एथलेटिक स्टाईल योगा के संग रखें बाॅडी स्लिम और फिट, जानें कैसे मिलेगा फायदा
दिनों दिन तेज़ रफ़तार से बदल रही इस जीवनशैली ने जहां एक तरफ हमें बहुत कुछ दिया है, तो दूसरी तरफ हमसे बहुत कुछ लिया भी है। जैसे दिल का सुकून, रात की नींद, चेहरे की रंगत, तन की मज़बूती और स्वस्थ आहार, क्यों की उसकी जगह डाईटिंग और फास्ट फूड बड़े फास्ट ढंग से ले रहा है। जो शरीर को बेडौल बना रहा है। अब ऐसे में बेडौल हो रहे शरीर को स्लिम करने के लिए हमें महीने में एक आध बार ज़ीरो साईज़ बनने का फीवर चढ़ता तो ज़रूर है, मगर एक यां दो बार वाॅक पर जाकर ही वो फीवर तेज़ी से उतर भी जाता है। नतीजा वहीं ढाक के तीन पात। अगर आप भी ऐसी ही किसी स्थ्तिि से गुज़र रहे हैं, तो आज से ही आलसपन को कहें बाय बाय क्यों की अपने शरीर को फिट बनाने के लिए आप एथलेटिक स्टाईल की पावर को आज़मा सकते हैं।
एथलेटिक स्टाईल योगा क्या है
पावर योगा को भारतीय योग के प्रमुख आसन सूर्य नमस्कार के बारह स्टैप्स और कुछ अन्य आसनों को मिलाकर बनाया गया है। इस योग को 45 मिनट में किया जा सकता है। दरअसल, पावर योगा योग का एथलेटिक स्टाईल है, जो इसे पारंपरिक योगा से थोड़ा अलग करता है। पारंपरिक योगा का मूल मंत्र ध्यान और संयम है, जब कि पावर योगा शरीर की शक्ति और लचीलेपन पर ध्यान देता है। इस योग की खास बात ये है कि ये नियमों के बंधनों से परे है और आप इसे दिन में कभी भी कर सकते हैं।
शुरूआत
योग संस्कृत धातु युज से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है व्यक्तिगत चेतना। मगर अब इसे शारीरिक व्यायाम का रूप दे दिया गया है।
अमेरिका के दो योग टीचर्स ने बेरिल बेंडर बर्च और ब्रयान केस्ट ने एक योग मास्टर से अष्टांग योग सीखा था, जिसकी बदौलत सन् 1990 में अष्टांग योग की बुनियाद पर पावर योगा की नींव रखी गई। .़दरअसल, अष्टांग में ही कुछ परिवर्तन और कुछ टेक्निकल जोड़कर पावर योगा बनाया गया। एक दौर था जब कोई भी इंसान अधेड़ उम्र में बीमारियों के जाल में फंसता था। मगर आज के इस मार्डन युग में युवा पीढी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रही है। कहीं न कहीं आरामदायक दिनचर्या ही हमारी दुश्मन बनती जा रही हैं। ऐसे में शरीर को फिट रखने के लिए पावर योगा एक बहुत ही बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। बाॅलीवुड से लेकर हाॅलीवुड तक हर कोई पावर योगा का दीवाना है। क्यों की पावर योग से शारीरिक और मानसिक फिटनेस मिलती है।
फायदे
फिटनेस
बाडी को फिट रखना हो यां फिर वज़न घटाना हो, हर लिहाज़ से युवा पावर योगा की पावर को आज़मा रहे हैं। पावर योगा करने से शरीर में कैलोरीज़ बर्न करने की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे आसानी से मोटापा घटाकर शरीर को आकर्षक शेप दी जा सकती है। दरअसल, पुरूषों के शरीर में आधा वज़न मासपेशियों से होता है, जिसमें बाइसेप्स और ट्राईसेप्स के अलावा दिल, पेट और आत की मासपेशियां भी शामिल हैं। इन्हे मज़बूत बनाए रखने के लिए सप्ताह में कम से कम तीन बार पावर योगा करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
तनाव से मुक्ति
