Mental Health
Depression Credit: Istock

Overview:शादी करने का नहीं है विचार, तो डिप्रेशन के लिए रहें तैयार, रिसर्च में खुलासा

रिसर्च के अनुसार, शादी न करने वाले लोगों में अकेलेपन और सामाजिक अलगाव के कारण डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है।

Depression Due to Unmarried Status: मॉर्डन वर्ल्‍ड में सामाजिक मान्यताओं में तेजी से बदलाव आ रहा है। लोग अपने करियर, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं। यही वजह है कि इस बदलते परिवेश में कई लोग शादी करने से कतराने लगे हैं।  लेकिन क्या आप जानते हैं शादी न करने का फैसला आपके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है। ए‍क रिसर्च के मुताबिक ये समस्‍या विवाहित लोगों की तुलना में अविवाहित, चाहे वे सिंगल हों या तलाकशुदा और सेपरेट रहने वालों को अधिक होती है। एक अध्‍ययन के मुताबि‍क लगभग 82 प्रतिशत अवि‍वाहित लोग डिप्रेशन के लक्षणों का सामना करते हैं। आखिर शादी और डिप्रेशन का आपस में क्‍या संबंध है चलिए जानते हैं इसके बारे में।

शादी और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध

Depression Due to Unmarried Status-शादी न करने से हो सकता है डिप्रेशन
The relationship between marriage and mental health

शादी को सामाजिक और भावनात्मक स्थिरता का एक महत्वपूर्ण आधार माना जाता है। यह न केवल दो लोगों के बीच का बंधन है, बल्कि एक ऐसा रिश्ता है जो भावनात्मक सपोर्ट, साथी का सहारा और सामाजिक एकीकरण प्रदान करता है। अमेरिका के जॉर्जिया स्‍टेट यूनिवर्सिटी के अनुसार जो लोग शादी नहीं करते, वे अकेलेपन और सामाजिक अलगाव का शिकार हो सकते हैं। यह स्थिति लंबे समय तक डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। शोध में पाया गया कि विवाहित लोग अविवाहित लोगों की तुलना में कम तनाव और डिप्रेशन का सामना करते हैं। इसका कारण यह है कि शादीशुदा जीवन में व्यक्ति को एक साथी का भावनात्मक और मानसिक समर्थन मिलता है, जो मुश्किल समय में सपोर्ट प्रदान करता है। इसके विपरीत, अविवाहित लोग अक्सर अपने दुख-दर्द को साझा करने के लिए किसी करीबी साथी की कमी महसूस करते हैं।

अकेलापन और डिप्रेशन

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में अकेलापन एक गंभीर समस्या बनकर उभर रहा है। शादी न करने वाले लोग, खासकर मध्यम आयु वर्ग के, अकेलेपन का शिकार हो सकते हैं। स्‍टडी बताती है कि 30 से 50 वर्ष की आयु के बीच के अविवाहित लोगों में डिप्रेशन की दर अधिक होती है। इसका कारण सामाजिक दबाव, परिवार की अपेक्षाएं और व्यक्तिगत जीवन में स्थिरता की कमी हो सकती है। अकेलापन केवल भावनात्मक समस्या नहीं है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है।

हो सकती है ये समस्‍याएं

डिप्रेशन के कारण नींद की कमी, भूख में बदलाव और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, लंबे समय तक अकेले रहने से आत्मविश्वास में कमी और आत्मसम्मान का ह्रास हो सकता है।

सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत पसंद

शादी न करने से हो सकता है डिप्रेशन
Social pressure and personal preference

भारतीय समाज में शादी को एक सामाजिक कर्तव्य के रूप में देखा जाता है। परिवार और समाज अक्सर युवाओं पर शादी करने का दबाव डालते हैं। हालांकि, नई पीढ़ी स्वतंत्रता और करियर को प्राथमिकता दे रही है। यह बदलाव सराहनीय है, लेकिन इसके साथ मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शादी न करने का फैसला व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभावों को समझना जरूरी है।

डिप्रेशन से बचने के उपाय

– शादी न करने का फैसला व्‍यक्तिगत होता है। लेकिन डिप्रेशन से बचने के लिए सामाजिक संपर्क को बढ़ाया जा सकता है।

– दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने से अकेलापन कम हो सकता है।

– इसके अलावा, नियमित व्यायाम, ध्यान और योग मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

– यदि डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दें, तो मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।