Diabetes Diet Tips
Diabetes Diet Tips

Diabetes Diet Tips: डायबिटीज कहने को भले ही एक रोग हो परंतु इसके कारण शरीर में और अन्य रोग भी पैदा होने लग जाते हैं, इसलिए इससे निपटना बहुत जरूरी है। अपने आहार से इसे कैसे करें नियंत्रित? जानिए इस लेख से।

डायबिटीज के मरीज अक्सर अपने आहार को ले कर चिंतित रहते हैं, लेकिन इसके लिए ज्यादा चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है, बस कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करके तथा कुछ को अपने आहार में शामिल कर के डायबिटीज के रोगी एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

मेथी-

मेथी का सेवन करना डायबिटीज के रोगियों के लिए मेथी का सेवन अच्छा रहता है। डॉक्टर्स का मानना है कि मेथी का सेवन रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है।

टमाटर

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Tomato consumption is considered very good for diabetic patients

टमाटर का सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यदि प्रतिदिन सुबह खाली पेट टमाटर के रस में नमक और काली मिर्च मिलाकर पिया जाए तो वह बहुत ही लाभकारी होता है।

टोंड दूध-

दूध कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत तो है ही, साथ ही यह डायबिटीज के नियंत्रण में भी सहायक होता है। इसलिए डायबिटीज के रोगी यदि दिन में दो बार दूध का सेवन करें तो वह बहुत फायदेमंद होगा साथ ही इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि दूध टोंड ही हो।

बादाम

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The amount of sugar in the blood can also be controlled by the consumption of almonds

बादाम के सेवन से भी रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर बादाम को रात भर पानी में भिगो कर यदि सुबह इसे खाया जाए तो वह अधिक फायदेमंद होता है।

फाइबर युक्त फल तथा सब्जियां-

डायबिटीज के रोगियों के लिए उच्च फाइबर युक्त सब्जियां जेसे- टमाटर, सेम, ब्रोकोली, पालक तथा अन्य पत्तेदार सब्जियों का सेवन बहुत ही फायदेमंद हाता है। इसके साथ ही फाइबर युक्त फल जैसे- अमरूद, पपीता, संतरा, नाशपाती, सेब आदि का सेवन करना चाहिए।

ओमेगा-3

ओमेगा-3 की प्राप्ति के लिए बादाम, मछली तथा सूरजमुखी के तेल से सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। यह डायबिटीज के नियंत्रण में सहायक होता है।

करेला

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Bitter Gaurd Juice

डायबिटीज के रोगियों के लिए प्रतिदिन सुबह करेले का जूस पीना बहुत लाभदायक होता है तथा यह चर्म रोग व रक्त दोष में भी लाभकारी है।

दालें

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Consuming pulses in a balanced form helps a lot in reducing blood sugar level

दाल हमारे आहार का अभिन्न अंग है। दालों का संतुलित रूप में सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में काफी मदद मिलती है।

क्या न खाएं?

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Diabetes patients should take a balanced diet
  1. चीनी– डायबिटीज में रोगियों को किसी भी रूप में चीनी का प्रयोग नहीं करना, क्योंकि इससे खून में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए घातक है।
  2. गुड़– कुछ डायबिटीज के रोगी गुड़ को चीनी का अपवाद बना लेते हैं जो कि गलत है। ध्यान रखें कि गुड़ का सेवन भी डायबिटीज के रोगियों के लिए खतरनाक है।
  3. घी– घी का सेवन भी डयबिटीज के रोगियों के लिए नुकसानदायक है, इस कारणवश उन्हें घी व घी से बने पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
  4. सिगरेट तथा शराब– धूम्रपान तथा मदिरापान जितना समान्य व्यक्तियों के लिए घातक है, उससे कहीं अधिक ये डायबिटीज के रोगियों के लिए खतरनाक है। इस कारणवश जितना हो सके सिगरेट तथा शराब के सेवन से दूर रहें।
  5. आइसक्रीम– आइसक्रीम में काफी मात्रा में चीनी का प्रयोग किया जाता है। इस कारण से डॉक्टर्स डायबिटीज के मरीजों को आइसक्रीम न खाने की सलाह देते हैं।
  6. फुलक्रीम दूध– डयबिटीज के रोगियों को फुलक्रीम दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
  7. चॉकलेट तथा मिठाइयां– कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि चॉकलेट तथा मिठाइयां अगर शुगर फ्री हों तो भी उसका अधिक मात्रा में प्रयोग डायबिटीज के मरीजों पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
  8. कुछ फल व सब्जियां– जड़, कंद, सूखे मेवे, केला, चीकू, सीताफल के सेवन से डायबिटीज के रोगियों को बचना चाहिए तथा साथ ही उन्हें अंडे तथा मांस के सेवन से भी दूर रहना चाहिए।

