Taste changes and smell sensitivity in pregnancy
Psychological and Hormonal Factors

Pregnancy Morning Sickness: मॉर्निंग सिकनेस अर्थात सुबह की समस्या। इस परेशानी का नाम बेशक मॉर्निंग सिकनेस है, पर यह समस्या कई बार पूरे दिन परेशानी का कारण बन जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस बहुत ही आम समस्या है, जो कि पहले 3 से 4 महीने अधिक होती है। लेकिन कई महिलाओं में यह समय अंतराल कम या ज्यादा हो सकता है। प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस का होना ज्यादा चिंताजनक नहीं है जब तक, जब तक की आपको कमजोरी, वजन का घटना तथा तरल पदार्थ के पाचन में कमी या अधिक उल्टी होने जैसी समस्या नहीं होती। अगर आपको मॉर्निंग सिकनेस में इस तरह की परेशानियां ज्यादा नहीं है तो आप कुछ घरेलू उपचारों और हेल्दी टिप्स के साथ इसे कम कर सकते हैं। आइए इस लेख में हम मॉर्निंग सिकनेस के कारण और उपचार पर बात करते हैं।

वैसे तो मॉर्निंग सिकनेस होने के सटीक कारण की अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन मॉर्निंग सिकनेस के कई सेकेंडरी कारण के बारे में बात किया जा सकता है। यह कारण है;

हार्मोनल बदलाव: प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल लेवल में काफी उतार-चढ़ाव होता है। इस समय शरीर में एचसीजी और एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। इन दोनों हार्मोन के स्तर का बढ़ना मॉर्निंग सिकनेस के कारणों में से एक माना जाता है।

पाचन प्रक्रिया में बदलाव: प्रेगनेंसी के दौरान शरीर बहुत बड़े बदलाव से गुजर रहा होता है, इसी प्रक्रिया में पाचन प्रक्रिया का कमजोर होना तथा भोजन पचाने की क्षमता का धीमा होना है। जिसके कारण मतली, उल्टी,अपच जैसी समस्या उत्पन्न होती है।

समय से भोजन न लेना: लंबे समय तक खाली पेट रहना, समय पर भोजन न करना भी मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों को बढ़ाता है।

गंध और बदलाव के प्रति संवेदनशील: प्रेगनेंसी के दौरान देखा गया है महिलाएं अलग-अलग गंध के प्रति संवेदनशील हो जाती हैं जो कि कई बार उन्हें पसंद नहीं आता जिसके कारण उन्हें उल्टि, मतली जैसा मन होता है।

प्रेगनेंसी के दौरान हो रहे हार्मोनल और शारीरिक बदलाव कई बार महिलाओं में मानसिक तनाव को भी बढ़ा देते हैं, जिसकी वजह से भी महिलाएं महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है।

Pregnancy Morning Sickness
Causes and Remedies for Morning Sickness

मॉर्निंग सिकनेस के निम्न लक्षण देखने में आते हैं;

सुबह उठने के साथ ही मतली महसूस होना तथा उल्टी का होना। खाली पेट रहने पर समस्या का अधिक महसूस होना।

भूख में कमी आना तथा खाने की इच्छा ना होना। कई बार कुछ खास चीजों की गंध से परेशानी होना या मतली होना।

लगातार शरीर में थकान बने रहना तथा कमजोरी महसूस होना।

अदरक: अदरक का सेवन करने से मतली और उल्टी की समस्या से राहत मिलता है। अदरक की चाय बनाकर या कच्चे अदरक का सेवन किया जा सकता है।

पुदीना: प्रेगनेंसी के दौरान आप पुदीना ले सकते हैं। जैसे; पुदीने का शरबत या ठंडाई यह। आपके पेट को ठंडा रखने के साथ-साथ मतली और उल्टी से राहत दिलाने में मददगार है।

नींबू: नींबू के रस का सेवन करें या नींबू को सुंघे। नींबू की फ्रेश सुगंध आपको अच्छा महसूस करती है।

टुकड़ों में भोजन करें: एक बार में अधिक भोजन का सेवन न करें। यह अपच, गैस जैसी समस्या बढ़ता है। छोटे-छोटे अंतराल में थोड़ा-थोड़ा भोजन करे।

पूरा आराम करें: प्रेगनेंसी के दौरान आराम करना मॉर्निंग सिकनेस की बेहतर दवा में से एक है।

डॉक्टर से सलाह ले: अधिक परेशानी, जैसे; कमजोरी, थकान, अधिक उल्टी, चक्कर और अनिद्रा की स्थिति में डॉक्टर से मिले।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...