Summary:टूथब्रश में पनपते हैं करोड़ों बैक्टीरिया, जानें इससे होने वाले नुकसान
हर रोज इस्तेमाल किया जाने वाला टूथब्रश बैक्टीरिया और फंगस का घर बन सकता है। इससे मसूड़ों की सूजन, प्लाक और सांसों की बदबू जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
Bacteria in Toothbrush: आपको यह अवश्य लगता होगा कि आप जब हर दिन सुबह ब्रश करते हैं तो ब्रश करने के बाद आपके मुंह में मौजूद बैक्टीरिया मर जाते होंगे। लेकिन अगर हम आपसे पूछें कि क्या आपके टूथब्रश में बैक्टीरिया है? तो आप इस सवाल का क्या जवाब देंगे? दरअसल एक शोध में इस प्रश्न का उत्तर यह सामने आया है कि टूथब्रश लाखों-करोड़ों बैक्टीरिया का घर होता है। टूथब्रश में 10 लाख से लेकर सवा करोड़ तक बैक्टीरिया और फंगस की अलग-अलग प्रजातियां मौजूद होती हैं। कई बैक्टीरिया तो पुराने रेशों की दरारों में भी घुस जाते हैं और ये बैक्टीरिया पानी से धोने पर भी साफ नहीं होते हैं।
यहाँ तक कि जो लोग दिन में दो बार ब्रश करते हैं, उनका इन बैक्टीरिया से दिन में दो बार आमना-सामना होता है। दरअसल हर दिन टूथब्रश गीला होने के कारण इसमें बैक्टीरिया पनपते रहते हैं। अब आपको ऐसा लग सकता है कि तो क्या हर दिन नया टूथब्रश खरीदना चाहिए? लेकिन यह इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं है।
टूथब्रश पर बैक्टीरिया से इन समस्याओं का बढ़ता है खतरा

अधिकांश लोग अपने टूथब्रश को कभी साफ नहीं करते हैं और उसे शौचालय के बगल में खुले में छोड़ देते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। साथ ही इससे कई प्रकार की बीमारियां होने का भी खतरा बढ़ जाता है। बैक्टीरिया वाले टूथब्रश का बार-बार उपयोग करने से मसूड़े की सूजन, पेरिओडोन्टाइटिस जैसे संक्रमण की संभावना कभी ज्यादा बढ़ जाती है। साथ ही इससे प्लाक का निर्माण, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी भी हो सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार टूथब्रश पर मौजूद बैक्टीरिया से सांसों की बदबू की समस्या भी पैदा होती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

ब्राज़ील में किए गए अध्ययन में 40 नए टूथब्रशों की जांच की गई थी, जो अलग-अलग कंपनियों के थे। निष्कर्ष में यह पाया गया कि उनमें से आधे पहले से ही कई तरह के बैक्टीरिया से संक्रमित थे। ऐसे में नए और पुराने दोनों टूथब्रश में बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए शोधकर्ताओं का सुझाव है कि सिरके का घोल बैक्टीरिया घटाने का सबसे असरदार तरीका हो सकता है। लेकिन इससे ब्रश पर हल्का स्वाद रह जाता है जो अगली बार ब्रश करते समय मुंह में स्वाद खराब लग सकता है। ब्रश के सिरे को एंटिसेप्टिक माउथवॉश में पांच से दस मिनट तक भिगोना भी एक प्रभावी तरीका है।
इन तरीकों से करें बचाव

- बैक्टीरिया से बचाव के लिए टूथब्रश को उपयोग करने के बाद अच्छी तरह से धो लें, ताकि इस पर से भोजन के कण और टूथपेस्ट के अवशेष पूरी तरह से साफ हो जाएं।
- हमेशा टूथब्रश को सीधा रखें और इसे हवा में सूखने दें। बैक्टीरिया हमेशा ही नमी वाले वातावरण में पनपते हैं, इसलिए टूथब्रश को हमेशा सीधा और सूखे स्थान पर रखें।
- टूथब्रश को कभी भी एयरटाइट ढक्कन से ढकने की कोशिश ना करें, क्योंकि इससे नमी जमा होने और सूक्ष्मजीवों के पनपने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
- हर 3-4 महीने में टूथब्रश जरूर बदलें, ताकि इसमें बैक्टीरिया का निर्माण कम हो।
