गर्भावस्था आहार योजना, आपको व शिशु को समर्पित होती है, इससे शिशु को क्या लाभ होगा? बहुत से फायदों में से एक है कि जन्म के समय उसका वजन अच्छा होगा। दिमाग अच्छी तरह विकसित होगा, जन्म के समय होने वाले नुक्स या रोग नहीं रहेंगे। आप मानें या न मानें, अगर आप अभी से रात के खाने में हरी गोभी…..व दूसरी हरी सब्जियां शामिल कर लेंगी तो आपका प्रीस्कूलर बच्चा खाने-पीने की स्वस्थ आदतें अपनाएगा और एक सेहतमंद इंसान बनेगा।

कौर गिनें :- आपको पूरे नौ महीने तक अपने शिशु के लिए ढेर-सा पौष्टिक आहार लेना है। उस अजन्मे शिशु को एक सेहतमंद शुरूआत देनी है। जब भी अपना भोजन चबाएं तो अपने शिशु के बारे में सोचें। याद रखें कि हर एक कौर नन्हे शिशु को पोषण पहुंचाने का सुनहरा अवसर होगा।

सभी कैलोरी बराबर नहीं होती :- कैलोरी चुनते समय सावधान रहें, उसकी मात्रा की बजाए गुणवत्ता पर ध्यान दें। 10 आलू चिप्स की 100 कैलोरी, छिलके सहित सिंके आलू की 100 कैलोरी के बराबर नहीं होगी। आपको व बेबी को 2,000 खाली कैलोरी की बजाए 2,000 पोषक कैलोरी से कहीं ज्यादा फायदा होगा। प्रसव के बाद आपके शरीर पर इनका असर दिखाई देगा।

आप भूखी रहेंगी तो बच्चा भी भूखा रहेगा :- क्या आप नन्हे शिशु को भूखा रखना चाहेंगी तो उसे जन्म से पहले भूखा क्यों रखें? उसे प्रतिदिन नियमित रूप से पोषण मिलना जरूरी है आप ही तो ‘यूटेराइन कैफे’ में भोजन देती हैं। चाहे आपको भूख न भी लगी हो,बच्चा तो भूखा है इसलिए खाना न छोड़ें। सही समय पर संतुलित भोजन लें। अध्ययनों से पता चला है कि दिन में पांच बार खाने वाली (तीनभोजन + दो स्नैक्स या छः बार थोड़ा भोजन) माताएं काफी स्वस्थ रहती हैं। हालांकि यह सिर्फ कहना आसान है, खासतौर पर जब खाने के नाम से ही आपको उबकाई आती हो। 

कार्बोहाईड्रेट का मामला :- कई गर्भवती महिलाएं वजन बढ़ने के डर से अपने भोजन में से कार्बोहाइड्रेट की मात्रा घटा देती हैं जैसे कि‘आलू’। इसमें कोई शक नहीं कि रिफाइंडकार्बोहाइड्रेट अधिक पोषक नहीं होते लेकिन कांप्लैक्स कार्बोहाइड्रेट (साबुत अनाज की डबलरोटी, ब्राउन चावल, ताजे फल व सब्जियां,सूखी बींस व नाशपाती व छिलके सहित आलू,ये विटामिन बी की पूर्ति करते हैं। आवश्यक रेशा व प्रोटीन की मात्रा देते हैं। ये न सिर्फ शिशु बल्कि आपके लिए भी फायदेमंद हैं। इससे जी नहीं मिचलाएगा और न ही कब्ज़ होगा। इससे पेट भरा महसूस होगा तो आपका वजन भी ज्यादा नहीं बढ़ेगा। 

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एक और अध्ययन से पता चला है कि कांप्लैक्स कार्बोहाईड्रेट की अधिक मात्रा लेने से रेशा अधिक मात्रा में मिलता है और‘गैस्टेशनल डायबिटीज़’ होने का खतरा घट जाता है। रेशे की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं।एकदम जल्दी से रेशे की मात्रा बढ़ाएंगी तो पेट में गैस बन सकती है। प्रोसेस्ड फूड में कई तरह के रसायन,वसा व चीनी आदि मिलाए जाते हैं जिससे उनका पोषक मूल्य काफी घट जाता है।स्मोक्ड टर्की की बजाय ताजी भुनी टर्की लें। साबुत अनाज से बनी मैकरोनी के साथ चीज लें। चीज़ भी ताजा हो तो बेहतर होगा, आप ताजा और ओटमील भी ले सकती हैं।

