मलेरिया से बचाव ही है इलाज, बरतें सावधानियां: Malaria Precaution
Malaria Precaution

Malaria Precaution: मलेरिया एक खतरनाक बीमारी की तरह उभर कर सामने आ रही है। जैसे मौसम में एकदम से बदलाव आया है तो मलेरिया भी ज्यादा से ज्यादा लोगों की बीच घातक रूप में विकसित हो रहा है। मलेरिया रोग का कारण एनाफिलीज मादा मच्छर के काटने से उत्पन्न होने वाली बीमारी है। इस प्रजाति के मच्छर बारिश के मौसम में बहुत गति से उत्पन्न होते है और बीमारी भी उसी तेजी से फैलती है। बरसातों में जगह जगह पानी इकट्ठा हो जाता है जिससे इनकी और भी तेजी से उत्पत्ति होती है। मच्छर जनित बिमारियों से बचने के लिए बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है। भले ही बीते सालों में मलेरिया के मामलों में गिरावट दर्ज हुई है लेकिन आज भी ये एक गंभीर बीमारी को तौर पर हमारे सामने है।

कैसे फैलता है मलेरिया

मलेरिया बीमारी बेहद खतरनाक तरीके से फैल रही है। इसके फैलने की वजह मच्छर में मौजूद परजीवी इसकी वजह है। इसके रोगाणु आपको आंखों से नहीं दिखाई देते क्योंकि ये बेहद सूक्ष्म होते है। जिस वाइरस से मलेरिया बुखार होता है उसको प्लॅस्मोडियम वीवेक्स कहते हैं। एनाफिलीज मादा मच्छर जब काटता है तो व्यक्ति के खून में वाइरस मिल जाता है, जिससे मलेरिया हो जाता है। साथ ही ये वायरस इंसान के लिवर तक पहुंच जाता है और उसे काफी क्षति पहुंचाता है। मलेरिया के लक्षण बहुत तेज बुखार चढ़ना, सिरदर्द, शरीर में बहुत तेज दर्द, बहुत ज्यादा पसीना आना, कंपकंपी छूटना, जी मिचलाना और उल्टी आना आदि होते हैं।

 जलवायु परिवर्तन एक बड़ा कारण

Malaria 
Malaria Reason

जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मच्छर विशेषज्ञ डौग नॉरिस ने जलवायु परिवर्तन और मच्छरों के वितरण में विस्तार या परिवर्तन के बीच संबंध की पुष्टि की। उनका कहना है कि सबसे ज्यादा निर्भर करता है कि भविष्य में किस तरह का तापमान रहेगा। साथ ही मच्छरों के विपरीत कीटनाशक कितना उनको बढ़ने से रोक पाएंगे। इसी तरह जेरेमी हेरेन, जो नैरोबी स्थित इंटरनेशनल सेंटर ऑफ इंसेक्ट फिजियोलॉजी एंड इकोलॉजी जो मलेरिया पर अध्ययन कर रहे है उन्होंने भी नाॅरिस की बातों को ही दोहराया है कि ये सही है कि जलवायु परिवर्तन मच्छरों की आबादी को बढ़ावा दे रही है। लेकिन इसके लिए भविष्यवाणी कर पाना थोड़ा मुश्किल है। केन्या में शोधकर्ताओं के अनुसार मलेरिया के मच्छरों में महत्वपूर्ण बदलाव देखा जा रहा है। जिसमें की उनकी एक प्रजाति खत्म होती देखी गई है। इसका कारण सिर्फ मौसम में बदलाव ही नहीं, कीटनाशक का प्रयोग भी है। लेकिन शोधकर्ताओं ने 2000 के दशक की शुरुआत में इथियोपिया के ऊंचे इलाकों में मलेरिया के मामलों में कमी को तापमान में गिरावट से भी जोड़ा है।

रोकथाम

Malaria Precaution
Malaria Precaution
  • जरूरी है कि आप अपने घर के आस-पास साफ सफाई रखें। क्योंकि इनकी प्रजाति घर के आस पास गड्ढे में जमा पानी में होती है। तो आसपास पानी जमा न होने दें।
  • जब भी सोएं तो मच्छरदानी का इस्तेमाल करें क्योंकि मच्छरदानी कभी भी मच्छरों को प्रवेश नहीं करने देती है और आप मच्छरों से परेशान नहीं होते है।
  • घर में मच्छर रह नहीं पाए इसके लिए कीटनाशक का इस्तेमाल करें आप मार्केट के अलावा घर पर भी इन्हे बना सकती हैं। क्योंकि ये घर की चीजों से ही बन जाते है। और इनसे मच्छर भी भाग जाते है। साथ ही ये आपके लिए हानिकारक भी नहीं होते है।
  • घर में गमलों और कूलर में पानी जमा नहीं होने दें उसमें भी सबसे ज्यादा मच्छर पनपते है। साथ ही घर में छत पर लगी टंकी को भी साफ करते रहें। इनमें भी इनका पनपने का डर रहता है। गमलों में पानी कभी भी बहुत ज्यादा न डालें कि पानी भरा रहे इससे मच्छरों को बढ़ावा मिलता है। साथ ही कूलर भी समय समय पर साफ करते रहे जिससे मच्छर उसमें पनपे नहीं।
  • घर की खिड़कियांे और दरवाजोें पर जाली लगवा लें। इससे मच्छर अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
  • पूरी आस्तिन के कपड़े पहनकर रखें इससे मच्छर आपको काट नहीं पाएंगे। साथ ही पैरों को तो हमेशा ढक कर रखें क्योंकि पैर पर सबसे पहले मच्छर काटते है।
  • आजकल मच्छर भागने वाली क्रीम भी आती है उसे हाथ पैरों पर लगा सकते है इसकी दुर्गन्ध से मच्छर आपके हाथ पैर पर बैठ नहीं पाएंगे और भाग जाएंगे।
  • पानी और डाइट पर ध्यान रखें क्योंकि यदि शरीर की इम्यूनिटी सही होती है तो मच्छर आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाते है। खूब पानी पीएं और भोजन में हल्का भोजन करें। जिससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा।