गर्मी के दिनों में एसिडिटी, अपच, पेट फूलना, खट्टी डकारें आना, कब्ज और भी कई पाचन संबंधी समस्यायें ज्यादा परेशान करती हैं। खासकर जब आप भोजन करके तुरंत लेट या बैठ जाते हैं। 

वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन है जिसे भोजन करने के बाद किया जाता है। यदि हम इस आसन का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं तो इसे भोजन करने के तुरंत बाद करना चाहिए। जब हम घुटनों को मोड़कर बैठते हैं तो शरीर के निचले भाग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है और पैलविक भाग में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है जिससे हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम की सक्रियता बढ़ जाती है और भोजन जल्दी तथा आसानी से पच जाता है। कहा जाता है जो व्यक्ति नियमित वज्रासन का अभ्यास करता है उसको पेट संबंधी रोगों का सामना नहीं करना पड़ता।

कैसे करें 

  • वज्रासन करने के लिए किसी समतल जगह पर पैर सीधे करते हुए बैठें।
  • फिर अपने दोनों घुटनों को मोड़कर इस तरह बैठें कि पैरों के पंजे पीछे और ऊपर की ओर हो जाएँ एवं हिप्स दोनों एडियों के बीच में आ जाए।  
  • पैरों के अंगूठों को आपस में मिलाकर रखना है। दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हुए अपनी कमर व गर्दन सीधी रखें।   
  • शरीर को रिलेक्स रखते हुए आँखें बंद करके जितनी देर संभव हो सके, उतनी देर शांति से बैठें।
  • शुरुआत में 5 मिनिट इस आसन में बैठने की कोशिश करें। अभ्यास होने पर धीरे- धीरे समय बढ़ाकर 15 मिनिट तक कर सकते हैं।   

वज्रासन के फायदे 

  • वज्रासन का नियमित अभ्यास करने से पेट, लीवर, आंतों तथा यूट्रस को ऊर्जा तथा दृढ़ता मिलती है। जिसके कारण पाचन संबंधी होने वाली समस्याएँ जैसे – एसिडिटी, पेट फूलना, गैस, खट्टी डकारें आना आदि में आराम मिलता है, साथ ही साथ कब्ज से भी राहत मिलती है।
  • इस आसन से पेट, कमर तथा जांघों की चर्बी घटती है। भोजन जल्दी पच जाने से हमारे शरीर में फैट भी नहीं जमा हो पाता जिसके कारण शरीर की चर्बी कम हो जाती है।  
  • हर्निया के रोगियों को इस अभ्यास को करने से फायदा मिलता है।
  • इस आसन से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और बॉडी पोश्चर सही होता है।

इनका भी रखें खास ध्यान

  • जिनके घुटनों में दर्द रहता हो या घुटनों की सर्जरी हुई हो, जोड़ों की समस्या वाले और ऑस्टियो आर्थेराइटिस की समस्या वाले व्यक्तियों को यह अभ्यास नहीं करना चाहिए।  
  • प्रेग्नेंसी के अंतिम चरण में भी वज्रासन नहीं करना चाहिए; शुरुआती स्टेज में किसी योग चिकित्सक की देखरेख में कर सकते हैं।
  • पाइल्स से पीड़ित मरीज भी इस अभ्यास को न करें।