Mindful Eating
Mindful Eating

Mindful Eating: आजकल के व्यस्त जीवनशैली में, खाने का समय केवल पोषण के लिए नहीं बल्कि तनाव को कम करने के तरीके के रूप में भी माना जाता है। अधिकांश लोग जल्दी-जल्दी खाते हैं, बिना इस पर ध्यान दिए कि वे क्या खा रहे हैं और किस स्थिति में। इस प्रकार की खाने की आदतें न केवल शरीर के लिए हानिकारक होती हैं, बल्कि वजन बढ़ने का कारण भी बन सकती हैं। यही कारण है कि माइंडफुल ईटिंग की अवधारणा अब तेजी से लोकप्रिय हो रही है, खासकर वजन घटाने के संदर्भ में।

माइंडफुल ईटिंग का मतलब है खाने के दौरान पूरी तरह से सचेत और जागरूक रहना। इसमें भोजन के स्वाद, गंध, रंग, और बनावट का पूरी तरह से अनुभव करना शामिल है। साथ ही, आप यह भी ध्यान में रखते हैं कि आपका शरीर कितनी मात्रा में खा रहा है और कब संतुष्ट हो रहा है। माइंडफुल ईटिंग का उद्देश्य न केवल मानसिक शांति प्राप्त करना है, बल्कि वजन नियंत्रण में भी मदद करना है।

माइंडफुल ईटिंग वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है क्योंकि यह भोजन से जुड़ी कुछ बुरी आदतों को सुधारने में मदद करती है:

ओवरईटिंग को रोकना

जब हम सचेत होकर खाते हैं, तो हम यह समझ पाते हैं कि हमारी भूख और संतोष की स्थिति क्या है। इससे ओवरईटिंग और अनावश्यक स्नैकिंग की संभावना कम हो जाती है।

खाने का आनंद लेना

माइंडफुल ईटिंग के दौरान आप हर निवाले का स्वाद लेते हैं, जिससे भोजन का आनंद बढ़ता है। इससे आप अधिक खा सकते हैं, लेकिन धीरे-धीरे, जो आपके लिए संतोषजनक है, उस तक पहुंचने में सक्षम होते हैं।

इमोशनल ईटिंग से बचाव

कभी-कभी हम तनाव, उदासी या खुशी के कारण अधिक खाना खाते हैं। माइंडफुल ईटिंग आपको यह समझने में मदद करती है कि क्या आप सच में भूख से खा रहे हैं या इमोशनल कारणों से।

रोज के खाने में माइंडफुल ईटिंग का पालन

आप लंच करने बैठे हैं। आमतौर पर, आप जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं या टीवी देखते हुए खाते हैं, जिससे आप यह नहीं समझ पाते कि आप कितनी मात्रा में खा रहे हैं। अब, माइंडफुल ईटिंग अपनाने के लिए, आप खाना खाने से पहले कुछ मिनट ध्यान से बैठें। आप खाने के रंग, गंध और बनावट का आनंद लें। पहला कौर लेने से पहले एक गहरी सांस लें और महसूस करें कि आपका शरीर उस भोजन को कितना चाहता है। धीरे-धीरे, हर कौर का स्वाद लें और जब आप महसूस करें कि आप संतुष्ट हैं, तो खाना बंद कर दें।

स्नैक्स और मिठाइयों के लिए माइंडफुल अप्रोच

अक्सर लोग बिना सोचे-समझे स्नैक्स खाते हैं, क्योंकि वे स्वाद के लिए या भावनात्मक कारणों से खा रहे होते हैं। अगर आप चॉकलेट खाने का मन बना रहे हैं, तो पहले उस चॉकलेट का रूप, गंध, और स्वाद पूरी तरह से महसूस करें। खाने के दौरान, आप हर कौर के साथ महसूस करें कि आपका शरीर उस मिठास को कितना पसंद करता है। इसके बाद, आप खुद से पूछें कि क्या आपको और चाहिए या आप पहले से ही संतुष्ट महसूस कर रहे हैं।

भोजन की गति को धीमा करना

दूसरों के साथ भोजन करते वक्त, अक्सर हम बहुत तेज़ी से खाते हैं, जिससे हमें यह महसूस नहीं होता कि कब हम ज्यादा खा चुके हैं। माइंडफुल ईटिंग के दौरान, आप इस आदत को सुधार सकते हैं। खाना खाते समय, हर कौर के बीच थोड़ा रुकें, गहरी सांस लें और फिर अगला कौर लें। इस दौरान आप महसूस करेंगे कि आपके पेट में कितनी जगह है और क्या आप सही मात्रा में खा रहे हैं।

वजन नियंत्रण में मदद

माइंडफुल ईटिंग से ओवरईटिंग की संभावना कम होती है, जिससे वजन पर नियंत्रण पाना आसान होता है।

पाचन को बेहतर बनाना

जब आप ध्यान से खाते हैं, तो आपका पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है, क्योंकि आपका शरीर भोजन को अच्छे से पचाने के लिए तैयार होता है।

संतुलित भोजन की आदत

माइंडफुल ईटिंग आपको यह समझने में मदद करती है कि आप किस प्रकार के भोजन के प्रति आकर्षित होते हैं, जिससे आप स्वस्थ और संतुलित आहार का चुनाव कर सकते हैं।

भावनात्मक संतुलन

माइंडफुल ईटिंग से भावनाओं को नियंत्रित करना आसान हो सकता है। यह आपको भावनात्मक कारणों से खाने की आदत से बाहर निकलने में मदद करता है।

अगली बार जब आप भोजन करें, तो अपने आहार को पूरी तरह से अनुभव करें यह आपका शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होगा।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...