Way to Get Pregnant: हर कपल की चाहत होती है कि शादी के कुछ ही सालों बाद उनके घर में भी किलकारी गूंजे। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल, प्रदूषण, टेंशन और हेल्थ प्रॉब्लम्स के कारण कई विवाहिताओं को कंसीव करने में प्रॉब्लम होती है। इसी के साथ गर्भधारण में समस्या के कारण PCOD, महिला सेक्स हॉर्मोन्स में असंतुलन होना, फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होना, थायराइड की समस्या, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हो सकती हैं। ऐसे में लाइफस्टाइल में कुछ चेंज करके और कुछ छोटे-छोटे उपाय करके आप जल्द गर्भधारण कर सकती हैं।
पहली प्रेग्नेंसी को अबॉर्ट करवाने की गलती न करें

गर्भधारण के लिए ये बहुत जरूरी है कि आप सही उम्र में इसका प्रयास करें। डॉक्टर्स के अनुसार गर्भधारण करने की सही उम्र 20 से 28 साल के बीच होती है। इस ऐज में फर्टिलाइजेशन ज्यादा होता है। वहीं 35 साल की उम्र में प्रेग्नेंसी के चांस करीब 50 फीसदी कम हो जाते हैं। कई बार विवाहिताएं शादी के कुछ समय बाद ही गर्भधारण कर लेती हैं और कई बार इस अनचाही प्रेग्नेंसी को वो अबॉर्ट भी करवा देती हैं। यह गलतियां नवविवाहित जोड़े अक्सर करते हैं। लेकिन इससे बचना चाहिए। पहली प्रेग्नेंसी फर्टिलाइजेशन को बेहतर करती हैै, अगर आप इसे अबॉर्शन से खत्म करवा देती हैं तो यह भविष्य के लिए खतरा है।
ध्यान रखें ओवुलेशन पीरियड का

गर्भधारण के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है ओवुलेशन पीरियड का ध्यान रखना। प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ाने के लिए ओवुलेशन टाइम में शारीरिक संबंध बनाना शुरू कर देना चाहिए। इसे फर्टिलिटी का समय माना जाता है। पीरियड्स से दो वीक पहले का समय महिला के ओवुलेशन का होता है। इस दौरान गर्भधारण के चांस 60 से 70 प्रतिशत तक होते हैं। क्योंकि इस समय स्पर्म गर्भाशय के अंदर लगभग 72 घंटे तक जीवित रहते हैं। कुछ घरेलू उपायों से भी ओवुलेशन को सुधारा जा सकता है। ओवुलेशन के लिए लौंग का उपयोग फायदेमंद होता है। इससे पुरुषों और महिलाओं को इनफर्टिलिटी दूर करने में मदद मिलती है। लौंग में फोलिक एसिड और जिंक जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। लौंग को अपनी डेली डाइट में जरूर शामिल करें। इससे नेचुरल प्रेग्नेंसी में मदद मिलती है।
PCOD से तो नहीं जूझ रही आप

अगर आप जल्दी गर्भधारण करना चाहती हैं तो पीरियड्स का साइकिल दुरुस्त रखें। अगर पीरियड्स रेगुलर नहीं हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और इसका ट्रीटमेंट करवाएं। पीरियड्स का रेगुलर न होना PCOD के कारण हो सकता है। इसका इलाज करवाना बेहद जरूरी है। इसी के साथ कुछ घरेलू उपाय करके भी आप PCOD से राहत पा सकती हैं। सबसे पहले जंक फूड से दूरी बना लें। इसी के साथ रोज सुबह उठकर सबसे पहले गर्म पानी पिएं। सुबह दशमूल क्वाथ पिएं। आंवला और एलोवेरा जूस पीना भी फायदेमंद रहेगा। स्प्राउट्स खाना भी बेहद फायदेमंद रहेगा। इन्हें अपनी डेली मील में शामिल करें। अरंडी के तेल से ओवरी की सिंकाई करना भी फायदा देगा।
वेट करें कंट्रोल

बढ़ा हुआ वजन प्रेग्नेंसी के लिए दुश्मन जैसा है। मोटापे के कारण महिलाओं को कंसीव करने में परेशानी होती है। वहीं पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी वीक होती है। ओवरवेट महिलाओं में फेलोपियन ट्यूब और ओवरी के बंद होने की आशंका बढ़ जाती है। कई बार बच्चेदानी में सिस्ट भी हो जाते हैं। ये सभी बातें महिलाओं की प्रेग्नेंसी में बाधक हैं। वेट लॉस के लिए रेगुलर एक्सरसाइज और योग करें। इसी के साथ डाइट में कुछ चीजों को शामिल करके भी आप वेट लॉस कर सकते हैं। सुबह गर्म पानी में नींबू का रस और शहद डालकर पिएं। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो फैट को कम करता है। पत्तागोभी भी वेट लॉस करती है। इसमें फाइबर अधिक होता है और प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट भी होता है। ऐसे में इसे खाने से वेट लॉस होता है। इसी के साथ रेलुगर ग्रीन टी लें, सलाद खाएं, इनसे भी वजन कम होता है।
हेल्दी खाना बढ़ा देता है प्रेग्नेंसी के 30 फीसदी चांस
प्रेग्नेंसी के लिए सेहतमंद खाना जरूरी है। डॉक्टर्स के अनुसार आयरन और कैल्शियम की कमी से कंसीव होने के चांस कम होते हैं क्योंकि फर्टिलाइजेशन प्रॉपर डाइट से जुड़ा मामला है। महिला अगर अच्छा आहार लेती है तो प्रेग्नेंसी के चांस 30 फीसदी बढ़ जाते हैं। प्रोटीन रिच डाइट लें। आपने मील में दालें, स्प्राउट्स, लीन मीट शामिल करें। इन दिनों नशे का चलन पुरुषों के साथ ही महिलाओं में भी बढ़ रहा है। लेकिन सिगरेट और शराब के नियमित सेवन से प्रजनन क्षमता घटती है। जिसका असर ओवुलेशन पर पड़ता है। इसलिए किसी भी तरह के नशे से बचें।
लुब्रिकेंट्स का यूज न करें

अगर जल्द गर्भधारण करना चाहते हैं तो शारीरिक संबंध बनाते समय लुब्रिकेंट्स का प्रयोग कभी न करें। ये लुब्रिकेंट्स स्पर्म को ओवरी तक नहीं जाने देते। जिसके कारण कंसीव करने की संभावना खत्म हो जाती है। संबंध बनाते समय महिलाओं के शरीर में लिक्विड बनता है जो स्पर्म को ओवरी तक ले जाने में सहायक है। जिससे गर्भधारण की संभावना भी बढ़ जाती है। वहीं लुब्रिकेंट्स ऐसा करने में बाधक बनता है। ऐसे में लुब्रिकेंट्स का यूज न करना ही कपल्स के लिए सही है।
टेंशन डालता है बुरा प्रभाव

गर्भधारण करने में पुरुष और महिला, दोनों की प्रजनन क्षमता की अहम भूमिका होती है। वहीं टेंशन का सीधा असर प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। टेंशन के कारण महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे समय पर अंडाशय में अंडे परिपक्व होकर रिलीज नहीं हो पाते हैं। इसी का कारण ओवुलेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती। टेंशन के कारण पीरियड्स का साइकिल भी बिगड़ जाता है। टेंशन के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणुओं की कमी होती है। इतना ही नहीं यह शुक्राणुओं की क्वालिटी और गतिशीलता पर भी बुरा प्रभाव डालता है।