रेन: यह 15-30% बच्चों और टीनेजर्स को प्रभावित करता है। इसे क्लासिक माइग्रेन भी कहा जाता है। इसमें धुंधला, रंगीन या चमकती रेखाएं, सुनने, सूंघने, स्वाद या स्पर्श में बदलाव, और बोलने या हिलने में कठिनाई जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

क्रोनिक माइग्रेन: यह सबसे गंभीर माइग्रेन का प्रकार है, जिसमें महीने में 15 या अधिक दिन तक सिर में दर्द होता है। इसमें चक्कर, नींद की समस्या, चिंता, उदासी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और थकान जैसे लक्षण हो सकते हैं। 

बेसिलर माइग्रेन: इसमें चक्कर, बेहोशी और खोपड़ी के आधार पर दर्द होता है। 

हेमिप्लेजिक माइग्रेन: इसमें शरीर के एक तरफ झुनझुनी या कमजोरी महसूस होती है। 

एक्यूट कन्फ्यूजनल माइग्रेन: यह अचानक भटकाव और भ्रम का कारण बनता है, जो अक्सर सिर में मामूली चोट से शुरू हो सकता है। 

कॉम्प्लिकेटेड माइग्रेन: इसमें अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे चक्कर, टॉर्टिकोलिस, उल्टी, पेट दर्द और बोलने में कठिनाई शामिल हो सकती हैं।

टीनेज में माइग्रेन के लक्षण

Migraine symptoms in teenagers
Migraine symptoms in teenagers

– गंभीर सिरदर्द

– सिर के दोनों तरफ या एक तरफ तेज दर्द 

– त्वचा का रंग फीका पड़ना

– चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव 

– ध्वनि और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता 

– भूख में कमी, मतली, उल्टी, चक्कर, पेट दर्द

– ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और थकान।

टीनेज में माइग्रेन का उपचार

– माइग्रेन का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं, जैसे:  एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सन। 

– संतुलित आहार, जिसमें कैफीन, नमक, वसा और कृत्रिम मिठास से बचाव शामिल हो। 

– पर्याप्त पानी पीना तनाव को कम कर सकता है। 

– नियमित नींद और 30 मिनट का हल्का व्यायाम। 

– सिर की हल्की मालिश और सोने से पहले गर्म स्नान।