शिशुओं में आरएसवी से बचाव के लिए सीडीसी ने शुरू की खास मुहिम: RSV In Babies
RSV In Babies Problem and Treatment

RSV In Babies: सीडीसी सिफारिश कर रही है कि 8 महीने से कम उम्र के सभी बच्चों को रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस या आरएसवी से बचाने के लिए इस सीजन में एक टीका लगाया जाए। आरएसवी आमतौर पर हल्के कोल्ड के लक्षणों का कारण बनता है, लेकिन पहले संक्रमण वाले शिशुओं में निमोनिया या उनके फेफड़ों में छोटे एयरवेज की सूजन जैसी गंभीर जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है। अनुमान है कि हर साल 12 महीने से कम उम्र के 1% से 3% बच्चे आरएसवी के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं। 

एक्सपर्ट ने दी माता-पिता को सलाह

सीडीसी निदेशक मैंडी कोहेन, एमडी, एमपीएच ने कहा, “जैसा कि हम इस सीजन में रेस्पिरेटरी वायरस के मौसम में प्रवेश कर रहे हैं, गंभीर आरएसवी बीमारी को रोकने में मदद के लिए उपलब्ध नए उपकरणों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। “मैं शिशुओं के माता-पिता को इस नए टीकाकरण और गंभीर आरएसवी को रोकने के महत्व के बारे में अपने बाल रोग विशेषज्ञों से बात करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।” 

सीडीसी ने की सिफारिश

एफडीए द्वारा शिशुओं और कुछ उच्च जोखिम वाले बच्चों के लिए इंजेक्शन को मंजूरी के लिए ये कदम उठाया है। सीडीसी यह भी सिफारिश करता है कि 19 महीने से कम उम्र के उच्च जोखिम वाले बच्चों को निर्सेविमैब दिया जाए, जिसका विपणन बेयफोर्टस ब्रांड नाम के तहत किया जाता है। 

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आरएसवी का जोखिम हुआ कम

बेयफोर्टस में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी होते हैं, जो मानव निर्मित प्रोटीन होते हैं। ये प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। परीक्षणों से पता चला है कि बेयफोर्टस शिशुओं में आरएसवी के लिए अस्पताल में भर्ती होने और बाह्य रोगी क्लिनिक के दौरे दोनों के जोखिम को लगभग 80% तक कम कर सकता है।

मैं मधु गोयल हूं, मेरठ से हूं और बीते 30 वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी पत्रिकाओं व डिजिटल मीडिया में लंबे समय से स्वतंत्र लेखिका (Freelance Writer) के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरा लेखन बच्चों,...