Do yoga regularly to increase immunity power
Do yoga regularly to increase immunity power

Boost Immunity with Yoga: वजन बढ़ना आपके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार अगर आपका बीएमआई 24.9 से ऊपर है तो आप मोटापे का शिकार हैं। वजन बढ़ना एक गंभीर समस्या है जो आपके भावनात्मक स्वास्थ्य को भी आघात करती है।

अक्सर देखने को यह मिलता है कि महिलाएं परिवार का तो पूरा ख्याल तो रखती हैं, पर अपनी सेहत को अनदेखा कर देती हैं, जिसके चलते उनका इम्यूनिटी सिस्टम बिगड़ जाता है और वह कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं। ऐसा ना हो इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसे योगासन को स्थान दें, जो उनकी स्टेमिना को बढ़ाए और उन्हें ऊर्जा से भरपूर रखे। क्या है वो योगासन आइए जानें-

Boost Immunity with Yoga-Naukasana
Naukasana

जैसा कि नाम से पता चल रहा है नौकासन मतलब नाव जैसा आसन। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप दंडासन में बैठ जाओ। इसके बाद हल्के हाथ से जमीन को दबाते हुए सांस अंदर की तरफ लें, अब अपनी रीढ़ की हड्डी को लंबा करने का प्रयास करें। सांस बाहर छोड़ते हुए अपने दोनों पैरों को एक साथ ऊपर की ओर उठाएं। अपने दोनों को साठ डिग्री तक लाएं इस दौरान अपने दोनों हाथ नीचे ही लगाकर रखें। अब आप सांस को अंदर की ओर लेते हुए पीछे की ओर झुकें। याद रखें कमर के जोड़ों से नहीं झुकना केवल कूल्हों के जोड़ों से झुकना है। अपने दोनों हाथ उठाकर घुटनों के पास ले आएं। तकरीबन पांच-छ: बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। अब आसन से बाहर निकलने के लिए हाथ को नीचे टिकाएं और सांस छोड़ते हुए अपने धड़ को सीधा करें। इस दौरान पीठ को सीधा रखें और वापस ऊपर आएं। अब दोनों पैरों को नीचे कर लें।

Urdhva Dhanurasana
Urdhva Dhanurasana

इसे चक्रासन भी कहते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद दोनों तलवों को जमीन पर मजबूती से टिका लें। इसके बाद अपने दोनों हाथ सिर की तरफ उठाकर हथेलियों को जमीन पर लगाएं। अपने दोनों पैरों और हथेलियों के बीच लगभग डेढ़ फिट का गैप रखें। अपने हाथों और पैरों के सहारे बाकी शरीर ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान सांस रोक कर रखें। पंद्रह सेकेंड तक रुकें, वापस अपनी मुद्रा में आएं और पीठ के बल लेट जाएं। इस आसन को चार से पांच बार करें।

vertical mouth breathing
vertical mouth breathing

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं। पैरों के तलवे ऊपर की तरफ रखें। अपने हाथ शरीर से चिपकाकर नीचे की ओर रखें। अब अपने दोनों हाथ उठाकर बगल के पास रखें। हाथों पर वजन डालते हुए कंधों को ऊपर उठाएं और अपने बांहों को सीधा करें। आप तब तक ऊपर आएं अब तक कि दोनों हाथ सीधे न हो जाएं। पैर पंजों के बल ही टिका कर रखे। पीठ जितनी मोड़ी जाये उतनी ही मोड़ें। अब सिर को ऊपर उठाते हुए आसमान की तरफ देखें। अब पांच से छ: बार सांस लें और पुन: पहले की अवस्था में आएं।

Ustrasana
Ustrasana

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठें। दोनों हाथों को अपने शरीर के साथ रखते हुए घुटनों के बल खड़े हों जाएं। पीछे झुकते हुए दाएं हाथ से दाएं पैर की एड़ी को पकड़ें और बाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी को पकड़ें। अब अपने सिर को पीछे झुकाएं और पेट आगे की तरफ कमर और सिर को पीछे की ओर रखें। इसी अवस्था में पंद्रह सेकेंड तक रहें और सांस लेते और छोड़ते रहें। सांस छोड़ते हुए पहले की स्थिति में आ जाएं।

matsyasana
matsyasana

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप कमर के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर से चिपकाकर रखें। पैरों को आपस में चिपका लें। अब अपने दोनों हाथों को कूल्हों के नीचे ले जाएं और दोनों हथेलियां जमीन पर टिका दें। अब सांस को अंदर लें और सिर व छाती को ऊपर की तरफ उठाएं। इसके बाद छाती को ऊपर ही रहने दें व सिर को जमीन पर टिकाने का प्रयत्न करें। अब अपनी कोहनियों को जमीन पर दबाएं और सारा भार कोहनियों पर डालें न कि सिर पर। छाती को ऊपर उठाएं और पैरों और जांघों को जमीन पर टिका कर रखें। अब गहरी सांस लें और इसी अवस्था में रहें। अब सिर को ऊपर उठाएं और छाती को नीचे करते हुए पहले की अवस्था में आएं।

Dhanurasana
Dhanurasana

इस आसन में शरीर धनुष की तरह हो जाता है इसलिए इसे धनुरासन कहते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों घुटनों को मोड़ कर पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। अब अपने दोनों हाथों से पैरों के टखनों को पकड़ लें, इस दौरान हाथ व कोहनी सीधी रहनी चाहिए। अब पैरों को बाहर की ओर खोलते हुए अपने घुटनों को ऊपर की ओर उठाइये। सांस अंदर लेते हुए अपनी छाती भी उठाएं। गर्दन उठाकर ऊपर की ओर देखें। आप पूरी तरह धनुष की तरह बन जाएं। पूरी ताकत के साथ आगे और पीछे का भाग उठाएं। दस-बीस सेकेंड इसी स्थिति में रहें। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पहले की स्थिति में आ जाएं। इसे केवल दो से तीन बार ही करें।

Bhujangasana

भुजंगासन काफी फायदेमंद साबित होता है। इसे आप आसानी से कहीं भी कर सकते है। और ये आपकी कमर और आपके बाकि सभी अंगों के लिए काफी फायदेमंद है। इसे करने के लिए आप पेट के बल लेट जाएं और हाथों को सामने की तरफ रखें। फिर हाथों पर बल देते हुए शरीर के अगले हिस्से को भुजंग यानी सांप की तरह उठा दें आपके शरीर का पिछला भाग जमीन पर टिका रहेगा आपको कमरे तक का भाग उठाना है। इस आसन को दो से तीन बार करना है। ये आपके शरीर के लिए काफी फायदेमंद है।