New Born Baby Care
New Born Baby Care

नई माता-पिता के लिए तैयारी और ध्यान देने योग्य बातें

सबसे जरूरी बात यह है कि माता-पिता को धैर्य, प्यार और समझ से काम लेना चाहिए, ताकि बच्चा स्वस्थ और खुशहाल तरीके से बढ़े।

New Born Baby Care: जब नए बच्चे के आने की खुशी घर में होती है, तो हर कोई उत्साहित और खुश होता है, लेकिन साथ ही यह जिम्मेदारी भी होती है। नवजात शिशु का स्वागत करने से पहले कई तरह की तैयारियां करनी होती हैं और कुछ बातें ध्यान में रखनी होती हैं। एक नए माता-पिता के रूप में, यह बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चे की देखभाल के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।

सबसे जरूरी बात यह है कि माता-पिता को धैर्य, प्यार और समझ से काम लेना चाहिए, ताकि बच्चा स्वस्थ और खुशहाल तरीके से बढ़े।

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बच्चे के लिए कई सामान की आवश्यकता होती है। बेबी के लिए एक आरामदायक बासिनेट या क्रिब तैयार करें। बच्चे के लिए मुलायम और हल्के कपड़े लें।

नाजुक त्वचा के लिए मुलायम तौलिए जरूरी होते हैं।

बेबी शैंपू, साबुन, क्रीम, डायपर और वाइप्स की भी आवश्यकता होती है।

आपके बच्चे की सेहत और विकास के लिए भी कुछ जरूरी तैयारियां हैं,

बच्चे के जन्म के बाद जरूरी टीके लगवाने के बारे में जानकारी प्राप्त करें। साथ ही, एक किट घर में रखें।

बच्चे के लिए ठंड या गर्मी का ध्यान रखते हुए उसके कमरे में टेम्परेचर का ख़ास ख्याल रखें।

घर में छोटे-छोटे बदलाव बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में मदद करते हैं,

घर के किनारे और खिड़कियों के पास बच्चों को चोट न लगे, इसके लिए सुरक्षा रेलिंग लगवाएं।

तेज धार वाले सामान और छोटे हिस्सों से बच्चों को दूर रखें।

घर को साफ रखें, ताकि बच्चों को संक्रमण का खतरा न हो।

नवजात के आने से पहले, मानसिक रूप से तैयार होना बेहद महत्वपूर्ण है,

एक-दूसरे का समर्थन करें। यह समय माता-पिता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए एक-दूसरे की मदद करना जरूरी है। बच्चे की देखभाल में मानसिक और शारीरिक थकान हो सकती है। इसलिए इस दौरान आपसी समझ और धैर्य रखना आवश्यक है।

नवजात शिशु का रोना एक सामान्य बात है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जिन्हें माता-पिता को जानना चाहिए। बच्चे का रोना कई कारणों से हो सकता है जैसे भूख, गीले डायपर, थकान या किसी दर्द से। इसे समझने के लिए समय देना जरूरी है। नवजात को लगभग 16-18 घंटे सोने की आवश्यकता होती है। इसलिए उसके सोने की आदतों को समझना जरूरी है। बच्चे को हर 2-3 घंटे में दूध पिलाना चाहिए और डायपर बदलते रहना चाहिए।

नवजात शिशु का शारीरिक विकास धीरे-धीरे होता है। आप बच्चे की शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें, जैसे कि उसकी गर्दन को सहारा देना, उसकी मांसपेशियों का विकास आदि। नवजात को प्यार और स्नेह देना बहुत जरूरी है। बच्चे को गले लगाना, मुस्कुराना और उससे बात करना उसकी भावनाओं के विकास में मदद करता है।

जन्म के बाद शुरुआती दिन बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, इसलिए अपने परिवार और दोस्तों से मदद लेने के लिए तैयार रहें।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...