चिंता चिता के समान है, इन कहावतों को अब वैज्ञानिकों ने सच कर दिखाया है। जी हां शोधकर्ताओं की मानें तो ज्यादा सोचने और तनाव में रहने से हमारी सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है। मगर दिनभर काम की चिंता और भागदौड़ में हम इस कदर उलझ चुके है कि मानो चेहरे की मुस्कुराहट पंख लगाकर कहीं उड़ गई है। इतना ही नहीं, ऐसा लगता है कि जिंदगी फाइलों और कंप्यूटर में फंस कर रह गई है। ऐसे में पावर योगा एक बेहतर विकल्प है। पावर योगा एक ऐसा गुरूमंत्र है, जिसके ज़रिए आप अपनी जिंदगी को तनाव से मुक्त कर सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता
पावर योगा बहुत सी योग क्रियाओं को आपस में मिलाकर की जाने वाली क्रिया है। जो आपके शरीर में रक्त संचार और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इससे अस्थमा, अर्थराईटिस, डिप्रेशन, डायबिटीज़ और हाईपरटेंशन जैसी अनेक बीमारियों से निजात मिल जाता है।
शरीर को रखे संतुलित
हम दिनभर में कई लोगों से मिलते है, कुछ की बातें हमें अच्छी लगती हैं कुछ की बुरी लगती है, कुछ की तरक्की से हमें ईष्या होती है, कुछ हमसे ईष्या करते हैं। कुलमिलाकर हम अच्छे लोगों की अच्छी बातों को याद रखने की बजाय किसी के कहे कटु शब्दों को अपने मन में बैठा लेते हैं। तरक्की किसी और की होती है, मगर हम अपने दिन का चैन और रात की नींद खो देते है और मन ही मन परेशान रहने लगते हैं। यहीं से शुरू होता है बीमारियों का सिलसिला, जो एक दिन कैंसर, टयूमर, शुगर और बीपी समेत न जाने कितनी बीमारियों की वजह बन जाता है। मगर पावर योगा करने से हमारे शरीर से पसीना बहता है, जिससे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले टाॅक्सिनस बाहर आ जाते हैं। इस वजह से आपका शरीर संतुलित होता है, नतीजन तनाव कम होता है और कांस्नट्रेशन पावर बढ़ने लगती हैं।
सावधानियां
ट्रेनर की देखरेख में करें योगा
पावर योगा में जब तक आप पूरी तरह से एक्सपर्ट न हो जाएं, तब तक इसे ट्रेनर की देखरेख में ही करें। अन्यथा कमर दर्द, पैर में मोच यां फिर किसी चोट का शिकार हो सकते हैं।
मेडिकल हिस्ट्री
योगा टीचर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री से वाकिफ करना बेहद ज़रूरी है। अगर आप दिल के रोगी है, ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं यां फिर गर्भवती है, तो पावर योगा से आपको दूर रहना चाहिए। दरअसल, ये योग क्रिया ध्यान और संयम पर केंद्रित न होकर शारीरिक श्रम पर आधारित हैं।
हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं
पावर योगा करने से पहले हमें इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए कि आपके शरीर की मानसिक व भौतिक स्थ्तिि क्या है, आपकी जीवनशैली कैसी है और आप डाईट क्या लेते हैं। इसके अलावा 18 से 30 उम्र तक के लोगों के लिए पावर योगा बेहद फायदेमंद साबित होता है।
पांरपरिक योगा से जुदा
आमतौर पर लोग मान बैठते हैं कि पावर योगा पारंपरिक योग का ही हिस्सा है। मगर ऐसा नहीं है क्यों की इसमें मुद्राओं की कोई निर्धारित श्रेणी नहीं होती है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के आधार पर ही विभिन्न प्रकार की एक्सरसाईज का ही इस्तेमाल किया जाता है।
