ऐसे सुधारें बच्चों की W पोज़िशन में बैठने की आदत: W-Sitting in Children
W-Sitting in Children

W पोज़िशन में बैठने की आदत डालती है बच्चों के विकास पर नकारात्मक असर

घुटने मोड़कर बैठने में बच्चों को थोड़ा आराम महसूस होता है। इसलिए वो उनकी आदत में शामिल हो जाता है। हमें उन्हें टोकते रहना चाहिए इस तरह वो अपनी इस आदत को भूल जाएंगे।

W-Sitting in Children: बच्चे अक्सर बुरी आदतों को अच्छी आदतों से ज़्यादा जल्दी अपना लेते हैं। नाखून चबाने जैसी हानिरहित आदतें भले ही जल्दी छूट जाएं, लेकिन W पोज़िशन में बैठने की गन्दी आदत छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है और कई बार इसमें साल भी लग जाते हैं। W पोज़िशन में बैठने से बच्चों को ज़्यादा स्थिरता मिलती है, जिससे वो अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं और आराम से अपने हाथों से खेल पाते हैं। ध्यान दें कि बच्चों को ज़्यादा स्थिरता की ज़रूरत तब पड़ती है जब उनके कूल्हे का नियंत्रण विकसित नहीं हो पाता। बाद में आपके बच्चे को दूसरी सामान्य पोज़िशन में बैठने में दिक्कत होगी। W पोज़िशन आपके कूल्हों को अंदर की तरफ और घुटनों की बाहर की तरफ मोड़ देती है, जिससे उसके विकासशील शरीर में अनावश्यक खिंचाव आता है।

अगर आपका बच्चा भी ऐसे ही बैठता है तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और जल्दी ही ठोस क़दम उठाएं।

व्यस्त रखें

W-Sitting in Children
Keep them busy

W पोज़िशन में बैठने की आदत छुड़ाने का सबसे अच्छा तरीका है शारीरिक गतिविधि। इससे ये भी सुनिश्चित होता है कि आपके बच्चे का शारीरिक विकास इस उम्र में सही तरह से हो रहा है। इसलिए उसे तैराकी, साइकिल चलाना, या दूसरे घर के बाहर खेले जाने वाले खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे उसके शरीर में गतिविधि बनी रहे। कुछ सरल व्यायाम जैसे क्रैब पोज़िशन और एंकल आर्ट से भी इस पोज़िशन में बैठने की आदत को बदला जा सकता है। जब भी आपका बच्चा बैठा हो, तो उसे आगे बढ़कर या पीछे मुड़कर अपने खिलौने पकड़ने के लिए कहें। यह आसान गतिविधियां कूल्हे और पीछे की मांसपेशियों को खींचती हैं जिससे शरीर में लचीलापन और पोश्चुरल कण्ट्रोल भी सुधरता है। 6-8 साल के बच्चों के लिए योग और ट्विस्टर गेम भी अच्छे विकल्प हैं।

चलने के लिए प्रोत्साहित करें

Play with your munchkin
Play with your munchkin

जितना ज़्यादा आपका बच्चा चलेगा उतना ही ज़्यादा वह इस पोज़िशन में नहीं बैठ पाएगा और धीरे-धीरे उसकी ये आदत अपने आप चली जाएगी। इसके लिए बच्चे के पीछे खड़े होकर अपने हाथ उसकी ऊपरी बांह के आस-पास रखें और उसे खड़े होने की पोज़िशन में लाएं। धीरे से पहले एक बांह को आगे करें और फिर दूसरी बांह बढ़ाएं। जैसे-जैसे वह अपने कूल्हों को घुमाकर आगे क़दम रखेगा, वैसे- वैसे वह अपने आप आगे बढ़ेगा। बच्चे को आप तक चलकर आने का भी कोई कारण दें जैसे कि खिलौने। उसके मनपसंद खिलौने जानबूझ कर दूर रखें जिससे कि वह चलकर आने की कोशिश करे। या फिर उसके सारे खिलौने घर के अलग-अलग हिस्सों में रख दें और साथ-साथ चलकर उन्हें ढूंढने का प्रोत्साहन दें। आप पुश टॉयज़ जैसे रिमोट कंट्रोल्ड कार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसे देखकर बच्चा किसी सहारे से खड़ा होकर चलने की कोशिश करेगा।

