बच्चों की नींद है जरुरी, नहीं तो होगा हार्ट अटैक का खतरा
बच्चों में हार्ट अटैक के बढ़ने की वजह उनकी जीवनशैली, खानपान , मानसिक दबाव, और शारीरिक गतिविधियों की कमी माना जा रहा है।
Heart Attack in Kids: बच्चों में दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक आजकल एक चिंताजनक समस्या बन गया है, इस तरह की परेशानी जो पहले केवल बड़ों में देखी जाती थी। वो परेशानी बदलते समय में छोटे बच्चों और टीनएजर्स में भी बढ़ती जा रही है। बच्चों में हार्ट अटैक के बढ़ने की वजह उनकी जीवनशैली, खानपान , मानसिक दबाव, और शारीरिक गतिविधियों की कमी माना जा रहा है। हालांकि यह समस्या दिन पर दिन बढ़ रही है, लेकिन अगर हम बच्चों को स्वस्थ और अच्छी आदतें सिखाएं, उनकी शारीरिक और मानसिक भलाई का ध्यान रखें और साथ में उन्हें भी इसकी अहमियत समझाएं तो इसे आसानी से रोका जा सकता है। बच्चों का दिल स्वस्थ रखना केवल उनका शारीरिक विकास ही नहीं,
बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी जरूरी है।
तनाव

बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से बच्चों पर पढ़ाई, परीक्षा, और समाजिक दबावों का बोझ बहुत बढ़ गया है। मानसिक तनाव का बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा और नकारात्मक असर पड़ता है। लगातार तनाव में रहने से ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट में कुछ भी गड़बड़ हो सकती है।
वंशानुगत
हार्ट अटैक का कारण कभी-कभी जेनेटिक यानी की वंशानुगत भी हो सकता है। अगर परिवार में किसी को पहले से ही दिल की बीमारी रही हो, तो बच्चों में भी ये परेशानी होने का खतरा बढ़ सकता है।
खानपान

बच्चों का खानपान भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फास्ट फूड, जंक फूड, मीठी चीजें, और प्रोसेस्ड फूड का बहुत ज़्यादा सेवन बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर लगातार बढ़ाता जा रहा है। ट्रांस फैट, चीनी, और नमक का सेवन दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।
शारीरिक गतिविधियों की कमी
बच्चों में दिल का दौरा पड़ने का एक बड़ा कारण है शारीरिक गतिविधियों की कमी होना । जब बच्चे खेलकूद में भाग नहीं लेते, तो उनका दिल और शरीर सक्रिय नहीं रह पाते हैं , जिससे हृदय स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
जीवनशैली

आजकल के बच्चे काफी समय डिजिटल स्क्रीन पर बिताते हैं। लंबे समय तक टीवी देखना, कंप्यूटर या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना, वीडियो गेम्स खेलना बच्चों की शारीरिक गतिविधि को ख़तम कर रहा है। यह जीवनशैली बच्चों में वजन बढ़ने और दिल की बीमारी का कारण बन रही है।
नींद की कमी
बच्चों के रात में सोने का एक सही समय बनाएं ताकि वो कम से कम 9 से 10 घंटे की भरपूर नींद ले पाएं। नींद पूरी न होने की वजह से हमारे शरीर में कोर्टिसोल हॉर्मोन बढ़ने लगता है और ये दिल पर दबाव दाल कर ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है।
खाली पेट स्कूल जाना

बच्चे स्कूल के लिए घर से सुबह जल्दी निकलते हैं। जाहिर सी बात है सुबह सुबह उठते ही कुछ खाने का मन नहीं होता है। इसके लिए माता पिता बच्चों को रात में जल्दी सुलाएं और सुबह समय से उठा कर कुछ देर बच्चे को सुस्ताने का समय दें इस बीच बच्चे को भूख लग जाएगी और वो ठीक तरह से कुछ हल्का नाश्ता कर पायेगा। जब बच्चा लंबे समय तक कुछ नहीं खाता तो खासतौर पर हृदय को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता और उसकी कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।
