आमतौर पर देखा गया है कि बच्चे चलते या बैठते समय इस बात का बिल्कुल ख्याल नहीं रखते हैं कि वो कैसे चल रहे हैं या फिर कैसे बैठे हैं। कई बार बच्चों के बैठने का तरीका उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक साबित हो सकता है। आइए जानें कैसे –
आपने बच्चों को अक्सर घुटने के बल बैठे हुए या फिर डब्ल्यू (W ) पोजीशन में बैठे हुए देखा होगा। ये पोजीशन बच्चों के लिए आरामदायक तो होती है लेकिन खतरनाक भी होती है।
क्या हैं नुकसान
अगर बच्चा लगातार ‘डब्ल्यू’ पोजीशन यानी घुटने के बल बैठ रहा है तो धीरे-धीरे उसके जोड़ों में दर्द बढ़ेगा और आगे चलकर मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इस पोजीशन में बैठने से बच्चों के कूल्हों, घुटनों और जांघों पर दबाव पड़ता है और इस पोजीशन में बैठने से रीढ़ की हड्डी भी कमजोर होती है।
मानसिक विकास में बाधा
बच्चे अक्सर खेलते, पढ़ते या टीवी देखते समय अपने पैरों को मोड़कर बैठ जाते हैं। इस तरह बैठना उनकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। इस पोजीशन में बैठने से बच्चों का शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक विकास भी रुक जाता है। ऐसे बच्चे ज्यादा एक्टिव नहीं होते हैं।
गर्दन ,कंधे पर दबाव
इस पोजीशन में बैठने से बच्चे के गर्दन, कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्सों पर भी दबाव पड़ता है। लगातार घुटने के बल बैठने से कंधे पर भी भार पड़ता है और आगे चलकर यहां दर्द शुरू हो सकता है।
हड्डी खिसकने का खतरा
जो बच्चे डब्ल्यू पोजिशन में बैठते हैं उनमें हड्डी खिसकने का खतरा बना रहता है।