अन्य सुझाव

  1. डायबिटीज के पेशेंट्ïस को बैलेंस्ड डायट लेनी चाहिए। डायबिटीज के पेशेंट्ïस को एक साथ ज्यादा नहीं खाना चाहिए, लेकिन तीन समय का खाना जरूर खाना चाहिए और बीच-बीच में थोड़ा-बहुत स्नैक्स भी ले सकते हैं। आपको प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की संतुलित मात्रा लेनी चाहिए, कार्बोहाइड्रेट से शुगर जल्दी बनती है, जबकि प्रोटीन से धीरे-धीरे शुगर रिलीज होती है, जिससे ज्यादा देर तक पेट भरा हुआ लगता है, इस कारणवश ज्यादा खाने से बच जाते हैं। आपकी डायट में 55-60 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट, 15-20 प्रतिशत प्रोटीन और 15-20 फीसदी फैट होना चाहिए, ज्यादा
    तला-भुना न खाएं।
  2. खाने में 20 प्रतिशत फाइबर जरूर होना चाहिए। गेहूं से चोकर न निकालें। लोबिया, राजमा, स्प्राउट्ïस आदि खाएं, क्योंकि इनसे प्रोटीन और फाइबर दोनों मिलते हैं।
  3. एलोवेरा और आंवला का जूस लेना चाहिए। कम फैट वाला दही, दलिया या फिर ब्राउन ब्रेड के साथ अंडा लें। इसी तरह सब्जी के साथ दाल भी लें इससे शुगर लेवल कन्ट्रोल में रहता है। यदि ब्लडप्रेशर हाई नहीं रहता तो आप कभी-कभी नमकीन बिस्किट भी खा सकते हैं।
  4. जौ, काला चना, मंूग दाल और जामुन खासतौर पर फायदेमंद हैं। इनका ग्लाइसिमिक इंडेक्स भी कम है और ये पित्त के असंतुलन को कम करने के साथ-साथ शरीर के अन्दरूनी हिस्से को भी स्वस्थ रख सकते हैं।
  5. ज्यादा ग्लाइसिमिक इंडैक्स वाली चीजें न लें ये जल्दी ग्लूकोज में बदल जाती हैं। इससे शुगर लेवल
    अचानक बढ़ जाता है। जिससे इन्सुलिन को शुगर कन्ट्रोल करने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इनमें प्रमुख हैं, मैदा, सूजी, चावल, व्हाइट ब्रेड, नूडल्स, पिज्जा, बिस्किट, तरबूज, आम, सिंघाड़ा, अंगूर, केला, लीची आदि।
  6. पूरी, भरवां परांठे, पकौड़े, समोसे आदि न लें। यह वजन और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं।
  7. शराब, धूम्रपान का सेवन न करें, सब्जियों में-आलू, अरबी, कटहल, जिमिकन्द, शकरकंद, चुकन्दर न खाएं। इनमें स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है।

कैसा हो दैनिक आहार?

प्रात:काल 10 से 10.30 बजे- एक कटोरी मट्ठा और एक-आध फल।

दोपहर का भोजन– चोकर वाली गेहूं की दो रोटियां, एक कटोरी पकी हुई सब्जी, एक कटोरी दाल, एक कटोरी दही या मट्ठा।
दोपहर बाद– सैक्रीनवाली एक कप चाय और दो-तीन फीके बिस्कुट।
रात का भोजन– चावल, खिचड़ी या रोटी, एक कटोरी पकी हुई सब्जी, एक कटोरी दही तथा सोते समय एक कप फीका दूध।
इस आहार में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है। जो लोग सारा दिन मेहनत करते हैं, उन्हें अधिक भोजन की आवश्यकता होती है। जो लोग सारा दिन कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, उन्हें कम भोजन की आवश्यकता होती है। मांसाहारी लोग सुबह नाश्ते में अंडे का आमलेट या भोजन में मांस-मछली ले सकते हैं। आहार परिवर्तन सूची के अनुसार रोगी आहार में अदल-बदल कर सकता है। रोगी जितना नियंत्रित भोजन करेगा, उतना ही अच्छा होगा।

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