पौष्टिक भोजन के स्रोत :- प्रकृति का पोषण से गहरा नाता है। अक्सर कई प्राकृतिक खाद्य पदार्थ अपने मूल रूप में पोषण से भरपूर होते हैं। ताजे मौसमी फल खाएं। डिब्बाबंद फल नहीं लें तो बेहतर होगा, यदि वे लेने भी पड़ें तो ऐसे पैक चुनें, जिनमें नमक, चीनी व वसा की मात्रा कम से कम हो। हर रोज कच्चे फल व सब्जियां जरूर खाएं। जब फल या सब्जियां पकाने पड़ें तो उन्हें हल्की भाप में ही पकाएं ताकि विटामिन व खनिज लवण नष्ट न हों। प्रोसेस्ड फूड में कई तरह के रसायन,वसा व चीनी आदि मिलाए जाते हैं जिससे उनका पोषक मूल्य काफी घट जाता है।स्मोक्ड टर्की की बजाय ताजी भुनी टर्की लें। साबुत अनाज से बनी मैकरोनी के साथ चीज लें। चीज़ भी ताजा हो तो बेहतर होगा, आप ताजा और ओटमील भी ले सकती हैं।

थोड़ी सी कार्यकुशलता :- कहीं आप यह सोचकर तो नहीं डर रहीं कि इस तरह अंधाधुंध खाने से आप कैसी दिखेंगी। इस बारे में ज्यादा चिंता न करें। आपको थोड़ा कुशल होना होगा। जैसे फुल फैट वसा वाले डेयरी उत्पादों की बजाए लो फैट डेयरी उत्पाद, तले हुए की बजाए सेंका या उबला भोजन, मक्खन की मात्रा कम लें या भूनते समय जैतून के तेल की कम मात्रा लें। अगर आपका वजन कम बढ़ रहा हो तो इस तरह के खाद्य पदार्थ चुनें,जो आपका वजन बढ़ा सकें। अगर आपका वजन ज्यादा हो तो ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें,जिससे आपका वजन तो ज्यादा न बढ़े लेकिन शिशु को पूरा पोषण मिल सके।

कुछ मीठा हो जाए :- मीठा खाना किसे पसंद नहीं होता लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि मीठे की अधिक मात्रा आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। इससे मोटापे के अलावा दांतों व मसूड़ों के रोग, मधुमेह, हृदयरोग व कोलोन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। अक्सर कुछ मीठे पदार्थों में पोषक तत्त्वों की मात्रा काफी कम होती है। ऐसे में कैंडी और सोडा सबसे पहले दिमाग में आते हैं।रिफाइंड चीनी बाजार में कई रूपों मेंमिलती है, जिसमें आप कॉर्न सीड डीहाईड्रेटेडकैन जूस को शामिल कर सकती हैं।

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स्वस्थ भोजन की शुरूआत हो घर से :- हम मानते हैं कि जब आपके पति देव सोफे पर साथ बैठे, बड़े से कटोरे में आईसक्रीम खा रहे हों तो आपके लिए अपने मन को समझाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। उस समय आपका मन ताजे फल पर तो बिल्कुल ही टिकेगा। रसोई की अलमारी में संतरी चीज़बॉल्स पड़े हैं तो आपको सोया चिप्स का स्वाद नहीं आएगा इसलिए घर के सभी सदस्यों की मदद से सेहतमंद माहौल बनाने की कोशिश करे। घर में साबुत अनाज की डबलरोटी रखें,फ्रिज में ताजा दही पड़ा हो। ऐसे स्नैक्स वहां से हटा दें जो स्नैक्स सेहतमंद खाद्य पदार्थों की श्रेणी में नहीं आते। प्रसव के बाद भी यही अभ्यास जारी रखें। अच्छी खुराक से गर्भावस्था के बेहतर नतीजे सामने आते हैं और कई तरह के रोगों का खतरा भी घटता है जो परिवार मिलकर सेहतमंद भोजन करता है, वह हमेशा स्वस्थ रहता है।

                    

बुरी आदतों से बचें :- प्रसव से पहले सेहतमंद भोजन लेना ही काफी नहीं होगा। आपको अल्कोहल, तंबाकू व अन्य मादक द्रव्यों का सेवन बंद करना होगा। अगर आपने अब तक अपनी आदतें नहीं बदली हैं तो अभी से अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू कर दें।

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