Suji in Diet: हेल्दी नाश्ते की चाहत रखने वाले लोग अकसर सूजी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करते हैं। दरअसल, सूजी एक ऐसा सुपर फूड है जिसकी डिशेज बनाने में आसान, खाने में टेस्टी, पचाने के बेस्ट और पोषण से भरपूर है। ऐसे में इन दिनों हर महिला की यही कोशिश होती है कि वह बच्चों के लिए मैदा से बने स्नैक्स की जगह सूजी से बनी डिशेज बनाएं, जिससे बच्चों को पूरा पोषण मिल सके। सूजी के हलवे से लेकर इडली, चीला, उपमा, उत्तपम, डोसा, फ्रेंच फ्राइज, ढोकला तक अब बच्चों से लेकर बड़ों तक की पसंद बन चुके हैं।
इसलिए बेहद पौष्टिक है सूजी

सूजी को गेहूं का ही एक रूप कहा जा सकता है। ग्लूटेन से भरपूर सूजी को रवा या सेमोलिना भी कहा जाता है। गेहूं के छिलके को हटाकर उसे बारीक पीसकर सूजी बनाई जाती है। यही कारण है कि इसमें गेहूं के जितने ही गुण पाए जाते हैं। सूजी में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की लिस्ट काफी लंबी है। इसमें मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम के साथ ही विटामिन-ए, बी 1, बी 2, बी 3, बी 6 पाया जाता है। शरीर के लिए सूजी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करती है। इसमें मौजूद सेलेनियम से बॉडी के हानिकारक तत्व बाहर निकालने में मदद मिलती है। जिससे शरीर का फैट कम होता है।
ओवरईटिंग से बचाती है सूजी

सूजी गेहूं का ही एक रूप है, ऐसे में इसे खाने से पेट जल्दी भर जाता है। जिसके कारण आप ओवरईटिंग से बच पाते हैं। सूजी पेट में जाने के बाद बहुत धीरे-धीरे पचती है। यही कारण है कि जब आप सूजी की बनी डिशेज खाते हैं तो आपको भूख बहुत देर में लगती है। सुबह ब्रेकफास्ट में सूजी की डिश खाने से आप में एनर्जी भी बनी रहती है।
प्रोटीन से भरपूर है सूजी
सूजी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। वहीं इसमें कैलोरी काफी कम होती है। इसलिए अगर आप वेटलॉस की कोशिश कर रहे हैं तो सूजी का नियमित रूप से सेवन करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसी के साथ सूजी में फाइबर भी अधिक मात्रा में होता है, जिससे पाचन सही रहता है और बॉडी फैट कम होता है। पेट में जाकर सूजी फूलती है, जिसके कारण आपको प्यास ज्यादा लगती है और पानी का सेवन भी अधिक करते हैं, जो वजन घटाने में मदद करता है। सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होने के कारण यह बॉडी में शुगर लेवल भी नहीं बढ़ाती है। ऐसे में डायबिटीज से पीड़ित लोग इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं।
बच्चों के लिए कंप्लीट फूड

छह माह की उम्र से बच्चे आहार ग्रहण करते हैं। ऐसे में सूजी उनके लिए एक कंप्लीट फूड का काम करती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की एक रिसर्च में इसे कॉम्पलीमेंट्री फूड की सूची में शामिल किया गया है। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार छह माह की उम्र से बच्चों को कॉम्पलीमेंट्री फूड देना चाहिए। इसलिए बच्चों के लिए सूजी अच्छा विकल्प है। इससे बच्चों को न सिर्फ भरपूर एनर्जी मिलती है। बल्कि उन्हें कब्ज की समस्या भी नहीं होती है। क्योंकि सूजी में फाइबर अधिक होता है। इतना ही नहीं सूजी से बच्चों की इम्यूनिटी भी बढ़ती है। क्योंकि इसमें कई मिनरल्स और विटामिन मौजूद होते हैं।