ऐसे समझाएं

Make them understand
Make them understand

बच्चों की बुरी आदतें हटाना मुश्किल है, ख़ासकर जब W पोज़िशन में बैठने की बात हो, इसलिए जितना जल्दी हो सके उन्हें टोकना शुरू करें। दिन में चाहे कितनी ही बार जब भी आप उन्हें इस पोज़िशन में बैठें देखें तो अच्छे से बैठो बेटा ये कहना न भूलें। या फिर आपसी सलाह से एक ख़ास टैगलाइन बनाएं जिसे बोलने पर बच्चा तुरंत समझ जाए कि उसे ठीक से बैठने को कहा जा रहा है।ऐसे मौखिक संकेतों का लगातार इस्तेमाल उन्हें अपने आप सामान्य तरीके से बैठना सिखा देगा। ध्यान रहे कि यह संकेत सकारात्मक शब्दों के द्वारा दिए जाएँ और नकरात्मरक शब्दों जैसे-ऐसे मत बैठो या इस तरीके से बैठना बंद करो का इस्तेमाल न करें। यह तरीका लम्बे समय तक इस बदलाव को बनाए रखने में ज़्यादा प्रभावी है।

उनके सामने बैठें

Show them how to sit
Show them how to sit

बच्चे के सामने ज़मीन पर बैठें और अलग-अलग पोज़िशन में बैठकर उसे इस आदत को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। पालथी मार कर, पैरों को लम्बा कर, पैरों को एक तरफ कर, या घुटनों के बल बैठें और उसे भी आपकी नकल करने को कहें। लेकिन ख़्याल रहे कि अचानक से बच्चे की पोज़िशन बदलना इतना आसान नहीं है। इसलिए अगर बच्चा इन पोज़िशन की नकल नहीं कर पाए तो उसे एक लो चेयर, बीनबैग चेयर, या स्टूल पर बैठने को कहें और उसका मन बहलाने के लिए कोई खेल खेलें। इससे उसकी मासपेशियां एक्टिवेट होंगी। धीरे-धीरे बच्चे की W पोज़िशन पर निर्भरता कम हो जाएगी और वो दूसरी पोज़िशन में बैठकर पैरों के खिंचाव को भी संतुलित कर पाएगा।

गुदगुदी करें

Tickling is fun
Tickling is fun

यह W पोज़िशन की समस्या का सबसे आसान और मज़ेदार उपाय है। अक्सर बच्चे ज़िद्दी हो जाते हैं, या यूँ ही वो वही हरक़त करते हैं जिसके लिए उन्हें मना किया जाता है। ऐसी स्थिति में अपना धैर्य खोकर बच्चे पर चिल्लाने से अच्छा है उसे गुदगुदी कर सही से बैठने पर मजबूर करना। हँसते समय गुदगुदी से बचने के लिए हम हाथ-पैर मारते हैं और इसी जद्दोजहद में बच्चे भी अपने आप ही पैर सीधे या लम्बे कर ख़ुद को गुदगुदी से बचाने की कोशिश करेंगे। ऐसा बार-बार करने पर वह अपने आप ही थक कर सही से बैठना शुरू कर देंगे। ध्यान रहे कि गुदगुदी करने के साथ साथ आप उन्हें सही से बैठने के लिए भी बोलें जिससे उन्हें पता चल जाए कि आप ऐसा बार-बार क्यों कर रहे हैं।

थोड़ा समय दें

Give them time
It will take time

W पोज़िशन में बैठना बच्चे की सेहत के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन ये घबराने वाली बात भी नहीं है।अगर आप अपने पड़ोसी, ऑफिस, घर, या दोस्तों में पता करेंगे तो पाएंगे कि ज़्यादातर बच्चे इसी तरह बैठते हैं। हो सकता है कि आपका बच्चा कुछ दिनों में ख़ुद ही यह आदत छोड़ दे क्यूंकि शुरूआती दिनों में बच्चे कई बार अलग-अलग बैठने, उठने, और बोलने की आदत अपनाते हैं लेकिन समय के साथ वो अपने आप चली भी जाती हैं। इसलिए अचानक से परेशान होकर कोई फैसला न लें, बल्कि उसे ग़ौर से रोज़ देखें। क्या आपका बच्चा किसी ख़ास समय ही ऐसे बैठता है, क्या इसकी कोई ख़ास वजह है, इन सब सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश करें। हो सकता है अगले एक-दो महीने में वो अपने आप ही सही से बैठना शुरू कर दें।

ध्यान रखें किसी भी आदत को छुड़ाने के लिए बच्चों के साथ बहुत ही प्यार से पेश आएं, डांटने पर बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और प्यार से समझाने पर खुश हो कर उस बात को समझना शुरू कर देते हैं, तो बस प्यार का सहारा लें।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...